Chandauli News: नौगढ़ में श्रमिकों के लिए खुशखबरी:श्रम कार्ड दिलाएगा सरकारी योजनाओं का लाभ

Chandauli News: श्रम कार्ड उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों को जारी किया जाता है।

Sunil Kumar
Published on: 26 Jun 2025 6:07 PM IST
Chandauli News: नौगढ़ में श्रमिकों के लिए खुशखबरी:श्रम कार्ड दिलाएगा सरकारी योजनाओं का लाभ
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के नौगढ़ विकासखंड के खंड विकास अधिकारी अमित कुमार  (photo: social media ) 

Chandauli News: चंदौली जिले के नौगढ़ विकासखंड के खंड विकास अधिकारी अमित कुमार ने क्षेत्र के सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों से अपील की है कि वे श्रम विभाग द्वारा जारी श्रम कार्ड अवश्य बनवा लें। उन्होंने इस कार्ड को श्रमिकों के "सशक्त भविष्य की कुंजी" बताते हुए कहा कि यह केवल एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि सरकार की कई महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ दिलाने वाला माध्यम है।

क्या है श्रम कार्ड?

श्रम कार्ड उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों को जारी किया जाता है। यह उन मेहनतकश लोगों के लिए है जो निर्माण कार्य, ईंट भट्ठा, राजमिस्त्री, बढ़ई, पेंटिंग, लोहे का काम, लोडिंग- अनलोडिंग, सड़क या नाली निर्माण, प्लंबिंग, बिजली का काम या मनरेगा जैसी असंगठित क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देते हैं।

श्रम कार्ड से मिलने वाले फायदे:

बीडीओ अमित कुमार ने श्रम कार्ड के फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जो इस प्रकार हैं:

* शिक्षा में मदद: श्रमिकों के बच्चों को पहली कक्षा से लेकर 12वीं तक ₹1000 से ₹5000 तक की छात्रवृत्ति मिलती है। उच्च शिक्षा जैसे ग्रेजुएशन, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, बी.एड, बी.टेक, एम.ए., और पीएचडी के लिए ₹8000 से ₹60,000 तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध है।

* स्वास्थ्य सुरक्षा: श्रमिकों और उनके परिवार को कैंसर, हृदय रोग और किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए ₹50,000 तक की मदद मिलती है। दुर्घटना होने पर मुफ्त इलाज की सुविधा भी दी जाती है।

* मातृत्व और पितृत्व लाभ: महिला श्रमिकों को बच्चे के जन्म पर ₹15,000 और पुरुष श्रमिकों को पत्नी के प्रसव के दौरान ₹5000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

* बीमा का सुरक्षा कवच: श्रमिक की सामान्य मृत्यु होने पर ₹2 लाख और दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी रूप से अपंग होने पर ₹4 लाख तक का मुआवजा मिलता है। आंशिक अपंगता की स्थिति में भी ₹1 लाख तक की सहायता दी जाती है।

* अपना घरौंदा: श्रमिकों को अपना पक्का मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अतिरिक्त ₹1.2 लाख तक की सहायता मिलती है। शौचालय बनवाने के लिए भी ₹12,000 की मदद दी जाती है।

* पेंशन का सहारा: 60 वर्ष की आयु के बाद श्रमिकों को हर महीने ₹1000 की पेंशन मिलती है। श्रमिक की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को विधवा पेंशन भी मिलती है।

* अन्य सहायता: बच्चों की शादी के लिए ₹55,000 (प्रति लड़की), औजार खरीदने के लिए ₹2000 और तीर्थ यात्रा या विशेष यात्रा के लिए भी ₹2000 की सहायता मिलती है।

कौन बनवा सकता है श्रम कार्ड?

अमित कुमार ने बताया कि जो भी श्रमिक निर्माण कार्यों से जुड़े हैं और पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 दिन काम कर चुके हैं, वे श्रम कार्ड बनवाने के योग्य हैं। इसके लिए आवेदक की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

श्रम कार्ड बनवाने के लिए जरूरी कागजात:

* आधार कार्ड

* बैंक पासबुक की फोटोकॉपी

* दो पासपोर्ट साइज फोटो

* मोबाइल नंबर

* कार्य का प्रमाण (जैसे नरेगा जॉब कार्ड, श्रमिक प्रमाण पत्र या स्वघोषणा पत्र)

कैसे करें आवेदन?

श्रम कार्ड बनवाने के लिए श्रमिक अपने ग्राम पंचायत कार्यालय, किसी भी सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जा सकते हैं या श्रम विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पंचायत सहायक और ग्राम सचिव भी आवेदन करने में मदद कर रहे हैं।

बीडीओ की महत्वपूर्ण अपील

बीडीओ अमित कुमार ने क्षेत्र के सभी श्रमिकों से अपील की है कि वे बिना किसी देरी के अपना श्रम कार्ड बनवा लें। उन्होंने कहा कि जानकारी की कमी के कारण कई श्रमिक सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं, इसलिए सभी को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।उन्होंने ग्राम प्रधानों, पंचायत अधिकारियों और पंचायत सहायकों से भी आग्रह किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में श्रमिकों को जागरूक करें और श्रम कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

विशेष शिविरों का आयोजन

खंड विकास कार्यालय जल्द ही ब्लॉक स्तर पर विशेष "श्रमिक पंजीकरण शिविर" आयोजित करेगा। इन शिविरों में मौके पर ही श्रम कार्ड के लिए आवेदन लिए जाएंगे, और संबंधित विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

श्रम कार्ड वास्तव में श्रमिकों के लिए एक सुरक्षा कवच है, जो उन्हें और उनके परिवार को आर्थिक और सामाजिक रूप से सुरक्षित भविष्य की ओर ले जा सकता है। नौगढ़ के बीडीओ की यह पहल निश्चित रूप से सराहनीय है और क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक बड़ी उम्मीद लेकर आई है।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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