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पुतिन के गुरु ने बताई भारत की ताकत,ट्रंप के ब्राह्मण कार्ड पर रूस ने दिखाया आईना,US की बोलती हुई बंद
पुतिन के गुरु दुगिन ने भारत की आध्यात्मिक ताकत की तारीफ कर ट्रंप के ब्राह्मण कार्ड पर करारा वार किया
Putin Mentor Support India: मेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर चल रही तकरार अब एक नए और चौंकाने वाले मोड़ पर आ गई है। जहां एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार भारत के खिलाफ बयान दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रूस ने खुलकर भारत का समर्थन किया है। सोमवार को ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने रूसी तेल के बहाने भारत के 'ब्राह्मणों' पर हमला बोला था, लेकिन इसके ठीक अगले दिन, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के राजनीतिक गुरु अलेक्जेंडर दुगिन ने एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने भारत के आध्यात्मिक चिंतन की प्रशंसा करते हुए भौतिकवादी पश्चिम को आईना दिखाया।
नवारो का 'ब्राह्मण' हमला: रूसी तेल का राजनीतिकरण
सोमवार को अमेरिकी व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि रूसी तेल से 'ब्राह्मणों को लाभ हो रहा है, भारतीय जनता के हितों की कीमत पर।' यह बयान न केवल भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप था, बल्कि इसने एक धार्मिक-जातीय टिप्पणी भी की। नवारो का यह बयान ट्रंप प्रशासन की उस दबाव रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका मकसद भारत को अमेरिका के साथ एक व्यापारिक समझौता करने पर मजबूर करना है। हालांकि, इस तरह के बयान ने भारत के लोगों और नेताओं को नाराज़ कर दिया है।
दुगिन का आध्यात्मिक बचाव: 'हिंदुओं ने सर्वोच्च स्तर हासिल किया'
ट्रंप के सलाहकार के बयान के बाद, रूस के प्रसिद्ध राजनीतिक दार्शनिक और रणनीतिकार अलेक्जेंडर दुगिन ने भारत के समर्थन में अपनी बात रखी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि भारतीय संस्कृति भौतिक दुनिया का खुलकर तिरस्कार करती है और इसके अस्तित्व पर हंसती है। दुगिन ने कहा, "हिंदुओं ने आध्यात्मिक चिंतन का उच्चतम स्तर हासिल किया है। अब भौतिकवादी पश्चिम की बारी है कि वह हंसे और तिरस्कार करे।" यह बयान न केवल भारत और रूस के गहरे संबंधों को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि रूस भारत को एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति के रूप में देखता है, न कि केवल एक व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में।
कौन हैं अलेक्जेंडर दुगिन?
अलेक्जेंडर दुगिन, जिन्हें पश्चिमी देशों में अक्सर फासीवादी विचारक और 'पुतिन के दिमाग' के रूप में देखा जाता है, एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्होंने ही यूक्रेन को 'नोवोरोसिया' (नया रूस) का नाम दिया था। वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूस सरकार के बेहद करीबी माने जाते हैं। दुगिन की विचारधारा अक्सर राष्ट्रवादी और साम्राज्यवाद विरोधी होती है। उन्होंने पहले भी कई बार भारत की प्रशंसा की है। अप्रैल 2024 में उन्होंने कहा था कि भारत हमारी आंखों के सामने एक नए वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने भारत के आर्थिक विकास, वैश्विक प्रभाव और राजनीतिक परिवर्तनों के बढ़ते महत्व पर भी विस्तार से बात की थी।
भारत-रूस संबंध: दोस्ती का नया अध्याय
रूस और भारत के बीच संबंध हमेशा से मजबूत रहे हैं। चीन में हाल ही में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति और पीएम मोदी की दोस्ती पूरी दुनिया ने देखी थी। दुगिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस और भारत दोनों ही अमेरिका की एकतरफा नीतियों का विरोध कर रहे हैं। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि भू-राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं, और भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण कई देशों के साथ संतुलन बनाए रखने में सक्षम है। यह भी दिखाता है कि जब अमेरिका भारत पर दबाव बनाता है, तो रूस जैसा एक मजबूत सहयोगी खुलकर भारत का साथ दे सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस 'आध्यात्मिक' पलटवार के बाद अमेरिका की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है।
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