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Siddharthnagar News: सनातन धर्म को बदनाम करने वालों का सच सामने आया, सत्य की हुई जीत: राघवेन्द्र प्रताप सिंह
Siddharthnagar News: पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने डुमरियागंज स्थित भाजपा कार्यालय पर जनसुनवाई के दौरान मीडिया से बात करते हुए प्रतिक्रिया दी।
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Siddharthnagar News: वर्ष 2008 के बहुचर्चित मालेगांव ब्लास्ट केस में मुंबई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया है। इन आरोपियों में भोपाल से पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित जैसे चर्चित नाम शामिल हैं।
कोर्ट के इस फैसले पर हिन्दू युवा वाहिनी (हियुवा) के प्रदेश प्रभारी और पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने डुमरियागंज स्थित भाजपा कार्यालय पर जनसुनवाई के दौरान मीडिया से बात करते हुए प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे "सत्य की जीत" बताते हुए कहा कि वर्षों से ‘हिन्दू आतंकवाद’ और ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्दों के जरिए सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिशें अब न्याय के समक्ष बेनकाब हो चुकी हैं।
राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने क्या कहा?
उन्होंने कहा,
"अब सत्य समूचे संसार के सामने है। 'हिन्दू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' कहकर सनातन धर्म को बदनाम करने की जो कुचेष्टा की गई, वह विफल हो चुकी है। यह न्यायपालिका की निष्पक्षता और भारतीय संविधान में आस्था की जीत है। सत्यमेव जयते!"
उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले ने उन ताकतों को करारा जवाब दिया है, जो राजनीतिक या वैचारिक स्वार्थों के चलते एक विशेष धर्म को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
क्या था मामला?
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम विस्फोट में 6 लोगों की मौत और करीब 100 लोग घायल हुए थे। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की थी और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। लेकिन, सबूतों के अभाव में अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया।
योगी आदित्यनाथ का भी नाम लेने की कोशिश?
राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने यह भी दावा किया कि उस समय तत्कालीन सांसद और वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भी एटीएस का फोन आया था कि "आपका नाम भी आ रहा है, गिरफ्तारी के लिए तैयारी करें।" तब योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि,
"गोरखपुर आना है तो सबूत लेकर आना, वरना वापस नहीं जा पाओगे।"
यह मामला सामने आने के बाद गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल में हड़कंप मच गया था।
विपक्ष पर हमला
उन्होंने कांग्रेस, सपा और अन्य मुस्लिम नेताओं व मौलानाओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जब अन्य मामलों में फैसले आते हैं, तो वे इसे 'न्याय की जीत' बताते हैं। लेकिन मालेगांव केस में जब निर्दोष लोग बरी हुए, तब किसी ने न्याय की बात नहीं की।
"क्या न्याय सिर्फ एक पक्ष के लिए होता है?" – उन्होंने सवाल उठाया।
इस दौरान लवकुश ओझा, चंद्रप्रकाश उर्फ चंदू चौधरी, लालजी शुक्ला, संजय मिश्रा, विंद्रराज गिरि, राकेश पाण्डेय, अवधेश चौधरी, अंकित श्रीवास्तव, अमन गौड़ सहित अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
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