Supreme Court TET: फैसले से यूपी के साढ़े नौ लाख शिक्षक प्रभावित, भड़का आक्रोश

5 साल से ज्यादा सेवा शेष वाले शिक्षकों को दो साल में TET पास करना अनिवार्य, विरोध तेज़

Ramkrishna Vajpei
Published on: 2 Sept 2025 11:04 AM IST
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Basic Shikshak Supreme Court ( image from Social Media)

Supreme Court TET: सुप्रीम कोर्ट के देश भर के शिक्षकों पर आए ऐतिहासिर फैसले ने उत्तर प्रदेश के शिक्षकों को झकझोर के रख दिया है। उत्तर प्रदेश में कक्षा एक से पांच तक प्राथमिक विद्यालयों में वर्तमान में लगभग 3,38,580 शिक्षक कार्यरत हैं। इसी तरह प्रदेश में कक्षा 6 से 8 तक लगभग 6,28,915 बेसिक शिक्षक हैं, जिनमें अंशकालिक अनुदेशक, शिक्षा मित्र और सहायक अध्यापक शामिल हैं। यानी मोटे अनुमान के अनुसार लगभग साढ़े नौ लाख शिक्षक सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सीधे प्रभावित हो रहे हैं।

उम्र की अधेड़ावस्था में पहुंच चुके या उस ओर बढ़ रहे अध्यापकों के लिए इस समय टीईटी पास करना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। और फैसले पर उनका आक्रोश बढ़ना शुरू हो गया है। उन्नाव के बेसिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष कृष्ण शंकर मिश्र का कहना है कि यह एकतरफा निर्णय, एक्ट की स्थापना से पहले के टीचरों पर यह नियम थोपना गलत है, यानी 2010 के पहले के टीचरों पर फैसला लागू होना पूर्णतया अन्यायपूर्ण है। वह सवाल करते हैं कि 45-46 साल के टीचर क्या टेट परीक्षा पास कर पाएंगे। आप क्या उम्मीद करते हैं या जो 50 साल के हो चुके हैं उनसे क्या उम्मीद है। कानपुर की एक अध्यापक अर्चना अवस्थी कहती हैं कि ये टीचरों को नौकरी से निकालने का फंडा है। वह कहती हैं कि 2006 के बाद के टीचर पेंशन विहीन हैं। अगर अनिवार्य सेवा निवृत्ति होती है तो उन्हें क्या मिलेगा क्या दो या तीन हजार की पेंशन में उनके परिवार का गुजारा हो सकता है।

एक और अध्यापक धीरेंद्र दत्त मिश्रा कहते हैं ये सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार की मंशा के अनुरूप आया है। पहले तो बेतहाशा स्कूल खोलना गलत था फिर स्कूलों के मर्जर के बाद शिक्षकों की बढ़ी संख्या को विदाई देने का यह कानूनी तरीका है। लगभग साढ़े नौ लाख टीचरों में आधे से ज्यादा टीईटी पास नहीं कर पाएंगे या देंगे ही नहीं और अनिवार्य सेवानिवृत्ति में बाहर हो जाएंगे।

लखनऊ के एक अध्यापक कहते हैं सुप्रीम कोर्ट का फैसला शिक्षा के निजीकरण की तैयारी पर अदालत की मुहर है। अभी एक स्कूल पर सरकार एक गांव में एक गांव में शिक्षकों के वेतन सहित सरकार लगभग पांच-छह लाख रुपये खर्च कर रही है। स्कूलों के बंद होने के बाद प्रभावशाली लोग या शिक्षा माफिया एनजीओ बनाकर सरकार के पैसे स्कूल खोलेंगे और दस दस हजार में टीचर रखकर पढ़वाएंगे। तब क्या शिक्षा का स्तर सुधर जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक BTC प्रशिक्षण पात्रता (eligibility) है, नियुक्ति की गारंटी नहीं। BTC का होना शिक्षक नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फैसले (1 सितंबर 2025) के अनुसार केवल BTC/ B.Ed. प्रशिक्षण ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि TET पास करना अब अनिवार्य है।

UP के बेसिक शिक्षा स्कूलों के शिक्षक की बात करें तो यदि कोई BTC प्रशिक्षित शिक्षक पहले से नौकरी में हैं और उनकी सेवानिवृत्ति में 5 साल से कम समय बचा है, तो वे बिना TET पास किए सेवा जारी रख सकते हैं, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिलेगा।

यदि उनकी सेवानिवृत्ति में 5 साल से अधिक समय बचा है, तो उन्हें 2 साल के भीतर TET पास करना ही होगा, वरना उनकी सेवा समाप्त (compulsory retirement) हो सकती है।

नई नियुक्तियों में BTC + TET दोनों अनिवार्य: भविष्य में बेसिक शिक्षा परिषद की शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में सिर्फ BTC प्रशिक्षित होना पर्याप्त नहीं होगा। BTC + TET पास होना ज़रूरी होगा।

अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को लेकर छूट

सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ़ किया है कि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर अभी TET का निर्णय लागू नहीं है, यह मामला बड़ी पीठ को भेजा गया है।

लेकिन उत्तर प्रदेश के सरकारी बेसिक शिक्षा स्कूल (प्राथमिक/उच्च प्राथमिक) अल्पसंख्यक श्रेणी में नहीं आते, इसलिए यहाँ TET अनिवार्यता पूरी तरह लागू होगी।

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकांश BTC प्रशिक्षित शिक्षक इस फैसले से सीधे प्रभावित होंगे।

जिनकी सेवा में 5 साल से अधिक शेष है → उन्हें 2 साल के भीतर TET पास करना होगा।

जिनकी सेवा में 5 साल से कम शेष है → सेवा तो जारी रहेगी, पर प्रमोशन नहीं मिलेगा।

नई भर्ती होने वाले BTC प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के लिए → TET पास करना अनिवार्य रहेगा

सुप्रीम कोर्ट का मुख्य निर्णय (1 सितंबर 2025)

नए शिक्षक बनने (appointment) या प्रमोशन प्राप्त करने वालों के लिए TET पास करना अनिवार्य है।

पहले से सेवा में मौजूद शिक्षक

जिनकी सेवा अवधि 5 वर्षों से कम बची हो, उन्हें TET पास करने की आवश्यकता नहीं—वे रिटायरमेंट तक अपनी सेवा जारी रख सकते हैं; लेकिन प्रमोशन चाहते हैं तो पास करना होगा।

जिनकी सेवा अवधि 5 वर्षों से अधिक बची हो, उन्हें 2 वर्ष के भीतर TET पास करना अनिवार्य है नहीं तो उन्हें सेवानिवृत्त किया जा सकता है (compulsory retirement) और उन्हें अंतिम वेतन भत्ते (terminal benefits) मिल सकते हैं।

इस मामले में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों (e.g., BTC, B.Ed प्रशिक्षित स्कूल) पर यह नियम अभी लागू नहीं होगा, क्योंकि इस संवैधानिक विवाद (RTE लागू होता है या नहीं, Article 30 अधिकार) को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष बड़ी (7-जज) पीठ के पास भेजा गया है।

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