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Modi on Yoga Day 2025: योग साइंस और रिसर्च से खुलेंगे 'करियर' के साथ 'कमाई' के नए द्वार! योग दिवस के मौके पर पीएम मोदी भी किया ज़िक्र
Career in Yoga Research and Science: इंटरनेशनल योग दिवस पर मोदी ने योग साइंस और रिसर्च के क्षेत्र को और भी सशक्त करने की बात कही है। आइये जाने इस सेक्टर में क्या हैं करियर ऑप्शन्स और कैसे होगी इनकम
Career in Yoga Research and Science: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2025) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापट्टनम में आयोजित योग कार्यक्रम का नेतृत्व किया। उन्होंने पिछले एक दशक की वैश्विक यात्रा का जिक्र करते हुए उस ऐतिहासिक लम्हे को याद किया जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मान्यता देने का प्रस्ताव रखा था। फिर 11 दिसंबर 2014 को यूएन के 193 सदस्य देश, 21 जून को इंटरनेशनल योग दिवस आयोजित करने पर सहमत हो गये। इस सहमति के बाद 21 जून 2015 से योग दिवस मनाया जा रहा है। योग दिवस के आयोजन से योग को देश-दुनिया में एक अटल पहचान मिली है। मोदी के अनुसार इस बार की योग दिवस थीम (Yoga Day 2025 Theme) ' Yoga For One Earth, One Health' सिर्फ एक थीम न रहे बल्कि वैश्विक संकल्प के रुप में भी उभरे। इस अवसर पर पीएम मोदी ने योग साइंस और रिसर्च को भी बढ़ावा देने की बात कही है।
उन्होंने कहा, "आज 11 साल बाद हम देख रहे हैं कि योग दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है, जब मैं देखता हूं कि हमारे दिव्यांग साथी योग शास्त्र पढ़ते हैं। वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं।"
भारत की प्राचीन विद्या योग अब सिर्फ आध्यात्मिक साधना या स्वास्थ्य सुधार की प्रणाली नहीं रह गई है। आज के डिजिटल और वैज्ञानिक युग में योग को नए नजरिए से देखा जा रहा है और वह नजरिया है भारत की प्राचीन योग पद्धति पर गहन अध्ययन करके उसे लोगों के लिए और भी सुगम बनाया जाये। इस कार्य के लिए योग के साइंस को आधुनिक रिसर्च के माध्यम से और भी प्रमाणिक (Yoga in modern scientific research) बनाना होगा। यह दोनों ही क्षेत्र न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हैं, बल्कि युवाओं को करियर और कमाई के शानदार अवसर भी प्रदान कर रहे हैं।
योग के प्रसार में सहायक आधुनिक रिसर्च के साथ जुड़ा योग साइंस (Yoga Day 2025 message by PM Modi)
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "योग के प्रसार के लिए भारत योग के साइंस को आधुनिक रिसर्च से और ज्यादा सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च कर रहे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, ये हमारा प्रयास है।"
क्या है योग साइंस?
योग के वैज्ञानिक पक्ष को उजागर करने के लिए योग साइंस (Yoga Science) का सहारा लिया जाता है। इसमें यह अध्ययन किया जाता है कि योग के विभिन्न अभ्यास जैसे आसन, प्राणायाम, ध्यान, योग निद्रा आदि शरीर और मस्तिष्क को किस प्रकार प्रभावित करते हैं। इसमें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, न्यूरोसाइंस, साइकोलॉजी और आयुर्वेद को भी शामिल किया जाता है ताकि योग को एक संपूर्ण और प्रमाणिक चिकित्सा पद्धति के रूप में देखा जा सके।
क्या है योग रिसर्च?
योग रिसर्च (Yoga Research) का उद्देश्य योग के सिद्धांतों और तकनीकों को वैज्ञानिक आधार पर प्रमाणित करना है। इसमें यह चेक किया जाता है कि योग कैसे हृदय रोग, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, अवसाद, एंग्जायटी, कैंसर और नींद की समस्याओं जैसी बीमारियों पर असर डालता है। रिसर्च में आधुनिक तकनीक जैसे EEG, MRI, हार्ट मॉनिटरिंग आदि का प्रयोग किया जाता है।
योग साइंस और रिसर्च में करियर कैसे बनाएं? (Career in Yoga Science and Research)
योग विज्ञान और अनुसंधान में करियर बनाने के लिये देश कई बड़े शैक्षणिक संस्थान योग साइंस में ग्रेजुएशन, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कराते हैं। ये हैं योग साइंस के कुछ प्रमुख कोर्स-
- बीएससी इन योग साइंस (B.Sc. in Yoga Science)
- एमएसी इन योग साइंस (M.Sc. in Yoga Therapy / Yoga Science)
- डिप्लोमा इन योग एजुकेशन (Diploma in Yoga Education)
- सर्टिफिकेट इन योग साइंस (Certificate in Yogic Science)
योग रिसर्च के लिए ज़रूरी ये होनी चाहिए योग्यता
योग के क्षेत्र में रिसर्च करने के लिए आप योग साइंस से एमसी करने के बाद इसी सब्जेक्ट में पीएचडी के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
योग साइंस और रिसर्च में पढ़ाई के लिए ये हैं भारत के प्रमुख संस्थान
– काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी (BHU)
-सवयासा यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु(SVYASA University)
- एम्स ,दिल्ली (AIIMS)
-मोरार्जी देसाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ योग,दिल्ली (Morarji Desai National Institute of Yoga)
-पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन,हरिद्वार(Patanjali Research Foundation),
-सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान का योग और प्राकृतिक चिकित्सा विभाग (Central University of Rajasthan)
इतनी हो सकती है इनकम (Salary after Yoga Science degree)
सरकारी एवं निजी अनुसंधान संस्थानों में आप रिसर्च साइंटिस्ट,रिसर्च असिस्टेंट, योग थैरेपिस्ट जैसे पदों पर काम करके अनुमानित 1लाख से 5 लाख रुपये तक की इनकम कर सकते हैं।
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