TRENDING TAGS :
3.5 करोड़ नौकरियों का ऐलान! इतिहास की सबसे बड़ी कैबिनेट मीटिंग? मोदी सरकार ने एक दिन में लुटा दिए 2 लाख करोड़, विपक्ष की उड़ी नींद !
Modi cabinet meeting 2025: जहां एक ओर नौजवानों को नौकरी की सौगात मिली, वहीं खेल प्रेमियों के लिए ऐलान हुआ कि भारत अब ओलंपिक की मेज़बानी की दौड़ में तेजी से दौड़ेगा।
Modi cabinet meeting 2025: 1 जुलाई 2025 की तारीख आने वाले वर्षों में शायद भारत के विकास गाथा की नई शुरुआत के रूप में दर्ज होगी। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में इतने बड़े और चौंकाने वाले फैसले लिए गए कि देश की आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक तस्वीर ही बदलने की संभावना बन गई है। जहां एक ओर नौजवानों को नौकरी की सौगात मिली, वहीं खेल प्रेमियों के लिए ऐलान हुआ कि भारत अब ओलंपिक की मेज़बानी की दौड़ में तेजी से दौड़ेगा। इन सबके बीच वैज्ञानिकों, इनोवेटर्स और दक्षिण भारत के नागरिकों को भी ऐसा तोहफा मिला जिसे लेकर सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के पक्ष में जमकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। ये कैबिनेट मीटिंग महज़ एक बैठक नहीं थी — ये एक "विकास बम" था, जो हर सेक्टर को हिलाकर रख गया!
नौकरियों की सुनामी: 3.5 करोड़ नई नौकरियों का वादा
देश की सबसे बड़ी चिंता — बेरोजगारी। और इसी पर केंद्र सरकार ने सबसे बड़ी घोषणा कर दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि "रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Employment Linked Incentive - ELI)" को मंज़ूरी दे दी गई है। इस योजना के तहत सरकार अगले दो सालों में 3.5 करोड़ नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करेगी।
इस योजना का बजट सुनकर आप चौंक सकते हैं
इतना बड़ा फंड सीधे देश के युवाओं की जेब तक पहुंचाने की मंशा ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष भी इस योजना की आलोचना की जगह, इसे “चुनावी मास्टरस्ट्रोक” कहकर प्रचारित कर रहा है। क्या यह योजना वाकई बेरोजगारी को खत्म कर देगी या सिर्फ एक राजनीतिक दांव है — इसका जवाब तो आने वाले महीनों में मिलेगा, लेकिन फिलहाल देश के युवाओं को पहली बार कुछ “ठोस” मिलने की उम्मीद नजर आ रही है।
2036 ओलंपिक की तैयारी: भारत अब खेल महाशक्ति बनने को तैयार?
खेलों में भारत का नाम भले ही गोल्ड से कम जुड़ता रहा हो, लेकिन अब मोदी सरकार इसे बदलने की कसम खा चुकी है। कैबिनेट ने “राष्ट्रीय खेल नीति 2025” को मंजूरी दे दी है — और यह 2001 की पुरानी नीति को पूरी तरह खत्म करके भारत को एक ‘खेल महाशक्ति’ में बदलने का रोडमैप तैयार करेगी।
सबसे चौंकाने वाली बात?
2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए भारत अब पूरी तैयारी से उतरने वाला है। यह पहली बार है जब किसी सरकार ने इतने बड़े स्तर पर खेलों को लेकर इतनी आक्रामक रणनीति पेश की है। खेल नीति के ज़रिए सरकार हर राज्य में टैलेंट हंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन और वैश्विक खेल आयोजनों में भारत की स्थिति को मज़बूत करने पर जोर देगी।
रिसर्च में भारत बनेगा सुपरपावर: 1 लाख करोड़ की 'आरडीआई योजना'
मोदी सरकार ने R-&D (अनुसंधान एवं नवाचार) क्षेत्र में भी ऐसा धमाका किया है जिसकी कल्पना शायद देश के वैज्ञानिक भी नहीं कर रहे थे। ₹1 लाख करोड़ की “आरडीआई योजना” को मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत निजी कंपनियों को शून्य या बहुत कम ब्याज दर पर फंड मिलेगा, ताकि वो रिसर्च में निवेश कर सकें। इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ टेक्नोलॉजी इनोवेशन को बढ़ावा देना है, बल्कि भारत को विश्व का नया इनोवेशन हब बनाना है। AI, स्पेस, बायोटेक, क्लीन एनर्जी और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में अब देश की कंपनियां और स्टार्टअप्स सीधे सरकार की मदद से उड़ान भर सकेंगी।
तमिलनाडु को 1853 करोड़ का तोहफा: दक्षिण की ओर एक और कदम!
मंत्रिमंडल ने एक और बड़ा फैसला किया जिसने दक्षिण भारत की राजनीति को भी हिला दिया है। तमिलनाडु के परमकुडी-रामनाथपुरम हाईवे को चार लेन में बदलने की योजना को मंजूरी दी गई है। यह प्रोजेक्ट 46.7 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी लागत होगी ₹1,853 करोड़। यह प्रोजेक्ट दक्षिण तमिलनाडु के मदुरै, मंडपम, रामेश्वरम और धनुषकोडी जैसे क्षेत्रों को बेहतर लॉजिस्टिक्स, टूरिज्म और कनेक्टिविटी देने वाला साबित होगा। चुनाव से पहले दक्षिण भारत में यह एक “पॉलिटिकल मास्टरस्ट्रोक” माना जा रहा है, जिससे बीजेपी को वहां खोया हुआ जनाधार मिल सकता है।
क्या यह सब एक चुनावी स्टंट है? या वाकई भारत बदलने वाला है?
इन घोषणाओं के साथ एक सवाल पूरे देश में गूंज रहा है — क्या ये सब 2025 के चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है? या वाकई भारत अब बदलाव की ओर बढ़ रहा है? जहां विपक्ष इसे “पैकेज पॉलिटिक्स” बता रहा है, वहीं बीजेपी समर्थक इसे “न्यू इंडिया की दिशा” कह रहे हैं। लेकिन सच यह है कि एक ही दिन में इतने बड़े एलान शायद भारत के इतिहास में पहली बार हुए हैं। अब देखना यह है कि क्या ये एलान फाइलों से निकलकर जमीनी हकीकत में बदलेंगे या चुनाव के बाद फिर सब ठंडे बस्ते में चला जाएगा। फिलहाल तो पूरे देश में इस कैबिनेट मीटिंग की गूंज हर गली, हर टीवी चैनल और हर WhatsApp ग्रुप में है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge