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तेज प्रताप बनाएंगे अपनी नयी पार्टी? शाम 5 बजे बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस, कर सकते है बड़ा ऐलान
Tej Pratap Yadav Press Conference: तेज प्रताप यादव आज शाम 5 बजे नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं! आरजेडी से निष्कासन के बाद उठाया बड़ा कदम, हसनपुर में दिखा नया झंडा, बिहार की सियासत में मच गई हलचल। क्या लालू परिवार में दिखेगा बड़ा राजनीतिक विभाजन?
Tej Pratap Yadav Press Conference: बिहार की राजनीति एक बार फिर उबलने लगी है। राजनीति की इस स्याही में इस बार नाम उभरकर सामने आया है लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से निष्कासित हो चुके तेज प्रताप यादव का। एक ऐसा नाम, जो जितना विवादों में रहा, उतना ही सुर्खियों में भी और अब आज शाम 5 बजे वही तेज प्रताप अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने जा रहे हैं। “मेरे अंदर कृष्ण है, मैं चुप नहीं रहूंगा।” यह बयान कुछ दिनों पहले तेज प्रताप ने अपने एक वीडियो संदेश में दिया था। और लगता है कि अब उन्होंने ‘कृष्ण’ के रथ पर चढ़कर सियासत की नई लड़ाई छेड़ दी है और इस बार रणभूमि है खुद बिहार, जहां ‘पिता और पुत्र’ आमने-सामने खड़े दिख सकते हैं।
बगावत से बिगुल तक,तेज प्रताप की बगावत में तेज़ी
RJD से 6 साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद से ही तेज प्रताप का सुर बागी होता गया। वे न सिर्फ़ पार्टी नेतृत्व पर खुलकर हमलावर हुए, बल्कि यह तक कह डाला कि “मुझे पार्टी से निकाला गया है, लेकिन जनता के दिल से नहीं।” इसके बाद सोशल मीडिया, पोस्टर और हसनपुर यात्रा – हर जगह उनका एक ही इशारा था कि कुछ बड़ा होने वाला है। पार्टी से निष्कासन को लेकर उन्होंने कई बार यह आरोप लगाया कि उन्हें "जानबूझकर चुप कराने" की साज़िश रची जा रही है, लेकिन वे पीछे हटने वालों में से नहीं हैं। और अब जब उन्होंने 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने की घोषणा की है, तो सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है।
हसनपुर में दिखा ‘नया झंडा’, आज होगा पूरी तस्वीर से पर्दा उठ
हाल ही में तेज प्रताप जब अपने विधानसभा क्षेत्र हसनपुर गए, तो उनके हाथ में एक ऐसा झंडा था जो RJD के पारंपरिक हरे-सफेद रंग से बिल्कुल अलग था। झंडे में नए रंग, नए प्रतीक और एक नया तेवर दिखा, जिसे देखकर ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि यह शायद तेज प्रताप की नई पार्टी का सियासी संकेत है। सूत्रों के अनुसार, यही झंडा आज शाम को तेज प्रताप अपनी पार्टी का आधिकारिक प्रतीक घोषित कर सकते हैं। उनके करीबी यह दावा कर रहे हैं कि पार्टी का नाम भी चौंकाने वाला और युवाओं को आकर्षित करने वाला हो सकता है और यह RJD की समानांतर राजनीति की नींव रखने वाला होगा।
नई पार्टी, नया नारों का शोर, जनता की अदालत में उतरने की तैयारी
तेज प्रताप इस बात को साफ कर चुके हैं कि वह इस बार विधानसभा चुनाव जरूर लड़ेंगे और अपने नए ध्येय वाक्य और मुद्दों के साथ मैदान में उतरेंगे। माना जा रहा है कि उनकी पार्टी का फोकस युवाओं, बेरोजगारी, और सामाजिक न्याय के साथ-साथ "वंशवाद के खिलाफ स्वराज" जैसे नारों पर केंद्रित रहेगा।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप की यह बगावत सिर्फ़ एक व्यक्तिगत संघर्ष नहीं है, बल्कि यह लालू परिवार के भीतर एक भावनात्मक और वैचारिक विभाजन का संकेत भी हो सकती है। तेजस्वी यादव जहां अब पार्टी के प्रमुख चेहरे और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर आगे बढ़ रहे हैं, वहीं तेज प्रताप का नया राजनीतिक कदम RJD के वोट बैंक में सीधी सेंध लगा सकता है।
बिहार में नया ‘तेज’ – विपक्ष, JDU और BJP की निगाहें भी टिक गईं
तेज प्रताप की नई पार्टी के ऐलान से सिर्फ़ RJD ही नहीं, बल्कि सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी दल भी सतर्क हो गए हैं। बीजेपी के नेता इस घटनाक्रम को RJD में टूट और विपक्ष की कमजोरी के रूप में देख रहे हैं, जबकि JDU के रणनीतिकार इसे “महागठबंधन की गड़बड़ी” का संकेत मान रहे हैं। तेज प्रताप के कदम का सीधा असर आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर पड़ सकता है। अगर वह युवाओं, यादव वोट बैंक और धार्मिक-सांस्कृतिक प्रतीकों के सहारे अपनी पकड़ बनाते हैं, तो यह विपक्षी एकता के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है।
लालू की विरासत में दरार या नई दिशा?
तेज प्रताप का यह कदम सिर्फ़ पार्टी से अलग होना नहीं है, यह "लालू युग की राजनीति से आज़ादी" का ऐलान भी हो सकता है। क्या वह बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय लिखेंगे या यह केवल एक भावनात्मक उबाल साबित होगा? यह तो वक्त बताएगा। लेकिन आज शाम 5 बजे, तेज प्रताप यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ़ एक नेता नहीं, बल्कि एक बागी इतिहास बोलने वाला है। और जब बागी बोलेगा, तो पूरे बिहार में सुनाई देगा – “अब मेरा समय शुरू होता है।”
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