लखनऊ विश्वविद्यालय-भारत लैब ने युवाओं की पहली सैलरी पर जारी की रिपोर्ट..कितने प्रतिशत युवाओं ने अपनी तनख्वाह की जानकारी सबसे पहले किसे दी !

लखनऊ विश्वविद्यालय में माय फर्स्ट सैलरी शीर्षक वाली एक नई रिपोर्ट का विमोचन हुआ। इस रिपोर्ट को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने रेडिफ्यूजन के चेयरमैन एवं एफएमएस, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संजीव गोयल, वीतिका विक्रांत देवरस और प्रो. पीके सिंह के साथ मिलकर प्रस्तुत किया।

Virat Sharma
Published on: 22 May 2025 7:34 PM IST
Lucknow News
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Lucknow News: Photo-Social Media

Lucknow Today News: लखनऊ विश्वविद्यालय में माय फर्स्ट सैलरी शीर्षक वाली एक नई रिपोर्ट का विमोचन हुआ। इस रिपोर्ट को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने रेडिफ्यूजन के चेयरमैन एवं एफएमएस, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संजीव गोयल, वीतिका विक्रांत देवरस और प्रो. पीके सिंह के साथ मिलकर प्रस्तुत किया। यह रिपोर्ट भारत लैब द्वारा तैयार की गई है, जो लखनऊ विश्वविद्यालय और रेडिफ्यूजन का एक संयुक्त सांस्कृतिक-व्‍यवहारिक थिंक टैंक है। बता दें कि रिपोर्ट लखनऊ विश्वविद्यालय के MBA छात्रों और आसपास के टियर 3 कस्बों के युवाओं पर आधारित एक व्यापक सर्वेक्षण पर आधारित है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक राय ने कहा कि शोध को राष्ट्र की धड़कनों को प्रतिबिंबित करना चाहिए। भारत लैब इस सोच का सजीव उदाहरण है। यह रिपोर्ट केवल अर्थशास्त्रियों के लिए नहीं, बल्कि माता-पिता, नीति-निर्माताओं और हर युवा के लिए है जो आर्थिक स्वतंत्रता की दहलीज पर खड़ा है। डॉ. संदीप गोयल के अनुसार वे बचत करना चाहते हैं, लेकिन बंधन में नहीं रहना चाहते। यह व्यक्तिगत वित्तीय योजना है, न कि सिर्फ गणना। वहीं यह रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत के युवाओं के लिए पहली सैलरी केवल आर्थिक नहीं बल्कि एक भावनात्मक और सांस्कृतिक यात्रा है। यह स्वतंत्रता, पारिवारिक मूल्यों और आत्मसम्मान का प्रतीक है।

रिपोर्ट की मुख्य झलकियाँ

38.8% युवाओं ने अपनी पहली सैलरी से परिवार को उपहार दिए कृतज्ञता प्रमुख भावना रही।

24.5% ने पहली आय को बचाया—आर्थिक दूरदर्शिता का संकेत।

20.4% ने धार्मिक या सामाजिक कार्यों में दान किया—युवा पीढ़ी की सामाजिक चेतना को दर्शाता है।

88.5% महिलाओं ने अपनी पहली सैलरी को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का प्रतीक बताया।

44.6% युवाओं ने अपनी सैलरी की जानकारी सबसे पहले अपनी मां को दी।

भारत की जनरेशन Z का नया वित्तीय दृष्टिकोण

रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारत के युवा अब पारंपरिक SIP (Systematic Investment Plan) की बजाय लचीले और व्यक्तिगत निवेश मॉडलों को पसंद कर रहे हैं। 76% युवा “जब संभव हो तब निवेश” के सिद्धांत पर चल रहे हैं और अपने निवेश को व्यक्तिगत लक्ष्यों से जोड़ रहे हैं जैसे गोवा 2026 या ड्रीम बाइक।

नीति और शिक्षा क्षेत्र के लिए सुझाव

फिनटेक कंपनियों को सरल और लक्ष्य-आधारित निवेश विकल्प शुरू करने चाहिए।

नीति-निर्माताओं को भारत के छोटे शहरों में न्यूनतम वेतन ढांचे पर पुनर्विचार करना चाहिए।

मार्केटिंग रणनीतियों में पारिवारिक और सांस्कृतिक मूल्यों को शामिल करना चाहिए।

भारत लैब के बारे में जानें

भारत लैब भारत का पहला सांस्कृतिक-व्‍यवहारिक थिंक टैंक है, जो भारत के टियर 2 और टियर 3 क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक और भावनात्मक वास्तविकताओं को समझने के लिए समर्पित है। यह प्रो. आलोक कुमार राय (कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय) और डॉ. संदीप गोयल (चेयरमैन, रेडिफ्यूजन) के नेतृत्व में संचालित होता है।

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Lucknow Reporter

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