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Gorakhpur News: डॉक्टरों के लिए थकना मना है, नींद पर विजय के लिए करें योग, राष्ट्रपति की चिकित्सकों की नसीहत
Gorakhpur News: राष्ट्रपति ने कहा कि मेडिकल की सेवा में लगे लोगों को थकना नहीं है। आपको इन्द्रजीत बनना है। योगी लोग कहते है शारीरिक मजबूती के लिए योग करना होगा। तीन घंटे की नींद से ही शरीर की जरूरत पूरी हो जाएगी।
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Gorakhpur News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रदेश के पहले आयुष यूनिवर्सिटी का लोकार्पण करते हुए कहा कि जिंदगी को स्वस्थ्य रखने के लिए पंच तत्व की जरूरत है। आज हमारे पास संसाधन और सुविधाएं हैं। शरीर के लिए इसे उपयोग करें। तभी शरीर स्वस्थ्य रहेगा। आज भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य ही संपदा है। इसे आत्मसात करना होगा। तभी देश विश्वगुरु बनेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि मेडिकल की सेवा में लगे लोगों को थकना नहीं है। आपको इन्द्रजीत बनना है। योगी लोग कहते है शारीरिक मजबूती के लिए योग करना होगा। तीन घंटे की नींद से ही शरीर की जरूरत पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि योगा एक दिन का नहीं है। जो जंगल में काम करते हैं, खेती करते हैं उनके लिए योग की जरूरत नहीं है। कार्यालयों में काम करने वालों के लिए योगा जरूरी है। राष्ट्रपति ने कहा कि जनप्रतिनिधि को इन्द्रजीत बनना होगा।
उन्होंने कहा कि सभी संस्थाएं हेल्थ के लिए माध्यम है। संस्थाएं लोगों के बेहतरी के लिए काम करें। राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद में दिनचर्या और रात्रिचर्या पर विशेष महत्व है। इसका अनुपालन करना होगा। आयुर्वेद हमारे खेतों से जुड़ा है। आयुष दवाओं की कोई एक्सपाइरी डेट नहीं होती है। आयुर्वेद में वैज्ञानिकता का प्रमाण मिलता है। आज यूनान और मध्य एशिया के चिकित्सा पद्धति को भारत ने अपनाया है। जर्मनी के होम्योपैथी को हमनें अपनाया है। विश्वविद्यालय आयुष पद्धतियों के उत्थान का पुनर्जागरण है। राष्ट्रपति ने कहा कि गोरखपुर नाथ संप्रदाय से जुड़ा हुआ है। गोरखपुर बंधू सिंह और राम प्रसाद बिस्मिल की वीरता का भी गवाह रहा है। धार्मिक पुस्तकों के तीर्थ के रूप में गोरखपुर के गीता प्रेस की कीर्ति दुनिया में है। उड़िया भाषा में धार्मिक पुस्तक की मिली। उनका आभार। टेराकोटा शिल्प गोरखपुर की धरोहर है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण कर काफी खुशी है। मेडिकल क्षेत्र में यह यूनिवर्सिटी मील का पत्थर साबित होगा। विश्वविद्यालय के संबंद्ध 100 से अधिक मेडिकल कॉलेज है। स्नातक से लेकर उच्च शिक्षा और शोध कार्य यहां हो रहा है। पारम्परिक चिकित्सा को विश्व के मानक पर काम हो रहा है। इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का भी संबोधन हुआ है।
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