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'संकट' में एयर फोर्स! सेना चीफ ने क्यों बोला 'ब्लैक शीप', तेजस को लेकर दिखाए सख्त तेवर
Air Force Tejas Fighter Jet: अब तक सशस्त्र बलों ने इन देरी पर खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन यह मुद्दा अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
Amar Preet Singh: भारत के वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने रक्षा आपूर्ति में हो रही लगातार देरी को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की है। भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य टकराव के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में उन्होंने कहा कि अब तक एक भी रक्षा परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई है। यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयासों पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
ब्लैक शीप करार दिया सिस्टम को
साफगोई से अपनी बात रखने के लिए पहचाने जाने वाले एयर चीफ मार्शल सिंह ने अंग्रेजी के मुहावरे "ब्लैक शीप" का इस्तेमाल करते हुए रक्षा खरीद प्रक्रिया में मौजूद खामियों पर तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि अब तक सशस्त्र बलों ने इन देरी पर खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन यह मुद्दा अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
तेजस की डिलीवरी में देरी पर खासतौर पर नाराजगी
अपने भाषण में उन्होंने खासतौर पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा तेजस हल्के लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में हो रही देरी को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “समयसीमा बहुत बड़ा मुद्दा है। यही वह बिंदु है जहां प्रतिबद्धता की अहमियत सामने आती है। एक बार डेडलाइन तय हो जाए, तो उसे निभाना चाहिए।”
समझते हैं कि पूरा नहीं होगा, फिर भी कॉन्ट्रैक्ट साइन कर देते हैं
एयर चीफ ने स्वीकार किया कि कई बार ऐसे प्रोजेक्ट्स पर दस्तखत कर दिए जाते हैं जिनके पूरे होने की संभावना शुरुआत से ही कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि अक्सर हमें पता होता है कि यह डेडलाइन नहीं मानी जाएगी, फिर भी हम समझौते पर हस्ताक्षर कर देते हैं। नतीजतन, पूरी प्रक्रिया ही चरमरा जाती है।
‘मेक इन इंडिया’ पर भरोसा, लेकिन आशंकाएं बरकरार
भारतीय वायुसेना प्रमुख ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल को समर्थन देने की बात तो कही, लेकिन इसके कार्यान्वयन को लेकर उद्योग पर संदेह भी जाहिर किया। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब वायुसेना को यह भरोसा नहीं था कि भारतीय रक्षा उद्योग आवश्यक गुणवत्ता और डिलीवरी दे पाएगा। हमने बाहर की ओर देखना इसलिए शुरू किया क्योंकि हमें भारतीय आपूर्तिकर्ताओं से वह उत्पाद नहीं मिल रहा था जिसकी हमें ज़रूरत थी।
आत्मनिर्भरता को बताया एकमात्र विकल्प
मार्शल सिंह ने मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि आज के भू-राजनीतिक माहौल ने यह एहसास दिला दिया है कि आत्मनिर्भरता ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना अब घरेलू विकल्पों की ओर तेजी से मुड़ रही है, लेकिन इस बदलाव को सफल बनाने के लिए डिफेंस इंडस्ट्री को भी समय और गुणवत्ता की कसौटी पर खरा उतरना होगा।
एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की यह टिप्पणी देश की रक्षा उत्पादन नीति और उसकी कार्यान्वयन प्रणाली पर एक सख्त चेतावनी की तरह है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना समयबद्ध डिलीवरी के ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत जैसे प्रयासों का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
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