TRENDING TAGS :
Post Office Monthly Income Scheme: हर महीने निश्चित ब्याज कमाने का सुरक्षित मौका
Post Office Monthly Income Scheme: यह एक सरकारी बचत योजना है, जिसमें एकमुश्त (One-time) निवेश करने पर हर महीने ब्याज के रूप में इनकम मिलती है।
Post Office Monthly Income Scheme Benefits in Hindi
Post Office Monthly Income Scheme: अगर आप चाहते हैं कि आपकी कमाई सिर्फ सैलरी या व्यापार तक सीमित न रहे, और हर महीने एक तय इनकम आपके खाते में आती रहे-तो पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (Post Office Monthly Income Scheme - POMIS) आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह योजना खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो बिना जोखिम के सुरक्षित और नियमित आय पाना चाहते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि एक बार पैसा जमा करने पर आपको हर महीने एक निश्चित राशि ब्याज के रूप में मिलती है, वो भी पूरे 5 साल तक। आइए इस स्कीम को विस्तार से समझते हैं।
क्या है पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS)?
यह एक सरकारी बचत योजना है, जिसमें एकमुश्त (One-time) निवेश करने पर हर महीने ब्याज के रूप में इनकम मिलती है। यह स्कीम खासतौर पर रिटायर्ड, सीनियर सिटीजन या उन निवेशकों के लिए लाभदायक है जो तयशुदा आय (Fixed Income) चाहते हैं। इस स्कीम में पूंजी पूरी तरह सुरक्षित रहती है क्योंकि यह डाक विभाग द्वारा संचालित होती है।
वर्तमान में (जुलाई 2025 तक) इस स्कीम पर 7.4% वार्षिक ब्याज मिल रहा है, जो हर महीने के हिसाब से निवेशक को दिया जाता है। ध्यान दें, ब्याज दर समय-समय पर बदल सकती है।
कैसे मिलेगा हर महीने निश्चित ब्याज?
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में सिंगल अकाउंट के लिए अधिकतम निवेश सीमा ₹9 लाख है और जॉइंट अकाउंट के लिए ₹15 लाख।
अगर कोई व्यक्ति जॉइंट अकाउंट में अधिकतम ₹15 लाख निवेश करता है, तो उसे हर महीने ब्याज के रूप में करीब ₹9,250 मिलेंगे।
गणना ऐसे करें:
₹15 लाख पर 7.4% सालाना ब्याज = ₹1,11,000
मासिक इनकम = ₹1,11,000 / 12 = ₹9,250 प्रति माह
सिंगल अकाउंट में ₹9 लाख निवेश पर मासिक इनकम करीब ₹5,550 होगी।
इस स्कीम की अवधि 5 साल की होती है। यानी आपको हर महीने ब्याज मिलेगा, और 5 साल बाद आपकी पूरी मूलधन राशि आपको वापस मिल जाएगी।
इस योजना की प्रमुख खूबियां:
1. सुरक्षित और भरोसेमंद:
यह सरकार समर्थित योजना है, इसलिए पूंजी डूबने का कोई खतरा नहीं।
2. नियमित मासिक इनकम:
हर महीने एक तयशुदा राशि बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है, जिससे वित्तीय स्थिरता बनी रहती है।
3. सिंगल और जॉइंट अकाउंट का विकल्प:
इस स्कीम को अकेले (₹9 लाख तक) या जॉइंट अकाउंट (₹15 लाख तक) के रूप में खोला जा सकता है।
4. प्रीमैच्योर क्लोजर का विकल्प:
1 साल के बाद जरूरत पड़ने पर खाता बंद भी किया जा सकता है, हालांकि इसमें ब्याज दर में कटौती (पेनाल्टी) होती है।
5. टैक्सेशन:
इस स्कीम से मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल है, यानी इस पर आयकर देना पड़ सकता है, हालांकि TDS नहीं कटता।
स्कीम में खाता कैसे खोलें?
- किसी भी नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर इस स्कीम में खाता खोला जा सकता है।
- केवाईसी दस्तावेज़ (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो) जमा करना अनिवार्य है।
- खाता एकल या संयुक्त रूप से खोला जा सकता है।
- एक नाबालिग के नाम से भी खाता खोला जा सकता है, बशर्ते अभिभावक के अधीन हो।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!