केंद्र से 'किसका' आया कॉल? धनखड़ की खूब हुई बहस फिर थमा दिया इस्तीफा, अब देश में होगा कुछ बड़ा; समझिए पूरा 'खेल'

Reason Jagdeep Dhankhar Resignation: स्वास्थ्य कारण हो या संविधानिक थकावट, यह इस्तीफा सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं पूरे सिस्टम का ब्लड प्रेशर चेक करने जैसा है।

Snigdha Singh
Published on: 22 July 2025 1:44 PM IST
केंद्र से किसका आया कॉल? धनखड़ की खूब हुई बहस फिर थमा दिया इस्तीफा, अब देश में होगा कुछ बड़ा; समझिए पूरा खेल
X

Jagdeep Dhankhar: देश की राजनीति में गर्मी तो मॉनसून सत्र के साथ आती ही है, लेकिन इस बार तापमान थर्मामीटर से नहीं, उपराष्ट्रपति भवन से बढ़ा है। जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम राष्ट्रपति को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अपना इस्तीफा थमा दिया और उसके बाद देशभर की राजनीति में सवाल, संकेत और संदेह का डोज़ बगैर डॉक्टर की पर्ची के फैल गया।

हालांकि, इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से जुड़ा बताया गया है, लेकिन राजनीतिक बुखार कुछ और ही कहानी कह रहा है। जानकार सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि एक "केंद्रीय कॉल" (सिर दर्द देने वाला, न कि मोबाइल नेटवर्क से जुड़ा) ने ही सारी तबीयत बिगाड़ी। कॉल के बाद जो हुआ, वह भारतीय राजनीति में आम नहीं बल्कि शुद्ध देसी असहमति थी।

एक न्यायाधीश, एक नोटिस, और एक ‘नापसंद’ निर्णय

खबरें कहती हैं कि जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के विपक्षी प्रस्ताव को धनखड़ ने स्वीकार कर लिया अब आप सोचिए, कोई व्यक्ति जो संविधान की किताब हाथ में लेकर चलता है, वो अगर नियम से काम कर ले, तो क्या गलती?

सरकार को यह नियमप्रियता रास नहीं आई। विपक्षी नोटिस मंजूर कर देने का मतलब था कि न्यायपालिका को लेकर विपक्ष को खुलकर सवाल पूछने का मौका मिल जाता, और सरकार का 'हमें सब पता है' वाला रुख थोड़ा हिल जाता। सो, कहा जाता है कि ऊपर से कॉल आया, नीचे से प्रतिक्रिया गई, और फिर राजनीति ने पेट पकड़ कर कराहना शुरू कर दिया।

फोन कॉल से फूट पड़ा फोड़ा

रिपोर्ट्स की मानें तो धनखड़ और केंद्र के बीच बातचीत इतनी गंभीर हो गई कि उसमें तर्क-वितर्क से आगे की स्थिति पैदा हो गई। फोन पर बहस इतनी तीव्र थी कि ऐसा लगा जैसे संविधान और सत्ता के बीच सीधी कुश्ती चल रही हो फर्क सिर्फ इतना था कि रेफरी खुद अखाड़े में उतर आया।

बता दें कि बीते सत्र में विपक्ष ने धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा लेकिन वह खारिज हो गया। नियमतः अभी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता था। लेकिन धनखड़ को बगावत की सुगबुगाहट महसूस हो चुकी थी। अब सोचिए, देश के उपराष्ट्रपति को अगर अपने ही संस्थागत अस्तित्व पर भरोसा न रह जाए, तो वो स्वास्थ्य कारण ही बताएगा न!

नड्डा-रिजीजू की 'खास' गैरहाजिरी

कांग्रेस को इस पूरे खेल की भनक पहले ही लग गई थी। जयराम रमेश ने इसे सहमति के नाम पर अनुपस्थिति बताया। उन्होंने खुलासा किया कि धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाई थी, लेकिन जेपी नड्डा और किरेन रिजीजू वहां पहुंचे ही नहीं। उनके खाली कुर्सियों ने ही जैसे बता दिया कि ये कहानी अब खाली औपचारिकता नहीं, पूरी राजनीतिक पटकथा है।

रमेश का कहना है कि दोपहर 1 बजे से शाम 4:30 के बीच कुछ ऐसा ज़रूर हुआ, जिसे घटना नहीं बल्कि आपातकालीन अनुभव कहा जाना चाहिए। हो सकता है, संसद भवन के गलियारों में चल रहे तीखे संवाद ने ही उपराष्ट्रपति को ठानने पर मजबूर किया हो कि ‘अब यहां मेरा BP ही नहीं, VP भी नहीं बचेगा।’

और फिर आया ‘स्वास्थ्य कारणों’ वाला खत

धनखड़ ने राष्ट्रपति को पत्र में लिखा कि स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं। अब न तो डॉक्टर का नाम बताया गया, न बीमारी का, और न ही इलाज का तरीका। लेकिन विपक्ष कह रहा है कि ये राजनीतिक असहजता का क्लासिक केस है, जहाँ दवा की जगह पद से छुट्टी को ही बेहतर इलाज समझा गया।

धनखड़ का इस्तीफा एक फॉर्मल पेपर से ज़्यादा बन गया है यह एक राजनीतिक पर्चा है, जिसमें लिखा है कि सत्ता में सिर्फ पद नहीं, परछाइयों का भी दबाव होता है। स्वास्थ्य कारण हो या संविधानिक थकावट, यह इस्तीफा सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं पूरे सिस्टम का ब्लड प्रेशर चेक करने जैसा है।

1 / 6
Your Score0/ 6
Snigdha Singh

Snigdha Singh

Mail ID - [email protected]

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!