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अब दुश्मन घुटने टेकने को होंगे मजबूर! भारत की बढ़ेगी ताकत, डोभाल लाने वाले हैं खास हथियार
NSA Ajit Doval Russia Visit: भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच NSA अजीत डोभाल रूस का दौरा करेंगे।
NSA Ajit Doval Russia Visit (Photo: Social Media)
NSA Ajit Doval Russia Visit: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल रूस की यात्रा की तैयारी कर रहे। वह अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे। खबर है कि NSA डोभाल मॉस्को की यात्रा के दौरान सुरक्षा मुद्दों पर उच्च प्रतिनिधियों की 13वीं अंतरराष्ट्रीय बैठक में हिस्सा लेंगे। यह बैठक 27 से 29 मई तक चलेगी, जिसकी अध्यक्षता रूस के सुरक्षा परिषद सचिव सर्गेई शोइगु करेंगे। इस दौरान NSA डोभाल रूस से भारत में खास हथियार लाने पर भी चर्चा कर सकते हैं।
अहम है NSA डोभाल का रूस दौरा
रूस में शिखर सम्मेलन के दौरान अजीत डोभाल शोइगु सहित अपने कई समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। अजीत डोभाल का यह रूस दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब भारत और अमेरिका के रिश्ते में खटास आ गई है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाने का क्रेडिट ले रहे और फिर अपने ही बयान से पलट जा रहे। इस बीच भारत ने साफ कहा है कि सीजफायर के लिए पाकिस्तान खुद आगे आया था और पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने खुद पीएम मोदी से बात की थी।
इन्हीं मुद्दों पर भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते डगमगाए हुए हैं। इस बीच NSA डोभाल का रूस दौरा अहम माना जा रहा है। रूस कई सालों से भारत के करीबी साझेदारों में से एक रहा है। अब बैठक के दौरान डोभाल S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की बची खेप की जल्द आपूर्ति को लेकर बातचीत कर सकते हैं। रूस निर्मित S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और भारत का स्वदेशी आकाशतीर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान के साथ सैन्य कार्रवाई के दौरान काफी महत्वपूर्ण साबित हुए। इन हथियारों ने पाकिस्तान से होने वाले ड्रोन और मिसाइल हमलों को हवा में भी नष्ट कर दिए।
रूस से 2 और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति बाकी
भारत ने रूस से साल 2018 में करीब 35,000 करोड़ रुपये में S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की 5 इकाई खरीदी थी, जिसमें अभी 3 की आपूर्ति भारत को हो चुकी है, जबकि 2 आने बाकी हैं। इस बीच रूस और यूक्रेन युद्ध भी चल रहा और अन्य चुनौतियों के कारण चौथी स्क्वाड्रन ने साल 2025 के आखिर तक और पांचवीं स्क्वाड्रन साल 2026 तक आने की उम्मीद है। भारतीय सेना इन एयर डिफेंस सिस्टम को संवेदनशील सीमाओं पर तैनात करने की प्लानिंग कर रही। ऐसे में अब जब NSA डोभाल रूस दौरा करेंगे तो उम्मीद जताई जा रही है कि S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की बची हुई खेप की जल्द आपूर्ति को लेकर वह दबाव बना सकते हैं।
क्या है S-400 एयर डिफेंस सिस्टम?
S-400 सिस्टम को सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में से एक माना जाता है। इसे भारत में 'सुदर्शन चक्र' नाम दिया गया है, यह 400 किलोमीटर की रेंज में हवाई खतरों को नष्ट करने और 600 किलोमीटर रेंज तक लक्ष्य को ढूंढ सकता है। S-400 सिस्टम सर्विलांस रडार तरंगों की मदद से एक सुरक्षा घेरा बनाता है। इस घेरे में जैसे ही दुश्मन देश का हथियार आता है, यह कमांड यूनिट में अलर्ट भेजता है। इसके बाद गाइडेंस रडार का काम शुरू हो जाता है और यह उस हथियार की लोकेशन पता करके मिसाइल लॉन्च कर देता है।
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