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2 वोटर ID मामले में पवन खेड़ा पर EC का शिकंजा, BJP के आरोप के बाद भेजा नोटिस,कांग्रेस ने किया पलटवार
पवन खेड़ा पर दो वोटर ID होने के आरोप में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया, कांग्रेस ने पलटवार किया।
Pawan Khera voter ID case: लोकसभा चुनाव के बाद भी देश में सियासी घमासान थमा नहीं है। इस बार निशाने पर हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता पवन खेड़ा। भारतीय जनता पार्टी ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उनके पास एक नहीं, बल्कि दो मतदाता पहचान पत्र हैं और उनका नाम दो अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में है। बीजेपी के इन आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने तुरंत एक्शन लेते हुए पवन खेड़ा को नोटिस जारी कर दिया है और उनसे छह दिनों के भीतर जवाब मांगा है। यह मामला न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में, बल्कि सोशल मीडिया पर भी बहस का मुद्दा बन गया है, जहां 'वोट चोरी' के आरोप-प्रत्यारोप का खेल एक नया मोड़ ले चुका है।
BJP का 'एक्सप्लोसिव' खुलासा: क्या पवन खेड़ा 'वोट चोर' हैं?
भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार सुबह एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस विवाद को हवा दी। उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी 'वोट चोरी' का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उनकी पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा के पास खुद दो सक्रिय EPIC नंबर (मतदाता पहचान पत्र संख्या) हैं। मालवीय ने बताया कि एक वोटर आईडी दिल्ली के जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत है, जो पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। वहीं, दूसरा वोटर आईडी नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में है, जो नई दिल्ली लोकसभा सीट का हिस्सा है। मालवीय ने खेड़ा के दोनों वोटर आईडी नंबरों और फोटो युक्त इलेक्टोरल रोल की तस्वीरें भी पोस्ट कीं, जिससे उनके आरोपों को और बल मिला। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले की जांच करने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि खेड़ा ने चुनावी कानूनों का उल्लंघन किया है। मालवीय ने तंज कसते हुए कहा, "कांग्रेस पूरी तरह से वोट चोर है।"
पवन खेड़ा का पलटवार: 'गलती चुनाव आयोग की है'
अपने ऊपर लगे आरोपों पर पवन खेड़ा ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी और सारा ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भी तो यही सवाल उठा रही है कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी है। खेड़ा ने दावा किया कि उन्होंने 2016 में ही उस इलाके को छोड़ दिया था और अपना नाम कटवाने के लिए आवेदन भी किया था। उन्होंने चुनाव आयोग से सवाल करते हुए कहा, "मैं चुनाव आयोग से जानना चाहता हूं कि मेरे नाम पर नई दिल्ली विधानसभा में किससे वोट करवा रहे हैं। मुझे सीसीटीवी फुटेज चाहिए वहां की, कि अब तक मेरा नाम वहां पर क्यों है?" उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग और भाजपा मिलकर इस तरह का फर्जी मतदान करवा रहे हैं और यही बात राहुल गांधी भी कह रहे हैं। खेड़ा का यह बयान इस मामले को एक व्यक्तिगत आरोप से बदलकर पूरी चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाने वाला बना देता है।
EC का एक्शन: नोटिस जारी, छह दिन का अल्टीमेटम
भाजपा के आरोप और पवन खेड़ा के जवाब के बाद, नई दिल्ली जिला के निर्वाचन कार्यालय ने मंगलवार शाम को ही एक्शन लिया। उन्होंने पवन खेड़ा को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है। नोटिस में साफ लिखा गया है कि एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में पंजीकृत होना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत एक दंडनीय अपराध है। अधिकारी ने खेड़ा से इस बारे में कारण बताने के लिए कहा है कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए। उन्हें 8 सितंबर, 2025 तक अपना जवाब जमा करने का अल्टीमेटम दिया गया है। यह नोटिस इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है और यह भी बताता है कि चुनाव आयोग इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले रहा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पवन खेड़ा अपने जवाब में क्या कहते हैं और चुनाव आयोग इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करता है।
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