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रेलवे कर्मचारियों की बल्ले बल्ले, मोदी सरकार ने दिवाली पर दिया सबसे बड़ा गिफ्ट, कैबिनेट मीटिंग में 70,000 करोड़ के रिफार्म
केंद्र की मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक में 70,000 करोड़ रुपये के बड़े रिफॉर्म पैकेज को मंजूरी दी। रेलवे कर्मचारियों को दिवाली से पहले बोनस, शिपबिल्डिंग सेक्टर में निवेश और बिहार में रेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट से करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा।
Modi Cabinet Meeting Decisions: बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक ने देश के कई अहम सेक्टर्स के लिए बड़ी घोषणाओं का रास्ता खोल दिया है। एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने देशभर के लाखों रेलवे कर्मचारियों को दिवाली से पहले ही एक शानदार तोहफा दिया है वहीं दूसरी तरफ देश के शिपबिल्डिंग और समुद्री क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए एक ऐतिहासिक पैकेज को मंजूरी दी है। इसके अलावा बिहार जैसे राज्यों में रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए भी एक बड़ा प्रोजेक्ट पास किया गया है। इन फैसलों को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझा किया जिससे अलग-अलग क्षेत्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
दिवाली से पहले ही रेलवे कर्मचारियों को 'बोनस' का तोहफा
देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत होने से पहले ही केंद्र सरकार ने लाखों रेलवे कर्मचारियों को खुश कर दिया है। कैबिनेट ने रेलवे कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस फैसले से 10.90 लाख रेलवे कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा। सरकार ने 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस देने का ऐलान किया है जिसके लिए कुल 1865.68 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। रेलवे कर्मचारी लंबे समय से इस बोनस की मांग कर रहे थे और सरकार के इस कदम से उनकी उम्मीदें पूरी हो गई हैं। यह फैसला न केवल कर्मचारियों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद है बल्कि यह उनके मनोबल को भी बढ़ाएगा।
शिपबिल्डिंग को 'नया जीवन' ₹69725 करोड़ का ऐतिहासिक पैकेज
देश के समुद्री और जहाज निर्माण क्षेत्र को एक नई दिशा देने के लिए कैबिनेट ने एक बड़े रिफॉर्म पैकेज को मंजूरी दी है जिसकी कुल लागत 69725 करोड़ रुपये है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह पैकेज जहाज निर्माण समुद्री फंडिंग और घरेलू क्षमता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक जहाज निर्माण उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाना है। इस बड़े आर्थिक पैकेज से न केवल इस सेक्टर में निवेश बढ़ेगा बल्कि हजारों नई नौकरियां भी पैदा होंगी। यह कदम भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' की पहल को भी मजबूत करेगा और विदेशी निर्भरता को कम करेगा।
बिहार में रेल कनेक्टिविटी को 'डबल' करने की मंजूरी
इन बड़ी घोषणाओं के साथ ही कैबिनेट ने बिहार राज्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण परियोजना को हरी झंडी दिखाई है। कैबिनेट बैठक में बख्तियारपुर-राजगिर-तिलैया के बीच मौजूदा सिंगल रेलवे लाइन को डबल करने की मंजूरी दी गई है। इस परियोजना की कुल लागत 2192 करोड़ रुपये है और यह बिहार के लगभग 104 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगी। यह परियोजना बिहार के चार जिलों को जोड़ेगी और भारतीय रेलवे के नेटवर्क को मजबूत करेगी।
इस रेल लाइन के डबल होने से राजगीर (शांति स्तूप) नालंदा और पावापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक रेल संपर्क बेहतर होगा जिससे देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। इसके अलावा यह परियोजना गया और नवादा जैसे दो आकांक्षी जिलों में कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगी जिससे लगभग 1434 गांवों और 13.46 लाख आबादी को सीधा फायदा मिलेगा। यह फैसला न केवल बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देगा।
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