Indian Air Force: ये है नया भारत! भारतीय वायु सेना ने रचा इतिहास, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी एयरफोर्स बनी IAF

Indian Air Force:वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ़ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMA) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना (IAF) अब विश्व की तीसरी सबसे बड़ी और शक्तिशाली वायुसेना बन चुकी है। अमेरिका और रूस के बाद अब भारत का नाम ऐतिहासिक पन्नो में दर्ज हो चुका है।

Priya Singh Bisen
Published on: 14 May 2025 6:25 PM IST
Indian Air Force
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Indian Air Force (photo credit: social media)

Indian Air Create History Force: 7 मई 2025 का वो दिन जब भारत में सभी लोग गहरी नींद में सो रहे थे तभी आधी रात में अचानक भारत की धरती से उठते हैं कुछ साए जिसमें तेज गड़गड़ाहट के साथ आसमान चीरते हुए वे आग उगलते हैं। लक्ष्य है —दुश्मन की ज़मीन पर पल रहे वे नापाक ठिकाने जो कई सालों से भारत की शांति को चुनौती दे रहे थे। उसे नष्ट करना। तभी पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर होती है आग की वर्षा... और शुरू होता है—‘ऑपरेशन सिंदूर’।

यह कोई फिल्मी लाइन नहीं है बल्कि ये भारत का वो ऐतिहासिक पल है जो भारत के इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। जिसने न केवल आतंकियों को बल्कि उनके संरक्षकों को भी पूरी तरह से तहस-नहस कर के रख दिया। यह वही समय था जब भारतीय वायुसेना (IAF) ने साबित कर दिया कि अब ‘नई भारत नीति’ केवल जवाब देने के लिए नहीं बल्कि एक सटीक और घातक वार की नीति बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदमपुर एयरबेस पर दिया गया बयान भी आज भारत के हर नागरिक के कान में गूंज रहा है। पीएम मोदी ने बयान में भारतीय वायु सेना की खुलकर प्रशंसा की और कहा "ये सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं था, ये भारत की सैन्य क्षमता, एकता और आत्मनिर्भरता का पराक्रम था।"


वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ़ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMA) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना (IAF) अब विश्व की तीसरी सबसे बड़ी और शक्तिशाली वायुसेना बन चुकी है। अमेरिका और रूस के बाद अब भारत का नाम ऐतिहासिक पन्नो में दर्ज हो चुका है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, आज 2025 में भारतीय वायुसेना के पास तकरीबन 1,716 सक्रिय विमान हैं, जो अटैक, लॉजिस्टिक्स, स्पेशल मिशन, और सपोर्ट जैसे अलग-अलग वर्गों में बटे हुए हैं। इन विमानों का उपयोग युद्ध (War), आपातकालीन मिशन (emergency mission) और विशेष ऑपरेशन्स (special operations) में किया जाता है और यह भारतीय वायुसेना की सबसे बड़ी शक्ति का अहम हिस्सा हैं, जो न केवल भारत की रक्षा करता है बल्कि दुश्मनों के दिलों में खौफ भी पैदा करता है।

भारतीय वायु सेना की स्थापना


भारतीय वायु सेना (IAF) की स्थापना साल 1932, 8 अक्टूबर को हुई थी और यह 26 जनवरी साल 1950 को भारतीय गणराज्य के वायु सेना के रूप में पुनः स्थापित हुई। आज 2025 में इसमें तकरीबन 135,000 सक्रिय और 100,000 आरक्षित कर्मी कार्य करते हैं। इसका मुख्यालय (headquarters) नई दिल्ली में स्थित हैं और इसके प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह हैं।

लड़ाकू विमान (fighter plane) -


भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान बेड़े में अलग-अलग प्रकार के विमान शामिल हैं:

- सुखोई Su-30MKI: यह दो इंजन वाला बहु-भूमिका (multi-role) लड़ाकू विमान है, जिसे रूस में बनाया गया है।

- दसॉ राफेल: फ्रांस से मिला यह विमान अत्याधुनिक तकनीक (cutting-edge technologies) से लैस है और ये कई अलग-अलग प्रकार के मिशनों में सक्षम है।

- HAL तेजस: यह भारत में निर्मित किया गया हल्का लड़ाकू विमान है जो स्वदेशी तकनीक (indigenous technology) का प्रतीक है।

- मिराज 2000, मिग-29, मिग-21: ये पुराने लेकिन अभी भी सेवा में बहुत ही सक्रिय विमान हैं जिन्हें धीरे-धीरे नए विमानों से प्रतिस्थापित (replaced) किया जा रहा है।

परिवहन विमान (transport aircraft) -


भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान बेड़े में शामिल हैं:

C-17 ग्लोबमास्टर III: यह बहुत ही भारी-भरकम परिवहन विमान है, जो बहुत लंबी दूरी तक भारी वज़न ले जाने की क्षमता रखता है।

C-130J सुपर हरक्यूलिस: यह मध्यम श्रेणी का परिवहन विमान है, जो ख़ास तरह की अभियानों के लिए उपयोग किया जाता है।

एएन-32: यह पुराने सोवियत युग (old soviet era) का विमान है जो आज भी सेवा में उपयुक्त है।

C-295: यह एक नया विमान है जिसे भारत में टाटा और एयरबस की मदद से बनाया जा रहा है।

हेलीकॉप्टर (helicopter) -


भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर बेड़े में शामिल हैं:

CH-47 चिनूक: यह एक भारी वज़न वाला परिवहन हेलीकॉप्टर है।

AH-64E अपाचे: यह अटैक करने वाला हेलीकॉप्टर है जो उच्च तकनीक से लैस है।

HAL प्रचंड: यह भारत में निर्मित हल्का अटैक करने वाला हेलीकॉप्टर है।

Mi-17, Mi-26: ये पुराने रूसी हेलीकॉप्टर हैं जो आज भी सेवा में उपयुक्त हैं।

मानव रहित विमान Unmanned Aerial Vehicles (Drones) -

भारतीय वायु सेना के ड्रोन बेड़े में शामिल हैं:

IAI हेरॉन, सर्चर II: ये एक इजरायली ड्रोन हैं जो निगरानी और टोही के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

MQ-9B प्रीडेटर: यह एक अमेरिकी ड्रोन है जिसे हाल ही में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया है।

DRDO घातक: यह भारत में ही तैयार किया जा रहा स्टील्थ UCAV है।

आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण (Modernization and indigenization) -

भारतीय वायु सेना ने अपने बेड़े के आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण पर ख़ास तौर पर ध्यान दिया है:

HAL तेजस: यह भारत में निर्मित हल्का लड़ाकू विमान है जिसे मिग-21 के प्रतिस्थापन के रूप में शामिल किया गया है।

HAL प्रचंड: यह भारत में निर्मित हल्का अटैक करने वाला हेलीकॉप्टर है जो ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन के लिए इस्तेमाल में लाये जाते है।

C-295: यह एक प्रकार का नया परिवहन विमान है जिसे भारत में टाटा और एयरबस की मदद से बनाया जा रहा है।

अकाशतेर प्रणाली: यह एक स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली है जो भारतीय सेना को वायु स्थिति की पूर्ण जानकारी और नियंत्रण करती है।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अभ्यास (International cooperation and practice) -

भारतीय वायु सेना ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग अभ्यासों में हिस्सा लिया है:

तरंग शक्ति: यह भारत द्वारा आयोजित बहुपक्षीय वायु युद्ध अभ्यास है जिसमें लगभग 11 देशों ने हिस्सा लिया था।

कोप इंडिया, गरुड़, पिच ब्लैक: ये एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का अभ्यास हैं जिनमें भारतीय वायु सेना ने हिस्सा लिया था।

IAF की भविष्य की योजनाएं:

1. भारतीय वायु सेना (IAF) ने भविष्य में 42 स्क्वाड्रन की क्षमता और मजबूती हासिल करने का लक्ष्य बनाया है, जिसमें साल 2035 तक 35-36 स्क्वाड्रन तक पहुंचने का पूरा अनुमान है। इसके अलावा, भारतीय वायु सेना ने साल 2042 तक अपने पूरे लड़ाकू विमान बेड़े को स्वदेशी बनाने की योजना बनाई है।

2. वहीं, रिपोर्ट में उन आने वाले विमानों (Outlook) के बारे में भी बताया गया है जो फिलहाल खरीद प्रक्रिया (procurement process) में हैं। ये विमानों के बेड़े को तेजी से बढ़ावा देंगे और भारतीय वायुसेना को और भी शक्तिशाली बनाएंगे।

3. फाइटर जेट्स भारतीय वायुसेना की शक्ति का लगभग 32% हिस्सा बनाते हैं और इन विमानों को खास तौर पर फाइटर, इंटरसेप्टर, और स्ट्राइक कैटेगरी में शामिल किया गया है। इनमें मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट शामिल हैं, जो कई प्रकार के युद्ध मिशनों के लिए तैयार होते हैं। हालांकि, बॉम्बर्स और CAS (क्लोज़ एयर सपोर्ट) विमानों को इस रिपोर्ट में नहीं गिना गया है।

4. रिपोर्ट में "तैयारी दर" (Readiness Rates) का भी ज़िक्र किया गया है जो अमेरिकी वायुसेना (USAF) के मानकों के मुताबिक निर्धारित की गई है। यह दर्शाता है कि भारतीय वायुसेना के विमान उच्च स्तर पर सक्षम हैं और किसी भी आपातकाल की स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

5. मानव रहित विमान (UAVs) की रिपोर्टिंग में अंतर के कारण फिलहाल इस रिपोर्ट में उन्हें शामिल नहीं किया गया है, लेकिन यह तय है कि आने वाले समय में UAVs भी भारतीय वायुसेना की ताकत का अहम हिस्सा अवश्य बनेंगे।

6. रिपोर्ट के मुताबिक, फाइटर जेट्स की श्रेणी का निकट और दूर भविष्य (Outlook) सकारात्मक (Positive) है जिसका अर्थ सीधा है कि भविष्य में इस वर्ग के विमान और ज्यादा बढ़ेंगे और उन्नत तकनीकों से लैस होंगे।

भारतीय वायुसेना का सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर’


जहां एक ओर ‘सुदर्शन चक्र’ प्रणाली ने आसमान में दुश्मन के मंसूबों को झकझोर कर रख दिया तो वहीं ‘आकाश’ मिसाइलों ने यह साबित कर दिया कि भारत अब न केवल जवाब देता है, बल्कि उसका हर जवाब ताबड़तोड़ और सख्त होता है। पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को जिस तरीके से विफल किया गया उसने विश्व को दिखा दिया कि भारतीय वायुसेना अब केवल एक रक्षा प्रणाली नहीं बल्कि एक निर्णायक शक्ति बन चुकी है। तो इस तरह से भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से न केवल एक आतंकी अभियान को विफल किया बल्कि दुनियाभर अपनी शक्ति, संकल्प और स्वदेशी क्षमता का परचम लहराया...।

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Content Writer

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