TRENDING TAGS :
सिंधु जल पर पाकिस्तान की हाय-तौबा! भारत से मांगा पानी, नहीं मिला तो देशभर में मच सकता है हाहाकार
Indus Water Treaty: पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि को लेकर फिर भारत से पानी छोड़ने की मांग की है। यदि भारत ने पानी नहीं दिया, तो पूरे पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर हाहाकार मच सकता है। सिंधु जल विवाद ने फिर एक बार दो देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है।
Indus Water Treaty
Indus Water Treaty: पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक बार फिर भारत को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है और पाकिस्तान के खिलाफ पानी को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। डार ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है और अपने जल अधिकारों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा, "भारत को किसी भी हालत में पाकिस्तान का पानी रोकने नहीं दिया जाएगा।"डार का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते सुधारने और बातचीत शुरू करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने एकतरफा रूप से सिंधु जल संधि को निलंबित किया है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। डार ने साफ किया कि पाकिस्तान भारत को इस मुद्दे पर मनमानी नहीं करने देगा और अपने हक के पानी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी आवाज उठाएगा।
भारत फिर से बहाल करे पाकिस्तान का पानी: इशाक डार
पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा है कि भारत को सिंधु जल संधि को एकतरफा तरीके से निलंबित करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने भारत से कहा कि वह पाकिस्तान का पानी रोकने का अपना फैसला वापस ले और संधि को फिर से पूरी तरह लागू करे। डार ने यह भी कहा कि इस मामले में स्थायी मध्यस्थता न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) का फैसला पाकिस्तान के पक्ष में गया है, जिससे साफ है कि पाकिस्तान का रुख सही है। ऐसे में भारत को अब संधि का पालन करना चाहिए और पानी की सप्लाई रोकने जैसे कदम नहीं उठाने चाहिए।
सिंधु जल पर पाकिस्तान की निर्भरता
सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाला पानी उसकी कृषि व्यवस्था की रीढ़ है। छह नदियों से मिलने वाले पानी का लगभग 80% से 92% हिस्सा खेती की सिंचाई में इस्तेमाल होता है। देश की करीब 90% फसलें इसी सिंधु बेसिन से सिंचित होती हैं। इतना ही नहीं, पाकिस्तान की 22% से 24% GDP और 40% से 45% ग्रामीण आबादी का रोजगार भी इसी जल प्रणाली पर आधारित है। यदि यह जल प्रवाह बाधित होता है, तो पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता पर गहरा असर पड़ सकता है।
जनजीवन और ऊर्जा पर निर्भरता भी गंभीर
सिंधु बेसिन से पाकिस्तान को मिलने वाला पानी केवल खेती तक सीमित नहीं है। लगभग 70% ग्रामीण जनसंख्या और 70% घरों की पेयजल आपूर्ति इसी प्रणाली से होती है। इसके अलावा, देश की कुल जलविद्युत क्षमता का 20% से 33% हिस्सा भी सिंधु नदियों पर आधारित है। जल की यह निर्भरता पाकिस्तान के औद्योगिक, घरेलू और ऊर्जा क्षेत्र को भी सीधे प्रभावित करती है। इसलिए सिंधु जल संधि में किसी भी प्रकार का बदलाव पाकिस्तान के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को झकझोर सकता है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge