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कौन हैं चैतन्य बघेल? जिनके खिलाफ ED ने लगाये है 2000 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप

ED ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को शराब घोटाले में गिरफ्तार किया है। रायपुर कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की कस्टडी में भेजा। घोटाले में 2,000 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी का आरोप है। चैतन्य की भूमिका पर अभी आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है।

Shivam Srivastava
Published on: 18 July 2025 7:34 PM IST
Chaitanya Baghel
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ED arrests Chaitanya Baghel (Photo: Social Media)

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ED ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में की गई है। रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत ने चैतन्य को पांच दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।

क्या है मामला?

ED के अनुसार, यह कथित घोटाला वर्ष 2019 से 2022 के बीच राज्य में शराब कारोबार से जुड़ा है। जब चैतन्य बघेल के पिता की अगुवाई वाली कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज थी। जांच एजेंसी का दावा है कि इस अवधि में आबकारी विभाग में एक सिंडिकेट के जरिये शराब व्यापार को नियंत्रित किया गया और एक समानांतर वितरण प्रणाली बनाई गई।

ईडी ने बताया कि इस रैकेट को पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा ने मिलकर चलाया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि इस नेटवर्क ने शराब नीति में मनमानी बदलाव किए। जिससे राज्य को 2,161 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ। वहीं, राज्य की आर्थिक अपराध शाखा का आंकलन है कि घोटाले की कुल राशि लगभग 3,200 करोड़ रुपये तक पहुंचती है। इस मामले में ईडी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और 22 अन्य अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं।

क्या है चैतन्य बघेल की भूमिका?

हालांकि चैतन्य बघेल की इस मामले में सटीक भूमिका को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन ED ने उन्हें कथित संलिप्तता के आधार पर हिरासत में लिया है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चैतन्य कांग्रेस से जुड़े हैं लेकिन उन्होंने कभी कोई पार्टी पद नहीं संभाला।

सूत्रों का कहना है कि वह रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े रहे हैं और वर्तमान में पारिवारिक कृषि कार्यों में सक्रिय हैं। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल के राजनंदगांव से उम्मीदवार बनने के बाद यह अटकलें लगाई गई थीं कि चैतन्य पाटन विधानसभा सीट से उतर सकते हैं। लेकिन उनके पिता की हार के बाद यह योजना अधूरी रह गई।

चैतन्य पहले भी रहे हैं एजेंसियों के निशाने पर

यह पहली बार नहीं है जब चैतन्य जांच एजेंसियों की रडार पर आए हैं। पिछले वर्ष दुर्ग पुलिस ने एक हत्या के प्रयास के केस में उनसे पूछताछ की थी। इससे कुछ दिन पहले ही भूपेश बघेल ने भारत के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि राज्य और केंद्र की एजेंसियां उन्हें राजनीतिक रूप से बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।

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