TRENDING TAGS :
UP बना जैव ऊर्जा का राष्ट्रीय केंद्र: CBG प्रोजेक्ट्स में बना नंबर वन, 129 सीबीजी प्लांट्स का हो रहा निर्माण
प्रदेश में 25 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट पहले से ही स्थापित हैं। यह देश में सबसे अधिक हैं और कुल स्थापित सीबीजी प्लांट्स में 19 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ यूपी अव्वल है। इन प्लांट्स की कुल क्षमता 213 टन प्रतिदिन (TPD) है।
Uttar Pradesh CM, Yogi AdityaNath
Lucknow News: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जैव ऊर्जा क्षेत्र में देश का अगुआ राज्य बनकर उभर रहा है। खासकर कंप्रेस्ड बायोगैस क्षेत्र में प्रदेश ने जबरदस्त प्रगति की है। जहां यूपी पहले से ही स्थापित CBG प्लांट्स की संख्या में देश में नंबर एक है, वहीं अब निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स के मामले में भी यह अन्य राज्यों से आगे निकल गया है। फिलहाल उत्तर प्रदेश में 129 सीबीजी प्रोजेक्ट्स का निर्माण कार्य चल रहा है, जिनमें लगभग 5,992 करोड़ का निवेश हो रहा है। यह आंकड़ा भारत में किसी भी राज्य में निर्माणाधीन CBG प्लांट्स की सबसे बड़ी संख्या को दर्शाता है।
देश के कुल 25 सीबीजी प्लांट्स यूपी में स्थापित, 19 प्रतिशत की भागीदारी
गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश में 25 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट पहले से ही स्थापित हैं। यह देश में सबसे अधिक हैं और कुल स्थापित सीबीजी प्लांट्स में 19 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ यूपी अव्वल है। इन प्लांट्स की कुल क्षमता 213 टन प्रतिदिन (TPD) है। तुलना करें तो गुजरात में 21 प्लांट्स (16%), महाराष्ट्र में 12 (9%), पंजाब में 10, और मध्य प्रदेश में 6 प्लांट स्थापित हैं। यह साफ़ दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में न केवल निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है, बल्कि जैव ऊर्जा उत्पादन का भी मुख्य केंद्र बन गया है।
सरकार की नीतियों ने खोले विकास के द्वार
योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ ऊर्जा नीति, पर्यावरण संरक्षण और किसान कल्याण को ध्यान में रखकर बनाई गई योजनाओं ने इस क्षेत्र में निवेश को तेज़ी से बढ़ावा दिया है। सरकार द्वारा दी जा रही भूमि और पूंजी सब्सिडी, एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति, और सिंगल विंडो क्लियरेंस जैसी सुविधाओं ने जैव ऊर्जा प्रोजेक्ट्स की स्थापना को सहज और लाभकारी बनाया है।
रोजगार, पर्यावरण और किसानों को मिलेगा लाभ
बता दें कि129 सीबीजी प्लांट्स के निर्माण के बाद प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस आधारित रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। साथ ही, कृषि अपशिष्ट का दोहन कर स्वच्छ ईंधन का उत्पादन होगा जिससे शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में हरित ऊर्जा की आपूर्ति और अधिक सुलभ हो सकेगी। इन प्लांट्स से हर साल लाखों टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, स्वच्छ रसोई गैस की उपलब्धता और जैविक खाद के उत्पादन से किसानों को भी अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!