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महाठगी की आरोपी 'लीना पॉलोज' पर बरसा SC, जमानत याचिका पर हुआ बड़ा बवाल, कहा- "सब यही आ जा रहे है"
लीना पॉलोज की 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में SC ने जमानत याचिका खारिज की,कोर्ट ने लगाई फटकार।
SC on Leena Paloj Fraud Case: 200 करोड़ रुपये के महाठगी मामले में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए उन्हें कड़ी फटकार लगाई। लीना पॉलोज ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग को लेकर सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि इस तरह से 'जल्द सुनवाई' के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट आने का चलन स्वीकार्य नहीं है।
'सुप्रीम कोर्ट नजदीक है, इसका मतलब ये नहीं...'
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने लीना पॉलोज के वकील से साफ शब्दों में कहा, "यह मंजूर नहीं है कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट नजदीक है तो सब चले आते हैं और स्थगन मांगते हैं।" वकील ने दलील दी कि उनकी याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में हर दिन सूचीबद्ध होने के बावजूद उस पर सुनवाई नहीं हो रही है। इस पर बेंच ने कहा कि उन्हें इस मामले को स्थगित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक सामान्य कानूनी प्रक्रिया है। हालांकि, पीठ ने बाद में मामले को स्थगित करने पर सहमति जताई, लेकिन कोर्ट का रुख साफ था कि इस तरह की याचिकाओं को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा।
क्या है 200 करोड़ की महाठगी का मामला?
दिल्ली पुलिस ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों शिविंदर सिंह और मालविंदर सिंह की पत्नियों से 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी धन शोधन (money laundering) के आरोप में जांच कर रहा है। लीना पॉलोज और सुकेश चंद्रशेखर को दिल्ली पुलिस ने जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) भी लगाया है।
पुलिस ने आरोप लगाया है कि लीना पॉलोज, सुकेश और अन्य आरोपियों ने हवाला के जरिए पैसे जुटाए और अपराध से मिले धन को ठिकाने लगाने के लिए कई फर्जी कंपनियां भी बनाईं। यह मामला एक संगठित अपराध रैकेट की ओर इशारा करता है, जहां उच्च-स्तरीय व्यक्तियों से पैसे वसूलने के लिए ठगी और धोखाधड़ी का सहारा लिया गया था।
कानूनी जंग जारी
सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद, लीना पॉलोज को अपनी जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में ही सुनवाई का इंतजार करना होगा। यह घटना उन लोगों के लिए एक सबक है जो कानूनी प्रक्रियाओं को बाईपास करने की कोशिश करते हैं। यह भी दिखाता है कि न्यायपालिका, विशेषकर सुप्रीम कोर्ट, इस तरह के मामलों में सख्त रुख अपना रही है। लीना पॉलोज और सुकेश चंद्रशेखर पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, उनकी कानूनी लड़ाई अभी लंबी चलने वाली है।
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