अवॉर्डों के सम्राट बने PM Modi! 27वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान लेकर मोदी ने रच दिया इतिहास – 8 मुस्लिम देशों ने भी झुकाया सिर

Modi receives 27 global honors: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब सिर्फ भारत के नेता नहीं रह गए हैं, वह ग्लोबल स्टेज के सुपरस्टार बन चुके हैं। बुधवार को जब नामीबिया की राजधानी विंडहोक में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस से नवाजा गया, तो यह कोई साधारण दृश्य नहीं था।

Harsh Srivastava
Published on: 10 July 2025 1:48 PM IST (Updated on: 10 July 2025 1:49 PM IST)
अवॉर्डों के सम्राट बने PM Modi! 27वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान लेकर मोदी ने रच दिया इतिहास – 8 मुस्लिम देशों ने भी झुकाया सिर
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Modi receives 27 global honors: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब सिर्फ भारत के नेता नहीं रह गए हैं, वह ग्लोबल स्टेज के सुपरस्टार बन चुके हैं। बुधवार को जब नामीबिया की राजधानी विंडहोक में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस से नवाजा गया, तो यह कोई साधारण दृश्य नहीं था। यह एक ऐसा क्षण था, जब अफ्रीका की धरती ने भारत के कूटनीतिक प्रभुत्व के आगे सम्मान से सिर झुका दिया। यह सम्मान इसलिए भी ऐतिहासिक बन गया क्योंकि यह मोदी को मिला 27वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड था। 11 साल के कार्यकाल में 27 सम्मान… यानी हर साल 2 से 3 देशों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक भूमिका को सलाम। यह आंकड़ा न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि भारत की विदेश नीति की सफल कहानी भी खुद-ब-खुद बयान कर देता है।

24 घंटे में दूसरा अवॉर्ड, 7 महीने में 7 सम्मान

यह कोई सामान्य विदेश दौरा नहीं था। नामीबिया में मिला यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को 24 घंटे के भीतर मिला दूसरा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है। और तो और, 2025 की शुरुआत से अब तक सिर्फ 7 महीनों में मोदी को 7 अवॉर्ड मिल चुके हैं। यह आंकड़ा बताता है कि कैसे वैश्विक नेतृत्व के मैदान में मोदी अकेले खिलाड़ी बनते जा रहे हैं। बीते सालों में भी यह सिलसिला रुका नहीं – 2023 में 6 अवॉर्ड, 2024 में भी 6 अवॉर्ड। आज मोदी के पास अफ्रीका से लेकर यूरोप, मिडल ईस्ट से लेकर सुदूर पैसिफिक द्वीपों तक की सरकारों का विश्वास, सम्मान और समर्थन है।

8 मुस्लिम देशों ने दिया सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी पर अक्सर विपक्ष और विदेशी मीडिया मुस्लिम विरोधी छवि का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। जिस नेता को कुवैत, इजिप्ट, बहरीन, मालदीव, UAE, फिलिस्तीन, अफगानिस्तान और सऊदी अरब जैसे 8 मुस्लिम देशों ने अपने सर्वोच्च पुरस्कारों से नवाजा हो, उसे विवादास्पद कहने की हिम्मत अब कोई नहीं जुटा सकता। यह साफ संकेत है कि दुनिया अब भारत को उसकी धार्मिक राजनीति के चश्मे से नहीं, बल्कि उसकी रणनीतिक हैसियत और निर्णायक नेतृत्व के पैमाने पर आंक रही है।

जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक – कोई नहीं पहुंचा इस ऊंचाई तक

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को अपने कार्यकाल में सिर्फ 2 अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले। इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को भी 2-2 पुरस्कार ही मिले। राजीव गांधी को तो एक भी सम्मान नहीं मिला। और इधर मोदी हैं, जो 11 साल में 27 अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं, और यह सिलसिला अभी रुका नहीं है। बीजेपी का यह कहना गलत नहीं कि यह सिर्फ मोदी की लोकप्रियता का मामला नहीं है, यह भारत की विश्वसनीयता और शक्ति का प्रमाण है। मोदी के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रभाव ने भारत की छवि को एक मजबूत, निर्णायक और महत्वाकांक्षी राष्ट्र के रूप में पेश किया है, जो सिर्फ सुनता नहीं, जवाब भी देता है।

मोदी डिप्लोमेसी: सिर्फ कूटनीति नहीं, एक करिश्मा

नामीबिया से पहले प्रधानमंत्री मोदी को ब्राज़ील, श्रीलंका, मॉरिशस, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, साइप्रस, घाना जैसे देशों से भी सम्मान मिल चुका है। इस लिस्ट में रूस और फ्रांस जैसे वैश्विक ताकतवर राष्ट्र भी शामिल हैं, वहीं अफ्रीका और पैसिफिक द्वीपों जैसे अपेक्षाकृत छोटे राष्ट्रों ने भी मोदी की लीडरशिप को सलाम किया है। यह दिखाता है कि मोदी की वसुधैव कुटुंबकम वाली विदेश नीति सिर्फ स्लोगन नहीं, बल्कि एक प्रभावी रणनीति है जिसने भारत को वैश्विक पटल पर सम्मान और विश्वास की मुद्रा में ला खड़ा किया है।

कूटनीति से ज्यादा यह भारत के पुनर्जागरण का प्रतीक है

27 अवॉर्ड सिर्फ आंकड़ा नहीं है। यह उस भारत के उभार की कहानी है जो कभी तीसरी दुनिया का हिस्सा माना जाता था, लेकिन आज पहली कतार में खड़ा है। यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि एक वैश्विक निर्णायक शक्ति बन चुका है। और इस परिवर्तन का नेतृत्व कर रहे हैं नरेंद्र मोदी। उनकी यह सफलता सिर्फ विदेश नीति का कमाल नहीं, बल्कि देश की आंतरिक स्थिरता, आर्थिक वृद्धि, डिजिटल क्रांति और वैश्विक मंच पर बोलने की स्पष्टता का भी परिणाम है।

अब अगला सम्मान कहां से मिलेगा?

यह सवाल अब हर भारतीय के मन में है। क्योंकि जिस रफ्तार से सम्मान मिल रहे हैं, उस हिसाब से साल खत्म होने से पहले ही यह संख्या 30 पार कर सकती है। और तब भारत के इतिहास में ऐसा कोई नेता नहीं होगा जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतनी स्वीकृति और सराहना पाई हो। मोदी के ये सम्मान भारत की जीत हैं। यह उस सोच की जीत है जो कहती है – छोटा देश हो या बड़ा, सम्मान वहां से भी आता है जहां विश्वास होता है। और आज पूरी दुनिया भारत पर भरोसा कर रही है – मोदी के नेतृत्व पर भरोसा कर रही है।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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