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आयुर्वेदिक नुस्खों से पाएं ग्लोइंग स्किन, मुंहासे, झाइयां और ड्रायनेस जैसी समस्याओं का होगा जड़ से इलाज
Ayurveda Treatment: आयुर्वेद मानता है कि मुंहासे केवल त्वचा की समस्या नहीं, बल्कि शरीर में मौजूद गर्मी, पाचन समस्याएं और तनाव का संकेत हैं।
Ayurveda treatment for skin (Social Media)
Ayurveda Treatment: आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी, प्रदूषण, खराब खानपान, हार्मोनल बदलाव और तनाव के चलते त्वचा से जुड़ी समस्याएं जैसे मुंहासे, पिग्मेंटेशन और रूखापन आम होते जा रहे हैं।
ऐसे में बहुत से लोग अब फिर से प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद की ओर लौट रहे हैं, जो त्वचा की गहराई से देखभाल करता है। केवल बाहरी सुंदरता नहीं, बल्कि अंदरूनी संतुलन पर भी ध्यान देता है।
मुंहासों का आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद मानता है कि मुंहासे केवल त्वचा की समस्या नहीं, बल्कि शरीर में मौजूद गर्मी, पाचन समस्याएं और तनाव का संकेत हैं। इसके लिए नीम और चिरायता जैसे कड़वे औषधीय पौधों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जो खून को साफ करते हैं। हरड़ पाचन सुधारने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। वहीं, शुद्ध गंधक जैसे खनिज त्वचा की सतह पर बैक्टीरिया को कम करने में कारगर हैं।
पिग्मेंटेशन का प्राकृतिक समाधान
भारतीय त्वचा में पिग्मेंटेशन की समस्या काफी आम है। आयुर्वेद के अनुसार यह समस्या पित्त और वात दोष के असंतुलन से होती है। इस स्थिति में कुटकी, धमासा और रेवंदचीनी जैसी औषधियां लीवर को साफ करती हैं और मेलेनिन की मात्रा नियंत्रित करती हैं। एलोवेरा, हल्दी और केसर जैसे प्राकृतिक तत्व त्वचा को ठंडक देते हैं और धीरे-धीरे दाग-धब्बे हल्के करने में मदद करते हैं।
हर त्वचा के लिए अलग देखभाल
- वात त्वचा के लिए बादाम तेल और शहद फायदेमंद है।
- पित्त त्वचा के लिए चंदन और गुलाब जल का प्रयोग करें।
- कफ त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी और तुलसी से बना फेस पैक लाभदायक होता है।
आयुर्वेदिक त्वचा देखभाल में धैर्य और नियमितता की जरूरत होती है, लेकिन इसके नतीजे लंबे समय तक टिकने वाले होते हैं।
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