चुनाव से ऐन पहले गायब हुये राहुल गांधी, तेजस्वी का हाल बेहाल, महागठबंधन का खेल खत्म?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राहुल गांधी की महागठबंधन से दूरी और विदेश यात्रा ने राजनीतिक चर्चा तेज कर दी है।

Shivam Srivastava
Published on: 25 Oct 2025 4:41 PM IST
Rahul Gandhis Big Remark
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Rahul Gandhi's Big Remark

बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महागठबंधन की गतिविधियों से दूरी बना ली है। इन दिनों वह कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं। राजनीतिक पारा बढ़ते ही उनका गायब होना कई सवाल खड़े कर रहा है।

राहुल गांधी अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन अक्सर किसी काम की शुरुआत करके उसे बीच में ही छोड़कर गायब हो जाते हैं। कांग्रेस पार्टी इस बात से खुश है कि उनकी यात्राओं, भाषणों और आक्रामक रवैये से पार्टी में जान आई है, लेकिन उनका अचानक गायब होना पार्टी के लिए चिंता का विषय भी बनता है।

कांग्रेस ने हाल ही में घोषणा की कि लीडर ऑफ द अपोजिशन (एलओपी) राहुल गांधी ब्राजील और नॉर्थ अमेरिका के कुछ देशों की पांच-छह दिन की यात्रा पर गए हैं। इस दौरान उनका उद्देश्य वहाँ के बुद्धिजीवियों, सरकारी नेताओं और विश्वविद्यालयों में भाषण देना है।

हालांकि, सवाल उठते हैं कि इस यात्रा से भारत, कांग्रेस या राहुल गांधी को क्या लाभ होगा। विशेष रूप से यह यात्रा बिहार चुनावों के समय हो रही है, जब चुनावी गतिविधियाँ अपने चरम पर हैं। राहुल गांधी 27 सितंबर को साउथ अमेरिका के लिए रवाना हुए, जिससे यह सवाल खड़ा हुआ कि क्या विपक्ष के नेता को ऐसे समय पर विदेश जाना चाहिए, जब देश के महत्वपूर्ण राज्य में चुनाव हो रहे हों।

बीजेपी इस पर अक्सर तंज कसती रही है। बीजेपी के प्रवक्ताओं का कहना है कि राहुल गांधी भारतीय राज्य और लोकतंत्र के खिलाफ वैश्विक गठबंधन बना रहे हैं। उनका आरोप है कि राहुल गांधी विदेश में भारत विरोधी तत्वों से संपर्क रखते हैं और चुनावी लाभ के लिए विदेशों में सक्रिय हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेता विदेश यात्रा के लिए ब्रीफिंग लेकर जाते हैं, लेकिन राहुल गांधी अक्सर बिना ब्रीफिंग विदेश चले जाते हैं। यह भी सवाल उठता है कि एलओपी के रूप में उनकी यात्राओं की जानकारी क्यों सार्वजनिक नहीं होती। पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी है ताकि उनके विदेश दौरों की आलोचना कम हो सके।

राहुल गांधी की विदेश यात्राओं की संख्या लगातार बढ़ती रही है। पिछले नौ महीनों में उन्होंने कम से कम छह विदेश यात्राएँ की हैं, जिनमें टेक्सस, इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, मलेशिया और अब साउथ अमेरिका शामिल हैं।

विदेश यात्रा के दौरान उनके कई बयान विवादों में रहते हैं। उदाहरण के लिए, वर्जीनिया में सिखों के बारे में उनकी टिप्पणी और अमेरिका यात्रा पर उनकी टिप्पणियाँ विवादास्पद रही हैं। विपक्षी नेता होने के नाते उनके विदेश यात्राओं के खर्च और प्रोटोकॉल पर भी सवाल उठते हैं। रायबरेली की जनता यह जानना चाहती है कि उनके सांसद कितनी बार अपनी सीट पर मौजूद रहते हैं।

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