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'राज्यसभा छोड़ी, विधानसभा जीती, अब मंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे संजीव अरोड़ा – पंजाब की राजनीति में AAP का बड़ा दांव या कोई और खेल?'

AAP Punjab politics: कल यानी गुरुवार को चंडीगढ़ स्थित राजभवन में दोपहर 1 बजे एक ऐसा शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है, जिसकी खबर भले ही एक पंक्ति में आई हो, लेकिन उसके पीछे पूरी सियासी पटकथा छिपी है।

Harsh Srivastava
Published on: 2 July 2025 7:26 PM IST
राज्यसभा छोड़ी, विधानसभा जीती, अब मंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे संजीव अरोड़ा – पंजाब की राजनीति में AAP का बड़ा दांव या कोई और खेल?
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AAP Punjab politics: जब राजनीति में कोई राज्यसभा जैसी "सुरक्षित" सीट को छोड़कर विधानसभा का "संकटभरा" रास्ता चुनता है, तो समझ लीजिए पीछे कोई साधारण योजना नहीं, बल्कि सत्ता की ऊंची सीढ़ी की रणनीति रची जा रही है। पंजाब की राजनीति में इस वक्त कुछ वैसा ही होता दिख रहा है – और उसका चेहरा हैं आम आदमी पार्टी के नेता संजीव अरोड़ा। कल यानी गुरुवार को चंडीगढ़ स्थित राजभवन में दोपहर 1 बजे एक ऐसा शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है, जिसकी खबर भले ही एक पंक्ति में आई हो, लेकिन उसके पीछे पूरी सियासी पटकथा छिपी है। AAP सरकार के तीन साल में यह सातवां मंत्रिमंडल विस्तार होगा, लेकिन इस बार चर्चा केवल विस्तार की नहीं – ‘सिलेक्टेड प्रमोशन’ की है, जिसमें केवल एक नाम चमक रहा है – संजीव अरोड़ा।

सिर्फ एक ही चेहरा क्यों? क्या पंजाब मंत्रिमंडल में कोई गुप्त उबाल है?

इस बार खास बात यह है कि केवल एक ही मंत्री को शपथ दिलाई जाएगी। पहले अटकलें थीं कि कई मंत्रियों की छुट्टी कर दी जाएगी और कुछ नए चेहरों को शामिल किया जाएगा, लेकिन राजभवन की चिट्ठी ने उन सभी अटकलों को झटका दे दिया। स्पष्ट रूप से लिखा गया – “केवल एक मंत्री को शपथ दिलाई जाएगी”। तो सवाल उठता है – क्या AAP सरकार के पास अब विकल्प नहीं हैं या फिर ये सिर्फ शांति से किया गया ‘पावर बैलेंस’ है, जिससे एक बड़े परिवर्तन की तैयारी की जा रही है? एक तरफ भगवंत मान की कैबिनेट 16 मंत्रियों के साथ चल रही है जबकि संविधान के अनुसार, मंत्रिमंडल में अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं। यानि दो सीटें अब भी खाली हैं – और शायद इन सीटों के लिए पीछे कोई सियासी जोड़-घटाव चल रहा है, जो जनता की नज़रों से फिलहाल दूर है।

राज्यसभा की कुरसी छोड़कर विधानसभा क्यों?

संजीव अरोड़ा ने हाल ही में लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतकर विधायक बने। उन्होंने कांग्रेस के भारत भूषण आशु को 10 हज़ार से अधिक वोटों से हराकर यह सीट अपने नाम की। लेकिन यहां असली खबर यह नहीं कि उन्होंने चुनाव जीता – बल्कि यह है कि उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया, जबकि उनका कार्यकाल 2028 तक था।

राज्यसभा की सीट छोड़ना, चुनाव लड़ना, और अब मंत्री बनना

अरविंद केजरीवाल ने पहले ही अरोड़ा के लिए पिच तैयार कर दी थी, चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने खुलेआम कहा था – “अगर अरोड़ा जीते तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा।” मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी इस ऐलान को दोहराया। यानि ये सब पहले से स्क्रिप्टेड था – और अब बस मंच सजाया जा रहा है।

ED की रेड, विपक्ष के वार और अब सत्ता में वापसी

संजीव अरोड़ा का नाम पिछले साल सुर्खियों में तब आया जब ED ने उनके आवास पर छापेमारी की। उन पर जमीन से जुड़े धोखाधड़ी के आरोप लगे। AAP ने तुरंत इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया। और अब वही अरोड़ा मंत्री बनने जा रहे हैं। क्या यह जवाबी दांव है भाजपा और जांच एजेंसियों पर? या फिर AAP सरकार अपने वफादारों को इनाम दे रही है? दिलचस्प बात यह है कि अरोड़ा को लेकर पार्टी में कभी खुला विरोध नहीं हुआ, न ही मीडिया में कोई अंदरूनी कलह की खबर आई। यानि उनका 'इनक्लूजन' पार्टी के हर खेमें को रास आ रहा है – या फिर डर और नियंत्रण का ऐसा माहौल है जहां कोई आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं कर रहा।

संजीव अरोड़ा की एंट्री सिर्फ पंजाब की राजनीति में नहीं देखी जा रही, बल्कि इसे AAP के राष्ट्रीय समीकरण से भी जोड़ा जा रहा है। विधानसभा में मंत्री पद से लेकर राज्यसभा तक की 'छोड़-छाड़', साफ़ दिखाती है कि पार्टी 2025 और 2029 के राजनीतिक रोडमैप पर काम कर रही है। अरविंद केजरीवाल की टीम 'साइलेंट लेकिन स्ट्रैटजिक बदलाव' कर रही है, जिसमें चेहरे, पद और भूमिका बदलकर एक नया सियासी समीकरण खड़ा किया जा रहा है।

क्या अरोड़ा सिर्फ एक चेहरा हैं या भगवंत मान की अगली पारी का संकेत?

एक तरफ यह सिर्फ एक मंत्री की शपथ का मामला लगता है, लेकिन अंदरखाने कुछ और कहानी चल रही है। संजीव अरोड़ा की मंत्री पद पर एंट्री दरअसल आने वाले महीनों में पंजाब कैबिनेट के रीशफल और पार्टी के पावर स्ट्रक्चर की पहली ईंट साबित हो सकती है। क्या यह संकेत है कि भगवंत मान टीम के कुछ पुराने चेहरों से पीछा छुड़ाने वाले हैं? या फिर अब 'दिल्ली की टीम' धीरे-धीरे पंजाब में ज्यादा मजबूत पकड़ बनाने जा रही है? कल दोपहर 1 बजे पंजाब के राजभवन में सिर्फ शपथ नहीं दिलाई जाएगी – वहां एक नए सियासी अध्याय का उद्घाटन होगा। बेशक कैमरों में केवल एक चेहरा दिखेगा, लेकिन पर्दे के पीछे बहुत सारे चेहरे इस फैसले की स्क्रिप्ट लिख चुके हैं। अब देखना ये है कि ये स्क्रिप्ट सत्ता की नई कहानी रचेगी या फिर विरोध और विवादों का नया अध्याय खोल देगी?

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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