भगवान ने कुछ खास करने भेजा था!" शेफाली और दीप्ति के बयान; सचिन से प्रेरणा और मां-बाप को समर्पित जीत!

India Win: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रचा, जब 2 नवंबर 2025 को पहली बार महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता। शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और एक नई प्रेरणादायक कहानी लिखी।

Harsh Sharma
Published on: 3 Nov 2025 7:42 AM IST (Updated on: 3 Nov 2025 8:03 AM IST)
भगवान ने कुछ खास करने भेजा था! शेफाली और दीप्ति के बयान; सचिन से प्रेरणा और मां-बाप को समर्पित जीत!
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India Win: मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वो ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिसका पूरे देश को इंतजार था। भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप अपने नाम किया। यह जीत केवल क्रिकेट के मैदान तक सीमित नहीं रही, बल्कि भारतीय खेल इतिहास में एक अनमोल पल बन गई। अगर 25 जून 1983 भारतीय पुरुष क्रिकेट के लिए यादगार था, तो 2 नवंबर 2025 भारतीय महिला क्रिकेट के लिए स्वर्णिम दिन साबित हुआ। जब कप्तान हरमनप्रीत कौर की टीम ने वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना साकार किया।

शेफाली वर्मा का शानदार प्रदर्शन

21 साल की शेफाली वर्मा, जो एक हफ्ते पहले तक रिजर्व खिलाड़ी भी थीं, ने शानदार प्रदर्शन किया। शेफाली ने पहले 87 रन की शानदार पारी खेली और फिर दो महत्वपूर्ण विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका की टीम को 246 रन पर समेट दिया। इसके साथ ही शेफाली ने एक अनोखा रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। 21 साल और 279 दिन की उम्र में, शेफाली वर्मा एकदिवसीय विश्व कप के सेमीफाइनल या फाइनल में 'प्लेयर ऑफ द मैच' का पुरस्कार जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं।

प्लेयर ऑफ द मैच बनीं शेफाली वर्मा ने कहा, "मैंने पहले ही कहा था कि भगवान ने मुझे कुछ खास करने के लिए भेजा है, और आज वही दिखा। मैं बहुत खुश हूं कि हम जीत गए। इसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है।" उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय खुद को शांत रखने की आदत, आत्मविश्वास और अपने परिवार, दोस्तों और भाई के समर्थन को दिया। सचिन तेंदुलकर का जिक्र करते हुए शेफाली ने कहा, "मैंने हमेशा सचिन तेंदुलकर को देखा है और उनसे मुझे बहुत प्रेरणा मिली। वह क्रिकेट के मास्टर हैं, और उनकी प्रेरणा ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

सपने जैसा एहसास

फाइनल में शानदार प्रदर्शन करने वाली दीप्ति शर्मा को 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' का अवार्ड मिला। उन्होंने शतकीय साझेदारी में योगदान दिया, 58 रन बनाए और गेंदबाजी में 39 रन देकर पांच विकेट हासिल किए। टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन ने सबका दिल जीत लिया। दीप्ति ने कहा, "यह अब भी मुझे एक सपने जैसा लग रहा है, और मैं इस एहसास से बाहर नहीं निकल पा रही हूं।" उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारियों और तैयारियों के बारे में कहा, "मैं हमेशा अपने खेल का आनंद लेती हूं, चाहे वह किसी भी विभाग में हो। मैं हर परिस्थिति के अनुसार खेलना चाहती थी।" दीप्ति ने यह भी कहा कि एक ऑलराउंडर के तौर पर प्रदर्शन करना सच में बहुत अच्छा अनुभव है। उन्होंने यह पुरस्कार अपनी मां और पिताजी को समर्पित किया।

कप्तान हरमनप्रीत की खास जीत

कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए यह जीत खास मायने रखती है, क्योंकि आठ साल पहले उन्होंने फाइनल हारने का बहुत कड़वा अनुभव किया था। जैसे ही हरमनप्रीत ने एक्स्ट्रा कवर पर नादिन डी क्लर्क का कैच पकड़ा, इयान बिशप ने इसे 'प्रेरणादायक पीढ़ी' का एक अहम क्षण बताया। मुख्य कोच अमोल मजूमदार, जिन्हें भारतीय क्रिकेट में कभी 'Nearly Man' के नाम से जाना जाता था, उनके लिए यह जीत खास है। राष्ट्रीय महिला टीम के साथ यह वैश्विक खिताब पुराने घावों को भरने जैसा होगा। फाइनल के दौरान स्टेडियम में मौजूद रोहित शर्मा ने कहा था कि वह दुआ कर रहे थे कि हरमनप्रीत को वही दर्द न सहना पड़े जो उन्होंने 2023 में झेला था। लेकिन इस बार इतिहास ने अपना रास्ता बदला और हरमन की टीम ने वह कहानी लिखी, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।

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