भाई दूज पर क्यों यमुना स्नान जरूरी है? जानें पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व

भाई दूज पर यमुना स्नान क्यों किया जाता है? जानिए इस पवित्र परंपरा का पौराणिक कारण, यमराज-यमुना की कथा, मथुरा के विश्राम घाट का महत्व और इसके पीछे छिपे वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तथ्य। यह स्नान कैसे देता है दीर्घायु और समृद्धि का आशीर्वाद।

Jyotsana Singh
Published on: 21 Oct 2025 8:25 PM IST
Bhai Dooj 2025
X

Bhai Dooj 2025 (Image Credit-Social Media)

Bhai Dooj 2025: धूम-धड़ाके और असंख्य दीपकों से रोशन हुई दीपावली की जगमगाहट जैसे ही ढलती है, उसी के दो दिन बाद आता है भाई दूज। भारतीय परम्परा में यह एक ऐसा खूबसूर पर्व है, जो केवल तिलक और मिठाई तक सीमित नहीं, बल्कि भाई-बहन के बीच आत्मीयता, आस्था और स्नेह जैसी कोमल भावनाओं से जुड़ कर एक एक सेतु की तरह काम करता है। जिसे भाई बहन ताउम्र निभाने का वादा करते हैं। इस पर्व से संबंधित कई किस्से और मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसी ही प्रचलित एक मान्यता के अनुसार इस दिन यमुना नदी के किनारे स्नान करने की परंपरा सदियों पुरानी है। ऐसा माना जाता है कि जो भाई-बहन इस दिन यमुना में एक साथ स्नान करते हैं, उन्हें यमराज का भय नहीं सताता और उनके जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

आइए जानते हैं इस मान्यता से जुड़े रहस्य के बारे में -

भारतीय संस्कृति में क्या है भाई दूज का असली अर्थ


भाई दूज, जिसे यम द्वितीया भी कहा जाता है, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन मनाया जाता है। यह पर्व उस शुद्ध और पवित्र भाव का प्रतीक है जो भाई-बहन के बीच एक अटूट बंधन के रूप में जुड़ा रहता है। इस दिन बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है, आरती उतारती है और उसके सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती है। बदले में भाई भी अपनी बहन को स्नेहपूर्वक उपहार देकर उसकी सुरक्षा का वचन देता है। यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि रिश्तों में कृतज्ञता और अपनत्व का संदेश देता है। शास्त्रों में वर्णन है कि इस दिन यमुना में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शुभता का प्रवेश होता है।

हिन्दू धर्म में यमुना स्नान का महत्व

यमुना नदी हिंदू धर्म में केवल एक नदी नहीं, बल्कि आस्था की साक्षात धारा मानी गई है। भाई दूज के दिन इस पवित्र नदी में स्नान करना मोक्षदायी कहा गया है। विशेषकर मथुरा का विश्राम घाट इस पर्व से जुड़ा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहां हजारों श्रद्धालु भाई-बहन साथ मिलकर स्नान करते हैं। मान्यता है कि इस पवित्र स्नान से यमराज का भय समाप्त होता है।

धर्मग्रंथ स्कंद पुराण में उल्लेख मिलता है कि, 'यमुना स्नानं तु द्वितीयायां कृतं येन तेन मुक्तिः सर्वपापेभ्यः।'

अर्थात, जो व्यक्ति कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना स्नान करता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इस दिन का स्नान आत्मिक शुद्धि, मन की शांति और संबंधों की पवित्रता का प्रतीक बन जाता है।

क्या है भैया दूज से जुड़ी यमराज और यमुना की कथा


पौराणिक ग्रंथों में इस पर्व की उत्पत्ति की एक सुंदर कथा मिलती है। सूर्यदेव की संतान यमराज और यमुना देवी भाई-बहन थे। यमुना बार-बार अपने भाई को अपने घर आने का निमंत्रण देती थीं, लेकिन यमराज अपने कर्मों में इतने व्यस्त रहते थे कि समय नहीं निकाल पाते थे। अंततः एक दिन, कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमराज अपनी बहन के घर पहुंचे। यमुना ने प्रेमपूर्वक उनका स्वागत किया, स्नान कराया, तिलक लगाया और स्वादिष्ट भोजन कराया। यमराज बहन के स्नेह और आदर से प्रसन्न होकर बोले कि, 'जो भी भाई इस दिन यमुना में स्नान करेगा और अपनी बहन से तिलक कराएगा, उसे यमलोक का भय नहीं रहेगा।'

तभी से भाई दूज पर यमुना स्नान और तिलक की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी हर वर्ष श्रद्धा और प्रेम के साथ निभाई जाती है।

मथुरा के विश्राम घाट का पवित्र इतिहास

मथुरा का विश्राम घाट यमुना तट का सबसे पवित्र और पूजनीय स्थल माना जाता है। मान्यता है कि कंस वध के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने यहीं विश्राम किया था, इसलिए इसका नाम 'विश्राम घाट' पड़ा। यह घाट न केवल कृष्ण लीला का साक्षी है, बल्कि भाई दूज की भावना का भी केंद्र है। भाई दूज के दिन इस घाट पर हजारों श्रद्धालु आते हैं, यमुना में डुबकी लगाते हैं और भाई-बहन मिलकर तिलक और आरती की रस्म निभाते हैं। यह स्थान आज भी उस पौराणिक मिलन की याद दिलाता है जब यमराज ने अपनी बहन यमुना को आशीर्वाद दिया था। यहीं से भाई दूज के पर्व की परंपरा और उसका आध्यात्मिक महत्व शुरू हुआ।

पौराणिक शास्त्रों और आध्यात्मिक दृष्टि से यमुना स्नान


धर्मग्रंथों में यमुना स्नान को केवल शुद्धिकरण का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मिक जागरण का प्रतीक बताया गया है। कहा गया है कि जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा से स्नान करता है, उसे पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।मन और आत्मा शुद्ध होते हैं और जीवन में शांति तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भाई दूज के दिन बहन जब अपने भाई को तिलक लगाती है, तो यह केवल एक धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि आत्मिक जुड़ाव में वृद्धि के साथ निस्वार्थ प्रेम, सुख समृद्धि और आशीर्वाद का प्रतीक होता है।

यमुना स्नान का वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टि से मान्यता

भारतीय परंपराएं वैज्ञानिक दृष्टि से भी गहराई से जुडी होती हैं। वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार कार्तिक माह में जब ठंड की शुरुआत होती है, तब नदियों के शुद्ध जल में स्नान करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मन तरोताजा होता है। यमुना स्नान न केवल शरीर को शुद्ध करता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी दूर करता है। सांस्कृतिक रूप से, यह स्नान भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है। एक साथ स्नान करना, पूजा करना और आशीर्वाद लेना यह सब एकता, पवित्रता और प्रेम का प्रतीक बन जाता है। भैया दूज से जुड़ी यह मान्यता संदेश देती है कि, धर्म केवल पूजा नहीं, बल्कि परिवार और संबंधों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का माध्यम भी है। आज के व्यस्त जीवन में जब रिश्तों के बीच जब समयभाव के कारण दूरियां बढ़ रही है, ऐसे में भाई दूज का पर्व फिर से लोगों को अपने परिवार की ओर लौटने का संदेश देता है। यह त्योहार बताता है कि रिश्तों की खूबसूरती सिर्फ छोटे-छोटे स्नेह भरे कर्मों में छिपी होती है। कई परिवार आज भी इस दिन घर में यमुना जल का प्रतीकात्मक प्रयोग कर तिलक और पूजन करते हैं। यह परंपरा हमें अपनी जड़ों से जोड़ती है।

डिस्क्लेमर (Disclaimer):

इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक ग्रंथों, मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी आस्था, समुदाय या विश्वास को ठेस पहुंचाना नहीं है। पाठकों से निवेदन है कि इसे केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से समझें। वैज्ञानिक तथ्यों और स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है, इन पर किसी प्रकार की चिकित्सकीय सलाह के रूप में निर्भर न करें।

1 / 6
Your Score0/ 6
Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!