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ओडिशा में राहुल गांधी ने BJP पर बोला करारा हमला, बोले: चुराया गरीबों का हक, अरबपतियों की जेब भरी
Rahul Gandhi in Odisha: भुवनेश्वर की गर्म हवा उस दिन और भी सुलग गई जब मंच से एक आवाज़ गूंजी सरकार गरीबों का पैसा चुरा रही है! ये आवाज़ किसी और की नहीं, बल्कि कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की थी।
Rahul Gandhi in Odisha: भुवनेश्वर की गर्म हवा उस दिन और भी सुलग गई जब मंच से एक आवाज़ गूंजी सरकार गरीबों का पैसा चुरा रही है! ये आवाज़ किसी और की नहीं, बल्कि कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की थी। उनके तीखे तेवर और बगावती लहजे ने न सिर्फ वहां मौजूद हजारों लोगों को झकझोर दिया, बल्कि पूरे देश के राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी। राहुल गांधी का ओडिशा दौरा एक आम रैली नहीं, बल्कि सत्ता के खिलाफ खुला ऐलान-ए-जंग बनकर उभरा।
दलित, आदिवासी, किसान लूटे गए...
राहुल गांधी ने सीधे शब्दों में केंद्र सरकार और ओडिशा की भाजपा सरकार पर करारा वार किया। उन्होंने कहा, ओडिशा की गरीब जनता—चाहे वो दलित हो, आदिवासी हो, किसान या मजदूर—आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। लेकिन यहीं पर उन्होंने एक धमाकेदार बयान देकर सबका ध्यान खींचा, एक तरफ हैं ओडिशा के करोड़ों गरीब और दूसरी तरफ हैं सिर्फ 5-6 अरबपति... और भाजपा सरकार उन्हीं अरबपतियों की सरकार है। इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनलों तक पर बवाल मचा दिया। राहुल ने दावा किया कि भाजपा सिर्फ बड़े उद्योगपतियों की भलाई के लिए योजनाएं बनाती है, जबकि देश की मेहनतकश जनता को हाशिए पर छोड़ दिया गया है।
ये लड़ाई अब आर-पार की है...
राहुल गांधी ने सभा में मौजूद लोगों से सीधा संवाद करते हुए कहा, अगर कोई इस लड़ाई को लड़ सकता है, तो वो है कांग्रेस का सच्चा कार्यकर्ता। हमें मिलकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी। ये सिर्फ चुनाव की लड़ाई नहीं, ये भारत के संविधान, उसके मूल्यों और गरीबों के अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा पूरे देश में धीरे-धीरे संविधान को कुचलने की कोशिश कर रही है। गरीबों के आरक्षण, दलितों और आदिवासियों के अधिकार, किसानों की जमीन—हर चीज़ पर हमला किया जा रहा है।
भाजपा का पलटवार
राहुल गांधी के इस बयान के बाद भाजपा की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया आई। पार्टी के प्रवक्ताओं ने राहुल को राजनीतिक रूप से दिवालिया करार देते हुए कहा कि वो जनता के बीच नफरत और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल को ओडिशा की असली स्थिति की कोई जानकारी नहीं है, और वो सिर्फ मंच से बयानबाज़ी कर रहे हैं।
जनता का मूड—इस बार कुछ बदलेगा?
राहुल गांधी की इस जनसभा ने एक बात तो साफ कर दी—ओडिशा की राजनीति अब केवल क्षेत्रीय मुद्दों तक सीमित नहीं रहने वाली। जब एक राष्ट्रीय नेता खुले मंच से अरबपतियों बनाम गरीबों की लड़ाई का बिगुल बजा दे, तो मुद्दा सिर्फ बयानबाज़ी का नहीं, बल्कि आम जनता की चेतना जगाने का बन जाता है। क्या राहुल गांधी की यह आक्रामक रणनीति ओडिशा में कांग्रेस के लिए कोई नई लहर पैदा कर पाएगी? या भाजपा एक बार फिर इन आरोपों को धूल चटा देगी?
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