SC on Banke Bihari Temple Case: बांके बिहारी मंदिर विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने दिलाई भगवान श्रीकृष्ण की याद, कहा– पहले मध्यस्थ वही थे!

SC on Banke Bihari Temple Case: बांके बिहारी मंदिर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की जल्दबाजी पर सवाल उठाए हैं।

Gausiya Bano
Published on: 4 Aug 2025 3:30 PM IST
SC on Banke Bihari Temple Case
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SC on Banke Bihari Temple Case

SC on Banke Bihari Temple Case: वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर को लेकर इन दिनों एक बड़ा कानूनी विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद की जड़ उत्तर प्रदेश सरकार का एक अध्यादेश है, जिसके तहत मंदिर के पुनर्विकास के लिए 500 करोड़ रुपये मंदिर कोष से खर्च किए जाने की योजना है। यह योजना कोर्ट की मंजूरी के बाद ही आगे बढ़ पाई थी, लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है और वहां सरकार की जल्दबाजी और प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण का उदाहरण देते हुए कहा कि वे ही पहले मध्यस्थ थे। कोर्ट ने राज्य सरकार और मंदिर ट्रस्ट के बीच सुलह के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव भी दिया है।

क्या है विवाद की पूरी कहानी?

बांके बिहारी मंदिर का प्रबंधन परंपरागत रूप से शेबायत परिवारों द्वारा किया जाता है, जो पीढ़ियों से पूजा और व्यवस्था देख रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी अध्यादेश से मंदिर के नियंत्रण में हस्तक्षेप हुआ है, जिससे विवाद खड़ा हो गया। पूर्व प्रबंधन पक्ष का आरोप है कि सरकार ने बिना उन्हें सुने अध्यादेश जारी किया और उन्हें मंदिर प्रबंधन से हटा दिया गया। अब सरकार एक नया ट्रस्ट बनाकर मंदिर का पुनर्विकास करना चाहती है।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि राज्य सरकार इतनी जल्दबाजी में क्यों थी? क्या मंदिर ट्रस्ट को सुना गया? कोर्ट ने पहले दिए गए 15 मई के आदेश को आंशिक रूप से रोकने का प्रस्ताव दिया, जिसमें मंदिर कोष के उपयोग की अनुमति दी गई थी।

साथ ही कोर्ट ने सुझाव दिया है कि एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक अंतरिम समिति बनाई जाए, जो मंदिर का संचालन तब तक देखे जब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में अध्यादेश की संवैधानिक वैधता की जांच न हो जाए।

कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

कोर्ट ने आगे सरकार से यह भी सवाल किया कि जब यह विवाद दो निजी पक्षों के बीच था, तो राज्य सरकार ने हस्तक्षेप क्यों किया? अगर राज्य हर निजी विवाद में घुसने लगे तो कानून व्यवस्था ही टूट जाएगी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार को विकास कार्य ही करना था तो वह नियमों के अनुसार जमीन अधिग्रहित करके भी कर सकती थी।

जनमाष्टमी हादसे के बाद उठी थी विकास की मांग

यह विवाद 2022 की जनमाष्टमी पर हुई भगदड़ और दो मौतों के बाद शुरू हुआ था। इसके बाद सितंबर 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि मंदिर में भीड़ प्रबंधन के लिए एक कॉरिडोर योजना बनाई जाए।

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Gausiya Bano is a Multimedia Journalist based in Lucknow, the capital city of Uttar Pradesh, currently serving as Desk In-Charge at Newstrack. She holds a postgraduate degree in Journalism from Makhanlal Chaturvedi National University, Bhopal, Madhya Pradesh. With over 2.5 years of experience, she has worked with leading organizations including Rajasthan Patrika and NewsBytes. She has expertise in news desk operations, reporting and digital journalism. At Newstrack She oversees content management, ensures editorial accuracy and coordinates with reporters to maintain high newsroom standards. Passionate about ethical reporting and adapting to the evolving media landscape, Gausiya Bano continues to grow as a dedicated and responsible journalist.

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