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राहुल गांधी होंगे गिरफ्तार? पांचवीं बार कोर्ट में नहीं हुए पेश! क्या जेल जाएंगे कांग्रेस के युवराज?
Rahul Gandhi arrest: 23 जून को लखनऊ की MP-MLA स्पेशल कोर्ट में सुनवाई थी। ये कोई पहली या दूसरी तारीख नहीं थी – बल्कि पांचवीं बार राहुल गांधी कोर्ट में पेश नहीं हुए। सेना जैसे सम्मानित संस्थान पर आरोप लगाने वाले राहुल गांधी अब खुद कानून से बचते नजर आ रहे हैं।
Rahul Gandhi Arrest: भारतीय राजनीति में इस समय एक ऐसा घमासान छिड़ा हुआ है जिसने कांग्रेस पार्टी के सिर से पसीना छुड़ा दिया है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए एक आपत्तिजनक बयान ने अब राहुल गांधी को कोर्ट के कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। आरोप है कि राहुल गांधी ने देश की सेना और सैनिकों का सार्वजनिक मंच से अपमान किया, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि कोर्ट बार-बार बुला रहा है और कांग्रेस का ‘युवराज’ बार-बार पेश होने से बच रहा है।
23 जून को लखनऊ की MP-MLA स्पेशल कोर्ट में सुनवाई थी। ये कोई पहली या दूसरी तारीख नहीं थी – बल्कि पांचवीं बार राहुल गांधी कोर्ट में पेश नहीं हुए। सेना जैसे सम्मानित संस्थान पर आरोप लगाने वाले राहुल गांधी अब खुद कानून से बचते नजर आ रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों कांग्रेस का बड़ा चेहरा बार-बार पेशी से बच रहा है? क्या डर है राहुल गांधी को? ये मामला मामूली नहीं है। शिकायत सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने 2023 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जो बयान दिया, वह न सिर्फ सेना का अपमान है बल्कि हर उस शहीद के बलिदान पर हमला है जिसने देश के लिए जान दी है।
राहुल गांधी पर गिरफ्तारी की तलवार! कोर्ट ने दिया संकेत
ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ पहले ही समन जारी कर दिया था। राहुल ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां भी उन्हें झटका ही लगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने साफ कह दिया कि ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पूरी तरह वैध है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता पेश नहीं हुए। 4 जून को भी तारीख थी, लेकिन राहुल नदारद रहे। और अब 23 जून को भी वही कहानी दोहराई गई।
अब वकील विवेक तिवारी और शिकायतकर्ता ने कोर्ट से साफ-साफ कहा है कि राहुल गांधी बार-बार कोर्ट की अवहेलना कर रहे हैं और इसलिए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया जाए। राहुल गांधी के वकील प्रांशू अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दाखिल करने का हवाला देकर राहत मांगी, लेकिन शिकायतकर्ता पक्ष का साफ कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से कोई स्टे नहीं मिलता, तब तक ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही चलती रहेगी। अब पूरा मामला 15 जुलाई की तारीख पर टिक गया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है और अगले सुनवाई में तय होगा कि क्या राहुल गांधी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया जाएगा या उन्हें फिलहाल राहत मिलेगी।
राजनीति में गरमाई बहस, कांग्रेस पर संकट
राहुल गांधी के खिलाफ इस मुकदमे ने कांग्रेस पार्टी को भी असहज कर दिया है। पहले से ही लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना कर चुकी कांग्रेस अब चाहकर भी इस मुद्दे से बच नहीं पा रही है। विपक्षी पार्टियां पहले से ही राहुल गांधी को “सेना विरोधी मानसिकता” का चेहरा बताकर हमले कर रही हैं। राहुल गांधी का बार-बार कोर्ट से गायब रहना उनकी छवि पर और भी ज्यादा बुरा असर डाल रहा है। अगर अगली सुनवाई में गैर-जमानती वारंट जारी होता है तो राहुल गांधी की राजनीतिक विश्वसनीयता पर तगड़ा सवाल खड़ा हो जाएगा। अब सबकी निगाहें 15 जुलाई पर टिक गई हैं। सवाल यही है – क्या राहुल गांधी कानून के आगे घुटने टेकेंगे या एक बार फिर कोर्ट को चुनौती देंगे? फिलहाल तो कोर्ट का रुख सख्त है और गिरफ्तारी की तलवार राहुल गांधी के सिर पर लटक रही है…अब खेल बड़ा होने वाला है!
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