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हमें रोका तो सिंधु में खून बहेगा!” – पाकिस्तान के डिप्टी PM का सनसनीखेज़ ऐलान, भारत के खिलाफ उगला जहर
India Pakistan water war: इस्लामाबाद में एक हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम में बोलते हुए डार ने दावा किया कि भारत “अपनी समझ को जबरन पाकिस्तान पर थोपना” चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत अपने आरोपों का खुद ही जज बन बैठता है और फैसले भी खुद ही सुनाता है।
India Pakistan water war: एक तरफ भारत पहलगाम में मारे गए अपने जवानों और नागरिकों का बदला ऑपरेशन सिंदूर से ले रहा था, दूसरी तरफ पाकिस्तान के सियासी गलियारे में एक और साज़िश पक रही थी। अब इस साज़िश को ज़ुबान दी है पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने – और ऐसी ज़ुबान, जो सिर्फ कूटनीतिक बयान नहीं बल्कि खुलेआम भारत को चेतावनी है। इस्लामाबाद में एक हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम में बोलते हुए डार ने दावा किया कि भारत “अपनी समझ को जबरन पाकिस्तान पर थोपना” चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत अपने आरोपों का खुद ही जज बन बैठता है और फैसले भी खुद ही सुनाता है। लेकिन इस बार पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा। इशाक डार ने जिस तीखे अंदाज़ में भारत पर हमला बोला है, उससे साफ हो गया है कि पाकिस्तान भारत के पानी को हथियार बनाकर फिर एक नई जंग की तैयारी में है। डार ने सीधा कहा – “भारत हमें हमारे हिस्से का पानी नहीं रोक सकता… नहीं रोकेगा!”
‘पानी हमारा हक है, भारत नहीं रोक सकता!’
इशाक डार ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित करने के फैसले को ‘अत्याचार’ बताया और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों की सीधी अवहेलना है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत "पानी को हथियार" बना रहा है और पाकिस्तान की जनता को प्यासा रखने की योजना बना चुका है। डार ने चेतावनी देते हुए कहा – “भारत की ये चाल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिंधु जल पर स्थायी मध्यस्थता न्यायालय का आदेश हमारे पक्ष में गया है, यह दिखाता है कि भारत गलत और पाकिस्तान सही है।”उन्होंने यहां तक कहा कि अगर भारत अपनी ‘जबरदस्ती की नीति’ नहीं छोड़ता तो क्षेत्रीय शांति की कोई उम्मीद नहीं रह जाएगी। डार का ये बयान साफ तौर पर एक डिप्लोमैटिक ब्लैकमेलिंग जैसा है – और उसके पीछे सिर्फ पानी नहीं, कश्मीर की जड़ें भी गहराई से जुड़ी हैं।
कश्मीर और खून – पाकिस्तान की वही पुरानी ज़हरभरी कहानी फिर दोहराई जा रही है!
डार ने फिर से कश्मीर मुद्दे का हवाला देकर भारत पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारत को अगर दक्षिण एशिया में शांति चाहिए, तो उसे सबसे पहले कश्मीर का ‘शांतिपूर्ण समाधान’ निकालना होगा। लेकिन क्या ये सिर्फ शांति की बात है? याद दिला दें कि डार से पहले बिलावल भुट्टो ने भी इसी मंच से भारत के खिलाफ ‘खून की नदियों’ का जिक्र किया था। शहबाज शरीफ भी लगातार भारत को ‘जवाब देने’ की धमकी देते आए हैं। और अब डार उसी लाइन पर, लेकिन ‘पानी’ के बहाने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।
22 अप्रैल – पहलगाम में हुआ खून और उसके बाद बौखला गया पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान के मौजूदा टकराव की असली चिंगारी बनी 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, जिसमें भारतीय सेना के जवान और पर्यटक निशाना बने। इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि पर सख्त रुख अपनाते हुए संधि को निलंबित करने का ऐलान कर दिया। लेकिन इससे भी बड़ा झटका पाकिस्तान को तब लगा, जब 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर गुप्त हवाई हमले कर दिए। इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया – जो भारत की तरफ से पाकिस्तान को सीधी सैन्य चेतावनी थी। अब जब पाकिस्तान को ना कश्मीर की बात का असर मिला, ना सैन्य जवाब की ताकत रही – तो डिप्लोमेटिक मोर्चे पर ‘पानी’ को लेकर रोना शुरू कर दिया गया है।
भारत की चुप्पी, लेकिन तैयारी पूरी – अब न पानी देंगे, न रियायत!
भारत सरकार ने इशाक डार के ताज़ा बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत पाकिस्तान को सिंधु जल संधि के तहत मिलने वाले पानी को रोकने की कानूनी और तकनीकी प्रक्रिया में आगे बढ़ चुका है। भारत के विशेषज्ञों का कहना है कि “एक संधि तब तक लागू रहती है, जब तक सामने वाला पक्ष उस पर अमल करता है। पाकिस्तान की लगातार आतंकी गतिविधियां इस समझौते को असंगत बनाती हैं।” इसका मतलब है – अब भारत पाकिस्तान को न तो पानी देगा, और न ही कूटनीतिक सहानुभूति।
एक तरफ पानी की लड़ाई, दूसरी तरफ सीमा पर सन्नाटा टूटा
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार फिलहाल अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने के लिए “जल संकट” और “कश्मीर मुद्दे” का सहारा ले रही है, लेकिन भारत अब पीछे हटने वाला नहीं। डार का बयान सिर्फ बौखलाहट नहीं, बल्कि एक झटके में सब कुछ गंवाने के डर की चीख है। सवाल यह है – क्या पाकिस्तान अब एक और युद्ध की ओर बढ़ रहा है? या यह केवल एक डूबते हुए मुल्क की आखिरी कोशिश है भारत को फिर से उकसाने की?
अब भारत की रणनीति साफ है
भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि वक्त आने पर खुद सवाल खड़ा करेगा। पाकिस्तान के पास अब न सैन्य ताकत बची है, न आर्थिक दम और जब एक मुल्क सिर्फ बोलता है, लेकिन सुनता नहीं – तो इतिहास बताता है कि उसकी आवाज़ जल्द ही खामोश हो जाती है। क्या पाकिस्तान की ये आवाज़ भी जल्द खामोश हो जाएगी? या फिर सिंधु की लहरों में एक नई जंग की दस्तक है? अब सिर्फ वक्त बताएगा… लेकिन भारत तैयार है!
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