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यूपी में शिक्षकों को 'तगड़ा झटका'! 9 हजार प्राइमरी टीचरों का समायोजन होगा रद्द,कोर्ट के फैसले का असर
Supreme Court TET: यूपी में 9 हजार प्राइमरी शिक्षकों का समायोजन रद्द होगा।
Supreme Court TET
Supreme Court TET: देशभर में कार्यरत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है। इस फैसले के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अब किसी भी शिक्षक के लिए सेवा में बने रहने या प्रमोशन पाने के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी TET पास करना अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बिना टीईटी पास शिक्षकों को तगड़ा झटका लगा है। TET को लेकर सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। कोर्ट के इस फैसले का बड़ा असर अब यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर जनपदीय स्थानान्तरण और समायोजन पर भी पड़ेगा। वहीं, कोर्ट के आदेश के बाद अब 2017 के बाद कार्यरत शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता भी साफ हो गया है।
प्राइमरी शिक्षकों का समायोजन रद्द
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से पिछले 2 महीने के दौरान अंतर जनपदीय स्थानान्तरण और समायोजन के तहत उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित प्राथमिक स्कूलों के करीब 9000 प्रधानाध्यापकों का अब समायोजन निरस्त करना होगा। बात दें कि बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी की ओर से 30 जून को जारी सूची में प्रदेशभर के 20182 और आठ अगस्त को जारी सूची में 5378 परिषदीय शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ था। इनमें क्रमश: 9041 और लगभग 442 प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का स्थानान्तरण हुआ था। इनमें से कुछ शिक्षकों को तो प्राथमिक विद्यालय में ही प्रधानाध्यापक के पद पर भेजा गया था लेकिन नौ हजार शिक्षक ऐसे थे जिन्हें सायोजन के नियम विरुद्ध तरीके से उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर दिया गया था। अब इन शिक्षकों का समायोजन रद्द करने की तैयारी की जा रही है।
शिक्षकों ने जताया विरोध
अब हजारों शिक्षक इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। इसी सिलसिले में कौशाम्बी के अतुल द्विवेदी समेत तीन शिक्षकों ने इसे नियम विरुद्ध कार्रवाई बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है। इनका कहना है कि, "उच्च प्राथमिक विद्यालयों के जो पद पदोन्नति से भरे जाने थे उन पर प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का समायोजन किए जाने से उनकी पदोन्नति के अवसर कम हो गए हैं।" इस केस की सुनवाई नौ सितंबर को होनी है।
8 साल बाद शिक्षकों को मिलेगा प्रमोशन (Teachers Promotion)
यूपी में TET की अनिवार्यता को लेकर हो रहे विवाद के कारण 2017 के बाद से शिक्षकों का प्रमोशन नहीं हुआ है। लेकिन अब शिक्षकों का पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त शिक्षकों की पांच साल बाद प्राधमिक विद्यालय में प्राधानाध्यापक या उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पदों पर प्रमोशन होना चाहिए। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रमोशन हो सकते हैं।
इन शिक्षकों को नहीं पास कराना होगा TET
इस फैसले में कुछ ही समय में रिटायर होने वाले शिक्षकों को राहत दी गई है। जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में सिर्फ 5 साल से कम शेष है, वे बिना TET पास किए भी कार्यरत रह सकते हैं। लेकिन कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जो शिक्षक परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे, वे या तो सेवा छोड़ सकते हैं या फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर टर्मिनल बेनिफिट्स (सेवा लाभ) प्राप्त कर सकते हैं। यह फैसला तमिलनाडु और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से आई याचिकाओं को लेकर दिया गया है। बता दें कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने 2010 में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए एक न्यूनतम योग्यता तय की थी जिसके अनुसार, शिक्षकों की नियुक्ति के लिए TET पास करना जरूरी होगा। इसके बाद से ही यह परीक्षा किसी भी अध्यापक की शिक्षण गुणवत्ता सुनिश्चित करने का माध्यम मानी जाती है।
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