शिवलिंग और विज्ञान! जलाभिषेक के जल में छिपा है चौंकाने वाला रहस्य, इस वैज्ञानिक प्रयोग ने अंधविश्वास कहने वाले लोगों की करी बोलती बंद

Sawn ka Somwar 2025: सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मिलती है मन को शांति तो इसके पीछे छिपा है गहरा राज। आइये जाने क्या है रहस्य

Sonal Verma
Published on: 21 July 2025 2:13 PM IST
Sawan 2025 Shivling Jalabhishek Scientific Facts
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Sawan 2025 Shivling Jalabhishek Scientific Facts

Sawn ka Somwar 2025 Shivling Jalabhishek Scientific Facts: सावन के शुरु होते ही पूरी प्रकृति के साथ-साथ शिवभक्तों का मन भी खिल उठता है। शिवभक्त जल, दूध, बेलपत्र आदि अर्पित कर पूरे श्रद्धा भाव से महादेव की सेवा में लग जाते हैं। आज सावन के सोमवार (Sawan ka Somwar) पर शिव मंदिरों में विशेषरुप से काफी भीड़ रहती है। भक्तगण शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं जिससे उनके मन का बहुत शांति मिलती है। पर क्या अपको पता है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से मन को इतनी शांति क्यूं मिलती है? आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये सिर्फ भक्ति ही नहीं बल्कि विज्ञान का एक अनोखा रहस्य है।


शिवलिंग का वैज्ञानिक और आध्यत्मिक रहस्य

हम शिवलिंग को एक धार्मिक प्रतीक के रुप में ही जानते हैं। लेकिन क्या शिवलिंग की पहचान सिर्फ यहीं तक सीमित है? जवाब है बिल्कुल नहीं। शिवलिंग आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक तीनों दृष्टिकोण से अत्यंत गूढ़ होने के साथ-साथ ब्रह्मांडीय ऊर्जा और चेतना का केंद्र भी है। है। यह ऐसा विषय है, जो आज के युवाओं को यह समझने में मदद करता है कि हमारी सनातन संस्कृति कितनी वैज्ञानिक और चेतनाशील रही है। शिवलिंग का ‘वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रहस्य’ एक ज्ञानवर्धक विषय है, जो धार्मिक आस्था को आधुनिक विज्ञान की दृष्टिकोण से जोड़ता है।

वैज्ञानिक प्रयोग में सामने आया हैरान करने वाला सच

शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक रूप होने के साथ-साथ आकारहीन, निराकार ब्रह्म का प्रतीक भी है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से शिवलिंग ब्रह्मांडीय ऊर्जा, सृजन, स्थिति, और संहार को दर्शाता है। यह पुरुष और प्रकृति दोनों के मिलन को भी दर्शाता है, जिससे संपूर्ण सृष्टि उत्पन्न होती है। इसकी उर्जा मनुष्यों के लिए कितनी लाभकारी है, इसे जानने के लिए गोवा के महर्षि आध्यात्म विश्वविद्यालय में एक वैज्ञानिक प्रयोग किया गया। इसमें यूनिवर्सल ओरा स्कैनर (Universal Aura Scanner) नामक एक विशेष उपकरण द्वारा लोगों की शिवलिंग पर जल चढ़ाने से पहले और जल चढ़ाने के बाद की उर्जा को मापा गया। इस प्रयोग में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये। व्यक्तियों की नकारात्म ऊर्जा में गिरावट दर्ज की गई वहीं, उनकी सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि नजर आई। यह प्रयोग दर्शाता है कि शिवलिंग पर जलाभिषेक न सिर्फ धार्मिक रुप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके माध्यम से सकारात्मक उर्जा में (auric energy) में वृद्धि होती हैं।


शिवलिंग से गिरता जल कम करता है मानसिक तनाव

शिवलिंग पर जब जल या दूध अर्पित किया जाता है, तो वह उसके ऊपर से घूमता हुआ नीचे गिरता है, जिससे एक विशेष प्रकार का कंपन क्रिएट होता है। यह प्रक्रिया मानसिक तनाव को कम करने, एकाग्रता बढ़ाने और आत्मिक संतुलन लाने में मदद करती है।

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