...तो क्या 'बहाना' बना रहे जगदीप धनखड़! कल 1 से 4:30 के बीच हुआ था धमाका, पता चल गई मीटिंग के अंदर की बात

Jagdeep Dhankhar resigns controversy: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से देश की राजनीति में बड़ा तूफान आ गया है।

Gausiya Bano
Published on: 22 July 2025 11:01 AM IST
Jagdeep Dhankhar resigns controversy
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Jagdeep Dhankhar resigns controversy

Jagdeep Dhankhar resigns controversy: जब से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दिया, तब से देश की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। इस खबर ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि किसी को भी इसकी उम्मीद तक नहीं थी। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई यह सिर्फ स्वास्थ्य कारण है, या फिर इसके पीछे कोई गहरी सियासी हलचल छिपी है?

मीटिंग के अंदर क्या हुआ?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी और इसे सिर्फ एक सामान्य घटनाक्रम मानने से इनकार किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बीते दिन यानी 21 जुलाई की घटनाओं की जानकारी दी। उनके अनुसार, दोपहर 12:30 बजे धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में जेपी नड्डा और किरण रिजिजू सहित कई सदस्य मौजूद थे। फिर शाम 4:30 बजे दूसरी बैठक रखी गई, लेकिन उसमें नड्डा और रिजिजू दोनों गायब रहे, और सबसे हैरानी की बात यह रही कि उपराष्ट्रपति धनखड़ को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। इस बात से खुद धनखड़ भी नाराज थे।

दोपहर 1 से शाम 4:30 तक क्या हुआ?

इसके बाद रमेश ने सवाल उठाया कि दोनों मीटिंग के बीच यानी 1 से शाम 4:30 के बीच आखिर ऐसा क्या हुआ कि दो वरिष्ठ मंत्री बैठक में नहीं आए और फिर उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ स्वास्थ्य का मामला नहीं लग रहा, बल्कि इसके पीछे सियासी असहमति या दबाव की बू आ रही है।

नियमों के पक्के थे धनखड़

जयराम रमेश ने बताया कि जगदीप धनखड़ नियमों, मर्यादाओं और प्रक्रियाओं के पक्के थे। उन्होंने किसानों के हितों, न्यायपालिका की पारदर्शिता, और लोकतंत्र में विपक्ष की अहमियत पर कई बार खुलकर बयान दिए। उन्होंने 2014 के बाद भारत की विकास गाथा की सराहना तो की, लेकिन साथ ही सत्ता के घमंड की भी आलोचना की।

राजनीति में बड़ा संकेत?

कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने भी इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताई। उन्होंने कहा कि धनखड़ कल की बैठक में पूरी तरह स्वस्थ दिखे। उनका अचानक स्वास्थ्य का हवाला देकर इस्तीफा देना समझ से परे है। यह किसी बड़े राजनीतिक तूफान की आहट हो सकती है।

मानसून सत्र के पहले दिन इस्तीफा

धनखड़ का इस्तीफा ठीक उस दिन आया जब संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ, जो हैरानी वाला है। आपको बता दें कि 74 वर्षीय धनखड़ की हाल ही में AIIMS दिल्ली में एंजियोप्लास्टी हुई थी, लेकिन उनके इस्तीफे का समय और सियासी घटनाएं अब कई सवाल खड़े कर रही हैं। धनखड़ का यह कदम सिर्फ व्यक्तिगत स्वास्थ्य से जुड़ा नहीं दिखता। उनके इस्तीफे ने सत्ता के भीतर चल रही खींचतान और संभावित मतभेदों को उजागर कर दिया है।

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Gausiya Bano

Gausiya Bano

Content Writer

मैं गौसिया बानो आज से न्यूजट्रैक में कार्यरत हूं। माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। पत्रकारिता में 2.5 साल का अनुभव है। इससे पहले दैनिक भास्कर, न्यूजबाइट्स और राजस्थान पत्रिका में काम कर चुकी हूँ।

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