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बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान, चिनाब नदी पर क्वार बांध को लेकर भारत की तगड़ी प्लानिंग से मचा कोहराम
India water strike on Pakistan: चिनाब नदी पर क्वार बांध का निर्माण तेजी से चल रहा है, जिससे पाकिस्तान को मिलने वाले पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
India water strike on Pakistan
India water strike on Pakistan: भारत ने अब पाकिस्तान को पानी के मोर्चे पर घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया और अब रणनीति के तहत ‘वाटर स्ट्राइक’ की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर बनने वाले क्वार बांध का निर्माण फुल स्पीड में शुरू हो चुका है। इस प्रोजेक्ट से पाकिस्तान की नींद उड़ना तय है।
करोड़ों का लिया गया लोन, मिशन: पाकिस्तान का पानी रोको
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 3,119 करोड़ रुपये का लोन फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स और बैंकों से मांगा है। यह एक ग्रीनफील्ड भंडारण परियोजना है, जो चिनाब नदी का पानी रोककर पाकिस्तान को मिलने वाली सप्लाई को सीमित कर सकती है। इसकी कुल लागत 4,526 करोड़ रुपये आंकी गई है। हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक पहले ही इससे बिजली खरीदने के लिए तैयार हैं।
क्वार प्रोजेक्ट क्या है और क्यों है खास?
क्वार प्रोजेक्ट किश्तवाड़ जिले से 28 किमी दूर चिनाब नदी पर है। इस बांध की ऊंचाई 109 मीटर है और सालाना बिजली उत्पादन 1,975 मिलियन यूनिट। इसका उद्घाटन PM मोदी ने 24 अप्रैल 2022 को किया था और इसे पूरा करने का लक्ष्य 2027 तक है। इस प्रोजेक्ट से 540 मेगावाट बिजली बनेगी, जिसमें 135-135 मेगावाट की चार भूमिगत यूनिट्स लगाई जाएंगी।
इस प्रोजेक्ट के लिए जनवरी 2024 में चिनाब नदी का जलमार्ग मोड़ा गया था, फिर दिसंबर 2024 में मुख्य बांध की नींव में कांक्रीट डाली गई थी। अब इसका निर्माण अपने फुल फॉर्म में है और सरकार इसे हर हाल में 2027 तक चालू करने का टारगेट लिए हुए है।
चेनाब नदी पर इन प्रोजेटक्स पर भी काम कर रहा भारत
भारत ने चिनाब और इसकी सहायक नदियों पर चार बड़े बांध प्रोजेक्ट्स और तेजी से आगे बढ़ा दिए हैं। इनमें पाकल दुल बांध, किरू बांध, क्वार बांध और रतले बांध शामिल है। ये सभी 2027-28 तक ऑपरेशनल हो सकते हैं। पाकिस्तान इन प्रोजेक्ट्स को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार चुनौती देता रहा है।
सिंधु जल संधि में पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर विशेष अधिकार दिए गए थे। लेकिन अब भारत सिंधु संधि को इतिहास बना चुका है और अब उसका नया मंत्र है,"बंदूक नहीं, बांध से दबाओ।"
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