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अब पानी नहीं.. बहेगा Pakistan! कांग्रेस ने किया सालों से अन्याय, मोदी सरकार ने तोड़ा बंधन, अब मिलेगा किसानों को इंसाफ
Indus Water On Modi Government: भारत अब सिंधु नदी के पानी का बेहतर तरीके से प्रयोग के करने की रणनीति पर तेजी से कार्य कर रहा है।
Indus Water On Modi Government
Indus Water On Modi Government: केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को ठंडे बस्ते में डालने के बाद अब इसे लेकर एक बड़ा जनजागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान के माध्यम से सरकार जनता को यह दर्शाएगी कि यह संधि भारत के लिए किस तरह नुकसानदेह रही और इसे स्थगित करने से देश को किस प्रकार लाभ मिल सकते हैं।
सरकार का दावा है कि साल 1960 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा की गई यह संधि भारतीय किसानों के साथ एक बड़ा अन्याय था। इस संधि के अंतर्गत भारत का हिस्सा होने के बाद भी पानी और आर्थिक लाभ पाकिस्तान को सौंप दिया गया था।
केंद्रीय मंत्रियों को दी गई बड़ी जिम्मेदारी
इस आउटरीच कार्यक्रम की कमान कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों को सौंप दी गई है। इनमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव जैसे नेता शामिल हैं। ये मंत्री गांव-गांव जाकर जनता को आसान भाषा में समझने का प्रयास करेंगे कि सिंधु जल संधि क्यों अन्यायपूर्ण रही और इसे रोकने से देश को कैसे लाभ मिलेंगे।
किसानों को मिलेगा पानी और आमजन को बिजली
अभियान के अंतर्गत किसानों को इस बात की जानकारी दी जाएगी कि अब उनके खेतों को पानी की कसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी, जिससे उनकी उपज और आय दोनों बढ़ेगी। वहीं, आम जनता को यह बताया जाएगा कि भारत अब इस पानी का प्रयोग बिजली उत्पादन में सहयोग कर पाएगा, जिससे ऊर्जा संकट में राहत मिलेगी।
बहुभाषीय बुकलेट का सहारा
सरकार ने लोगों तक संदेश पहुंचाने के लिए हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी के साथ-साथ कई भाषाओं में बुकलेट तैयार करवाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि के ऐतिहासिक पहलुओं से लेकर इसके नकारात्मक असर और अब मिलने वाले लाभों तक की विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाएगी।
दीर्घकालिक योजना पर कार्य आरंभ
भारत अब सिंधु नदी के पानी का बेहतर तरीके से प्रयोग के करने की रणनीति पर तेजी से कार्य कर रहा है। इसके अंतर्गत चेनाब नदी को रावी, व्यास और सतलुज नदियों से जोड़ने के लिए 160 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जाएगी। इससे जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक जल पहुंचाना संभव होगा। सरकार की योजना श्रीगंगानगर तक सिंधु जल पहुँचाने की है और इसे आने वाले 3 सालों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर की मौजूदा 13 नहर प्रणालियों को जोड़ा जाएगा।
बता दे, मोदी सरकार का यह कदम न सिर्फ भारत के जल अधिकारों की पुनः स्थापना है, बल्कि किसानों और आम जनता के हितों की रक्षा के मार्ग में एक बड़ी पहल भी है। अब देखना यह होगा कि यह जनजागरूकता अभियान किस हद तक जनता को प्रभावित कर पाटा है और क्या कांग्रेस पर यह सीधा राजनीतिक हमला अगले चुनावों में प्रभाव दिखाएगा।
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