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शशि थरूर के नेतृत्व में भारत-फ्रांस की 'पॉलिटिकल पिच': रणनीतिक, आर्थिक और सैन्य संबंधों पर बनी सहमति, आतंकवाद पर फ्रांस का सीधा समर्थन
Shashi Tharoor on India France Relations: बैठक के बाद थरूर ने बताया कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, सामरिक और सैन्य सभी पहलुओं पर बहुत मजबूत और सकारात्मक बातचीत हुई।
Shashi Tharoor
Shashi Tharoor on India France Relations: भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस सांसद और विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल के साथ विस्तृत चर्चा की। बैठक के बाद थरूर ने बताया कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, सामरिक और सैन्य सभी पहलुओं पर बहुत मजबूत और सकारात्मक बातचीत हुई। इस दौरान भविष्य में सहयोग के नए क्षितिज पर भी खुलकर चर्चा की गई, जो दोनों देशों के लिए एक नई दिशा प्रदान कर सकती है।
पहलगाम हमले पर फ्रांस का खुला समर्थन
बैठक का एक अहम बिंदु हाल ही में पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकवादी हमले पर फ्रांस का स्पष्ट और मजबूत समर्थन रहा। शशि थरूर ने बताया कि फ्रांसीसी आगंतुकों ने इस हमले और उसके बाद भारत द्वारा की गई कार्रवाइयों के मद्देनजर भारत की स्थिति के लिए जोरदार समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "हमारी समिति ने उस समर्थन की बहुत सराहना की।" यह दर्शाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। यह समर्थन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा, खासकर ऐसे समय में जब भारत सीमा पार आतंकवाद से जूझ रहा है।
राफेल की 'प्रशंसा' और सैन्य सहयोग पर चर्चा
बैशशि थरूर ने यह भी बताया कि उन्होंने फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल को अपने सहयोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिलवाया, जो भविष्य में भारत से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यह बैठक दोनों देशों के बीच राजनयिक और संसदीय स्तर पर संवाद की निरंतरता को दर्शाती है। बातचीत के दौरान, रविशंकर प्रसाद ने राफेल लड़ाकू विमानों की प्रशंसा की। उन्होंने राफेल को भारत और फ्रांस के घनिष्ठ सैन्य सहयोग के प्रतीक के रूप में वर्णित किया, जो दोनों देशों के बीच गहरे सामरिक संबंधों को उजागर करता है। हालांकि, थरूर ने स्पष्ट किया कि बैठक में "सैन्य कार्रवाइयों पर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई।" यह दर्शाता है कि चर्चा का मुख्य केंद्र रणनीतिक साझेदारी और रक्षा सहयोग के व्यापक पहलुओं पर था, न कि विशिष्ट सैन्य अभियानों पर।
भविष्य की साझेदारी की नींव
कुल मिलाकर, यह बैठक भारत और फ्रांस के बीच मजबूत और बहुआयामी संबंधों की पुष्टि करती है। दोनों देशों ने न केवल मौजूदा सहयोग की समीक्षा की, बल्कि भविष्य की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया। आर्थिक मोर्चे पर व्यापार और निवेश बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा हुई होगी, जबकि सामरिक और सैन्य क्षेत्र में रक्षा उत्पादन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त अभ्यास जैसे विषयों पर बात हुई होगी। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और भारत तथा फ्रांस दोनों ही एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता और रणनीतिक स्वायत्तता की दिशा में दोनों देशों का एक साथ आना, उनके संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करता है। यह संवाद भविष्य में और गहरे सहयोग के लिए एक ठोस नींव तैयार करेगा।
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