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S-400 Air Defence System: क्या है S-400 वायु रक्षा प्रणाली कवच जिसने भारत को पाकिस्तान के हमलों से बचाया
What is S-400 Air Defence System: पाकिस्तान के नापाक इरादों को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम बेहद आराम से रोक रहा है। आइये विस्तार से समझते हैं कि इस अत्याधुनिक प्रणाली की विशेषताएं क्या हैं।
S-400 Air Defense System (Image Credit-Social Media)
What is S-400 Air Defence System: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। बुधवार तड़के भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त किए जाने के बाद, पाकिस्तान ने जवाबी हमले की नाकाम कोशिश की। उसने ड्रोन और मिसाइलों के जरिए भारत के 15 शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा की दीवार कहे जाने वाली S-400 प्रणाली ने एक बार फिर अपनी अचूक क्षमता का परिचय देते हुए सभी हमलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। इस घटना के बाद देशभर में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत और रणनीतिक उपयोगिता को लेकर चर्चा तेज हो गई है। आइए जानते हैं इस अत्याधुनिक प्रणाली की विशेषताएं और यह कैसे बना भारत की हवाई सुरक्षा का अभेद कवच-
ऑपरेशन सिंदूर और आधुनिक टेक्नोलॉजी का कमाल
भारत ने 7 मई को तड़के 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम से पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। यह कार्रवाई आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक बड़ा संदेश था। इस पर बौखलाए पाकिस्तान ने उसी रात भारत के कई शहरों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की।
भारत की वायु रक्षा प्रणाली, खासकर S-400 और UAS ग्रिड, ने समय रहते इन सभी हमलों को विफल कर दिया। यह आधुनिक टेक्नोलॉजी का कमाल था।
क्या है S-400?
S-400 'Triumf' (पूर्व में S-300 PMU-3) रूस द्वारा विकसित एक लॉन्ग रेंज सर्फेस-टू-एयर मिसाइल (SAM) प्रणाली है। यह दुनिया की सबसे घातक वायु रक्षा प्रणालियों में से एक मानी जाती है। भारत ने रूस से इसकी 5 रेजीमेंट्स लगभग 35,000 करोड़ रुपये में खरीदी हैं। यह सौदा 2018 में हुआ था और 2021 से इसकी डिलीवरी शुरू हो गई थी।
कितनी है इसकी ताकत?
S-400 'Triumf की रेंज: 400 किलोमीटर तक, ऊंचाई: 80 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर हमला संभव, स्पीड 4.8 किलोमीटर प्रति सेकंड, सटीकता के पैमाने पर S-400 'Triumf सटीक गाइडेंस सिस्टम से हर टारगेट पर दो मिसाइलें दागी जा सकती हैं। मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग: एक साथ 160 टारगेट को ट्रैक कर सकती है S-400 'Triumf रडार सिस्टम 600 किलोमीटर दूर तक टारगेट की पहचान करने में सक्षम।
संरचना और कार्यप्रणाली
S-400 एक मॉड्यूलर प्रणाली है जिसमें निम्नलिखित घटक होते हैं:
1. कमांड और कंट्रोल यूनिट
यह पूरी प्रणाली का दिमाग होता है। जैसे ही कोई खतरा सामने आता है, यह निर्णय लेता है कि कब और किस टारगेट पर हमला करना है।
2. सर्विलांस और ट्रैकिंग रडार
यह प्रणाली हवा में 600 किमी तक के टारगेट को पहचान सकती है। इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज़्ड ऐरे रडार इसका मुख्य भाग है।
3. ट्रांसपोर्ट इरेक्टर लॉन्चर (TEL)
यह वाहन मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। प्रत्येक TEL में चार मिसाइलें लगी होती हैं।
4. मल्टी-लेयर मिसाइल सिस्टम
हर रेजीमेंट में अलग-अलग रेंज की मिसाइलें होती हैं जिनकी रेंज 40 किमी,
120 किमी रेंज, 250 किमी रेंज,
400 किमी रेंज (भारत के पास मुख्य रूप से यही हैं) तक मारक क्षमता होती है।
कैसे काम करती है S-400?
इसकी कार्यप्रणाली कुछ इस प्रकार है:
1. डिटेक्शन
S-400 'Triumf सर्विलांस रडार संभावित संभावित टारगेट की पहचान करता है।
2. कमांड कमांड सेंटर खतरे की गंभीरता का मूल्यांकन करता है।
3. गाइडेंस गाइडेंस रडार उस टारगेट की सटीक लोकेशन और मूवमेंट ट्रैक करता है।
4. लॉन्च
ट्रांसपोर्ट इरेक्टर लॉन्चर से मिसाइल दागी जाती है जो सेकंडों में टारगेट को खत्म कर देती है। यह पूरी प्रक्रिया कुछ ही सेकंडों में पूरी हो जाती है।
S-400 की रणनीतिक क्षमता
मोबाइल यूनिट
इसे सड़क के रास्ते कहीं भी ले जाया जा सकता है।
10 मिनट में तैनाती
अलर्ट मिलने के बाद यह मात्र 10 मिनट में ऑपरेशन मोड में आ जाती है।
डिटेक्शन से बचाव
इसकी कोई फिक्स लोकेशन नहीं होती, जिससे दुश्मन के लिए इसका पता लगाना मुश्किल होता है। हर मौसम में काम: यह माइनस 70 डिग्री तक के तापमान में भी प्रभावी ढंग से काम करती है।
पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली पर भारतीय जवाबी हमला
S-400 की सफलता ने भारत को आत्मविश्वास से भर दिया। 8 मई को भारत ने एक और जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान की लाहौर स्थित वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया। इसमें इस्तेमाल किया गया है हारोप ड्रोन।
हारोप ड्रोन का निर्माण इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा किया गया है। इसका कार्य 'लॉइटरिंग म्यूनिशन' यानी लक्ष्य के ऊपर मंडराना और सही मौके पर खुद को टारगेट से टकराकर विस्फोट करना है।
इसकी खूबी है कि यह ड्रोन आत्मघाती होता है और रडार या मोबाइल लॉन्चरों को खत्म करने के लिए बेहतरीन है।
S-400 की कूटनीतिक और भू-राजनीतिक अहमियत
भारत का S-400 खरीदना केवल सैन्य शक्ति नहीं बल्कि एक कूटनीतिक साहसिक कदम था। अमेरिका ने CAATSA (Countering America's Adversaries Through Sanctions Act) के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी, लेकिन भारत ने अपनी संप्रभु रक्षा नीति को सर्वोपरि रखा। यह रूस के साथ भारत के मजबूत रक्षा संबंधों का भी संकेत है।
S-400 आज केवल एक हथियार प्रणाली नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक बन चुकी है। जब पाकिस्तान ने 15 शहरों को निशाना बनाया, तो S-400 ने 15 बार आसमान में दुश्मनों को मार गिराया। यह केवल तकनीक नहीं, बल्कि हर भारतीय के जीवन की रक्षा करने वाला एक अदृश्य योद्धा है। आज भारत जिस आत्मविश्वास के साथ अपने सीमाओं की रक्षा कर रहा है, उसके पीछे ऐसी ही प्रणालियां और भारतीय सैनिकों की वीरता साहस और सतर्कता है।
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