एक्शन में आया SC, जज के सचिव की स्टेनो बुक जब्त, जानिए इस ऐतिहासिक फैसले की वजह

सुप्रीम कोर्ट ने जज के सचिव की स्टेनो बुक जब्त की,आदेश अपलोड में देरी की जांच के लिए लिया यह फैसला।

Harsh Srivastava
Published on: 31 Aug 2025 8:17 PM IST
एक्शन में आया SC, जज के सचिव की स्टेनो बुक जब्त, जानिए इस ऐतिहासिक फैसले की वजह
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SC seizes steno book: न्याय में देरी को गंभीरता से लेते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने एक कड़ा और अभूतपूर्व कदम उठाया है। शीर्ष अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक जज के सचिव की स्टेनो बुक जब्त करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई एक अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने वाले फैसले को हाई कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करने में हुई देरी के कारण की गई है। सुप्रीम कोर्ट यह पता लगाना चाहता है कि आदेश कब टाइप किया गया और उसमें कब सुधार किया गया था।

'अभूतपूर्व' देरी, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी जांच रिपोर्ट

जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने इस बात पर गौर किया कि अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने वाला यह फैसला 31 जुलाई 2025 का था, लेकिन 20 अगस्त तक भी इसे हाई कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया। यह एक अभूतपूर्व देरी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत संज्ञान लिया। बेंच ने मामले की विवेकपूर्ण जांच करने और आदेश को टाइप एवं अपलोड किए जाने के संबंध में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) से रिपोर्ट हासिल करने का निर्देश दिया।

सचिव के 'बयान' पर शक, क्या 31 जुलाई को आदेश पारित ही नहीं हुआ?

29 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान, पीठ ने पाया कि हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने 22 अगस्त को न्यायाधीश के सचिव से स्पष्टीकरण मांगा था। सचिव ने भी उसी दिन स्पष्टीकरण दिया, लेकिन उन्होंने आदेश अपलोड किए जाने के समय के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। उन्होंने सिर्फ इतना बताया कि न्यायाधीश 1 अगस्त से 20 अगस्त के बीच कुछ चिकित्सा प्रक्रिया और सर्जरी से गुजरे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सचिव के स्पष्टीकरण देने की तिथि पर ही आदेश अपलोड किया गया था। बेंच ने कहा कि "ऐसा प्रतीत होता है कि यह आदेश 31 जुलाई को पारित नहीं किया गया था, बल्कि वास्तव में यह हाई कोर्ट के आदेश के बाद दिया गया था।" इस बात ने सुप्रीम कोर्ट के संदेह को और गहरा कर दिया।

'स्टेनो बुक जब्त कर पता लगाओ सच्चाई'

बेंच ने आदेश दिया कि "सचिव की स्टेनो बुक जब्त की जाए और पता लगाया जाए कि किस तारीख को आदेश टाइप किया गया और पर्सनल कंप्यूटर (PC) पर इसमें सुधार किया गया।" इसके साथ ही, एनआईसी से पीसी की रिपोर्ट भी हलफनामे के साथ दाखिल करने का निर्देश दिया गया। यह कदम दिखाता है कि सुप्रीम कोर्ट न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर कितना गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा राज्य सहित सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद तय की है। पीठ ने अंतरिम उपाय के रूप में, याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न करने का भी निर्देश दिया है, बशर्ते वह जांच में सहयोग करे। यह घटना न्याय प्रणाली में देरी और अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।

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Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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