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अब पाकिस्तान पर आसमन से बरसेगा कहर! भारत ने स्पेस में तैनात किया ख़ास हथियार, आतंकयों को नहीं मिलेगी छुपने की कोई जगह
India EOS-09 Satellite: जब सैटेलाइट्स को बादल और अंधेरा रोक नहीं पाते, तब समझिए कि वो तकनीक नए युग में पहुंच चुकी है। EOS-09, जिसे C-Band Synthetic Aperture Radar (SAR) से लैस किया गया है, ऐसी ही एक आंख है, जो न सिर्फ...
India EOS-09 Satellite
India EOS-09 Satellite: 2008 की वो काली रात, जब समुद्री रास्ते से घुसे दस आतंकियों ने मुंबई की रगों में ज़हर घोल दिया था, आज भी हिंदुस्तान की स्मृति में ताज़ा है। ताज होटल की खिड़कियों से उठता धुआं, वीटी स्टेशन की सीढ़ियों पर पसरा खून और एनएसजी कमांडोज़ की राइफलों से झरती गोलियां... ये सब कुछ बदलने के लिए काफी था। सिर्फ एक शहर नहीं, पूरा देश सहम गया था। उस खौफनाक हमले ने सिर्फ 166 जानें नहीं लीं, उसने भारत को अपनी सुरक्षा रणनीतियों पर दोबारा सोचने को मजबूर कर दिया। तभी भारत ने एक बड़ा फैसला लिया हमें सिर्फ ज़मीन पर नहीं, अंतरिक्ष से भी निगरानी रखनी होगी। यहीं से शुरू हुई एक क्रांति स्पेस से सिक्योरिटी की मॉनिटरिंग की। इस फैसले की पहली कड़ी थी RISAT-2 भारत का पहला Radar Imaging Satellite, जिसे रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया और इज़रायल की तकनीक की मदद से 2009 में लॉन्च कर दिया गया। तब से लेकर आज तक, भारत के पास अब अंतरिक्ष से निगरानी करने वाले *एक से एक धांसू 'आंख' हैं। लेकिन इन सबमें ताज़ा नाम सबसे खतरनाक और सबसे एडवांस EOS-09 का है।
EOS-09: वो आंख, जो तूफान में भी देखती है
जब सैटेलाइट्स को बादल और अंधेरा रोक नहीं पाते, तब समझिए कि वो तकनीक नए युग में पहुंच चुकी है। EOS-09, जिसे C-Band Synthetic Aperture Radar (SAR) से लैस किया गया है, ऐसी ही एक आंख है, जो न सिर्फ बादलों के पार देख सकती है, बल्कि बारिश, धूल और कोहरे में भी ज़मीन की हर हरकत को पकड़ सकती है। यह सिर्फ एक पर्यावरण निगरानी सैटेलाइट नहीं है। यह एक सैन्य रणनीतिक हथियार है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह 1 मीटर तक की हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें ले सकता है। यानी किसी वाहन की मूवमेंट हो या फिर जमीन में मामूली बदलाव EOS-09 सब देख सकता है। इसके अलावा, यह 10 से 225 किलोमीटर तक के क्षेत्र को स्कैन करने की क्षमता रखता है, जो इसे वाइड एरिया मॉनिटरिंग के लिए आदर्श बनाता है।
5 इमेजिंग मोड — जरूरत के मुताबिक नज़रिया
EOS-09 को खासतौर पर इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह हर परिस्थिति में निगरानी कर सके। इसके 5 अलग-अलग इमेजिंग मोड जैसे हाई-रिज़ॉल्यूशन स्पॉटलाइट और मीडियम रिज़ॉल्यूशन स्कैनSAR इसे मल्टी-टास्कर बनाते हैं। इससे यह बाढ़, भूस्खलन, चक्रवात जैसी आपदाओं की लाइव ट्रैकिंग करने में भी सक्षम है। साथ ही, यह समुद्री सुरक्षा में भी बड़ा रोल निभाता है भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा की निगरानी करना, अवैध मछली पकड़ने या तस्करी जैसी गतिविधियों पर नजर रखना, और तेल रिसाव जैसी घटनाओं का समय रहते पता लगाना ये सब कुछ अब इस सैटेलाइट की ड्यूटी में शामिल है।
सिर्फ ताकतवर नहीं, स्मार्ट भी है ये सैटेलाइट
EOS-09 सिर्फ ताकत नहीं दिखाता, यह तकनीक में भी अव्वल है। इसका SAR सिस्टम संभावित रूप से *सह-पोलराइजेशन, क्रॉस-पोलराइजेशन और हाइब्रिड पोलरिमेट्री को सपोर्ट करता है। मतलब? ये इंसानी गतिविधियों को भी पहचान सकता है जैसे किसी जंगल में टेंट लगे हों, या कहीं कोई अस्थायी शिविर बना हो। यह वो हथियार है, जो दिखता नहीं, पर सब कुछ देखता है। इसकी ड्यूल-यूज़ कैपेबिलिटी यानी सैन्य और सिविल दोनों में उपयोग इसे एक तरह से भारत की “स्मार्ट आंख” बनाती है। कृषि, जल संसाधन, वन विभाग, शहरी नियोजन जैसे क्षेत्रों में भी इसका बड़ा योगदान हो सकता है।
क्यों लॉन्च हुआ अभी?
EOS-09 का लॉन्च कोई सामान्य रूटीन मिशन नहीं था। इसका समय बहुत कुछ कहता है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, जिसमें सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया, ने एक बार फिर इस बात को याद दिलाया कि भारत को हर पल सतर्क रहना होगा। इसके तुरंत बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत की त्वरित सैन्य कार्रवाई और सफलता ने संदेश दे दिया कि अब की भारत सरकार सिर्फ जवाब नहीं देती, पहले से तैयारी करती है।
इसी रणनीति का हिस्सा है EOS-09
भारत की 15,000 किलोमीटर लंबी ज़मीनी सीमाएं पाकिस्तान की LoC, चीन की एलएसी, बांग्लादेश की खुलती सीमाएं और 7,500 किलोमीटर समुद्री सीमा लगातार सुरक्षा चिंताओं से घिरी हैं। इस जटिल टेरिटरी पर हर पल, हर बदलाव पर नज़र रखना ज़रूरी है। EOS-09 इसी मिशन के लिए अंतरिक्ष से 24x7 तैनात किया गया है।
स्पेस में भारत का अगला कदम EO और SAR की शक्ति
ISRO अब Earth Observation (EO) सैटेलाइट्स की नई पीढ़ी पर फोकस कर रहा है। RISAT अब सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक पूरी श्रृंखला बन चुकी है — जिसमें X-Band और C-Band जैसे सिस्टम्स के साथ आने वाले कई और एडवांस वर्ज़न तैयार हो रहे हैं। EOS-09 की सफलता यह बताती है कि भारत अब सिर्फ रॉकेट लॉन्च करने वाला देश नहीं, बल्कि स्पेस से निगरानी करने वाला तकनीकी महाशक्ति भी बन चुका है।
नया युग, नई निगरानी और एक साफ संदेश
भारत अब पहले की तरह नहीं सोचता। अब नीति सिर्फ जवाब की नहीं, पहले से देखकर कदम उठाने की है। EOS-09 इसका स्पष्ट उदाहरण है। मुंबई 2008 की गलती को भारत अब नहीं दोहराना चाहता अब हमला हो, उससे पहले अलर्ट मिल जाए, ज़मीन हिलने से पहले सैटेलाइट बता दे, दुश्मन सरहद पर सधे, उससे पहले आसमान से निगाहें टोक दें यही भारत की नई डिफेंस डिक्शनरी है।
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