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पीएम मोदी आज करेंगे बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा, बाढ़ और भूस्खलन से मची तबाही का लेंगे जायजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 6 सितम्बर को बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे। वह हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का जायजा लेंगे।
PM Modi Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 6 सितम्बर को बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री मोदी बाढ़ के कारण हुई तबाही का जायजा लेने के लिए उत्तर भारत के उन राज्यों का दौरा करेंगे, जो भारी बारिश और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस दौरान वह बाढ़ से हुए नुकसान का मूल्यांकन करेंगे, जिनमें सड़कों और संपत्तियों का भारी नुकसान और जनहानि शामिल है। देश के कई राज्य बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब प्रमुख हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन क्षेत्रों का दौरा करेंगे और वहां के हालात का जायजा लेंगे। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब कुछ राज्य सरकारों ने बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग की है।
शिवराज सिंह चौहान ने किया पंजाब का दौरा
बुधवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के अमृतसर जिले का दौरा किया, जहां बाढ़ ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति का आकलन करने के लिए दो केंद्रीय दल पंजाब भेजे गए हैं, जो केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे। चौहान ने अमृतसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पंजाबी हमेशा देश और मानवता की सेवा में सबसे आगे रहे हैं, लेकिन आज पंजाब बाढ़ से जूझ रहा है और कई गांव प्रभावित हुए हैं, जिससे जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खेत भी जलमग्न हो गए हैं।
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार इस कठिन समय में पंजाब के लोगों के साथ खड़ी है। मुझे प्रधानमंत्री ने यहां भेजा है, और हम यहां के हालात का जायजा लेंगे और लोगों से बात करेंगे।" पंजाब में अब तक बाढ़ से 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ ने 1.75 लाख हेक्टेयर से ज्यादा फसलें बर्बाद कर दी हैं।
15 सितंबर तक बारिश कम रहने की संभावना
अगर बांध नहीं होते, तो जून महीने से ही पंजाब में बाढ़ आ जाती। बांधों में पानी भरने के दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और ग्लोबल फारकास्ट सिस्टम जैसी संस्थाओं से जानकारी ली जाती है, ताकि यह तय किया जा सके कि पानी को छोड़ना है या स्टोर करना है। इन संस्थाओं के अनुसार, 15 सितंबर तक ब्यास और सतलुज नदी के कैचमेंट क्षेत्र में ज्यादा बारिश की संभावना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार जितनी बारिश हुई है, अगर बांध नहीं होते, तो जून से ही पंजाब में बाढ़ का सामना करना पड़ता।
हिमाचल में भूस्खलन और बाढ़ से तबाही
गुरुवार सुबह हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन हुआ, जिसके बाद कई लोग लापता हो गए हैं। चंबा-तीसा मार्ग पर एक कार पहाड़ी से गिरकर 700 मीटर गहरी बैरास्यूल नदी में समा गई, जिससे दो युवकों की मौत हो गई। किन्नौर जिले के लिप्पा गांव में गुरुवार शाम आई बाढ़ के कारण मलबा और पत्थर जमा हो गए, जिससे कृत्रिम झील बन गई। भूस्खलन के कारण प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग और 1087 सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में धूप के साथ कुछ जगहों पर हल्की बारिश की संभावना जताई है।
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