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स्टेट की शक्ति" को खत्म कर रही टेक्नोलॉजी? डोभाल बोले- अगर AI परमाणु क्षेत्र में आया तो दुनिया का विनाश तय
Ajit Doval: एनएसए अजीत डोभाल ने सरदार पटेल लेक्चर में एआई, साइबर खतरे, महिला सशक्तिकरण और आंतरिक सुरक्षा पर जोर देते हुए भारत में मजबूत और समावेशी शासन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
Ajit Doval: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने सरदार पटेल लेक्चर ऑन गवर्नेंस के दौरान अपने संबोधन में कहा कि भारत को सरदार वल्लभभाई पटेल के राष्ट्र निर्माण के विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए और बदलते समय की चुनौतियों के अनुसार खुद को ढालना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह बहुत उपयुक्त है कि हम 2025 में सरदार पटेल को नए रूप में याद करें, उनके सोचने के तरीके को अपनाएँ। दुनिया इस समय बड़े बदलावों से गुजर रही है, और हमें इन तूफानों और धूल से आंखें बंद नहीं करनी चाहिए। हमें तैयार रहना होगा, जैसे सरदार पटेल ने अपनी पूरी जिंदगी सभ्यता को राष्ट्र-राज्य में बदलने के लिए काम किया।
समाज की एकजुटता और पैसे का प्रभाव
डोभाल ने कहा कि किसी देश की असली ताकत केवल विचारों में नहीं, बल्कि उसकी सरकार और शासन व्यवस्था की मजबूती में होती है। उन्होंने कहा, “लोग संस्थाओं को मजबूत बनाते हैं और अच्छे शासन को सहारा देते हैं। समाज को तोड़ने वाली ताकतों से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हमारा उद्देश्य समाज को एकजुट करना होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “कुछ लोगों का लक्ष्य समाज को एकजुट करना नहीं, बल्कि उसे जितने टुकड़ों में बाँटा जा सके, बाँट देना है। सच्चाई यह है कि इसमें पैसे की भी बड़ी भूमिका होती है। पैसा आपके दृष्टिकोण और देशभक्ति की भावना को प्रभावित कर सकता है।
नागरिक सुरक्षा और एआई का प्रभाव
डोभाल ने कहा कि शासन की शुरुआत हमेशा नागरिकों की मूल जरूरतों और सुरक्षा से होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “लोगों को सुरक्षा का एहसास दिलाना जरूरी है, यही किसी भी राज्य की पहली जिम्मेदारी होती है। डोभाल ने कहा, “एआई (Artificial Intelligence) समाज को संक्षिप्त और परिवर्तित कर देगी। यह युद्ध लड़ने के तरीकों को भी बदल देगी। लेकिन अगर इंसान का तत्व इसमें कम होता गया, तो एआई खतरनाक बन सकती है।
साइबर सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां
उन्होंने नीतिनिर्माताओं और नागरिकों से अपील की कि तकनीकी प्रगति और नैतिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाए रखें और हर जगह इंसानी निगरानी बनी रहे। देश की आंतरिक सुरक्षा पर बात करते हुए एनएसए डोभाल ने कहा कि भारत में आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया है, जिसका श्रेय देश की संस्थाओं और जनता की दृढ़ता को जाता है। लेकिन उन्होंने चेताया कि अब खतरे के नए रूप सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें समाज को साइबर खतरों से बचाना होगा।” इसके लिए उन्होंने मजबूत डिजिटल ढांचे और जागरूकता की जरूरत पर जोर दिया, क्योंकि भारत अब सूचना युग में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
महिला सशक्तिकरण और मजबूत, निर्णायक शासन
डोभाल ने एक अहम बात पर जोर देते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल सामाजिक उद्देश्य नहीं, बल्कि सुशासन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “अच्छे शासन के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण जरूरी है,” और बताया कि समावेशिता और प्रतिनिधित्व से ही देश मजबूत बनता है। पूर्वोत्तर भारत पर बोलते हुए डोभाल ने कहा कि वहाँ की ज्यादातर उग्रवाद की घटनाएँ अब थम चुकी हैं और “अब कोई इस पर बात नहीं करता।” उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति को उग्रवाद नहीं, बल्कि सांप्रदायिक संघर्ष के रूप में देखा जाना चाहिए, और इसके समाधान के लिए संवाद, मेल-मिलाप और संतुलित शासन की जरूरत है। अंत में डोभाल ने कहा कि शासन को भीतर और बाहर दोनों तरह के खतरों के सामने मजबूत और निर्णायक होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें यह दिखाना होगा कि हम किसी भी चुनौती का जवाब देने में सक्षम हैं।
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