Lucknow News: सुंदरकांड महा-अभियान: दीपक से आत्मा की शुद्धि, नैतिकता और धर्म की स्थापना का संदेश

दीपावली के इस पावन पर्व पर सुंदरकांड का महत्व और उसके प्रभाव को समझना अत्यंत आवश्यक है। सुंदरकांड के शांति और शक्ति के प्रकाश से जीवन में हर पल एक नई ऊर्जा का संचार होता है।

Virat Sharma
Published on: 19 Oct 2025 6:47 PM IST
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Lucknow Today News: दीपावली के इस पावन पर्व पर सुंदरकांड का महत्व और उसके प्रभाव को समझना अत्यंत आवश्यक है। सुंदरकांड के शांति और शक्ति के प्रकाश से जीवन में हर पल एक नई ऊर्जा का संचार होता है। सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने बताया कि यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि एक साधना भी है, जो असत्य से सत्य, अंधकार से प्रकाश और मृत्यु से अमरता की ओर ले जाती है। इसलिए हर व्यक्ति को चाहिए कि वह नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करें, ताकि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन हो।

सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने कहा कि सुंदरकांड का हर शब्द और हर मंत्र व्यक्ति को आत्मिक शांति और मानसिक शक्ति प्रदान करता है। दीपावली के शुभ अवसर पर हम सभी से निवेदन करते हैं कि वे इस महाकाव्य का संकल्प लेकर नियमित रूप से इसका पाठ करें। यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को सुधारता है, बल्कि समाज और देश की समृद्धि की ओर भी मार्गदर्शन करता है। विशेष रूप से असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय" जैसे श्लोक हमें एकजुट होकर सत्य और प्रकाश की ओर बढ़ने का आह्वान करते हैं।

दीपक का संदेश, भीतर का आलोक और नैतिकता की स्थापना

सपना गोयल ने कहा कि दीपावली पर सभी को दीपक जलाने की परंपरा से यह संदेश मिलता है कि हमें केवल अपने घर और कार्यस्थल को प्रकाशित नहीं करना है, बल्कि हमें अपने अंतर्मन को भी आलोकित करना है। सपना गोयल ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि दीपक का असली उद्देश्य आत्मा की शुद्धि, वाणी की मधुरता और कर्मों में सात्विकता को प्रज्वलित करना है। रावण के अंत और प्रभु राम के अयोध्या आगमन से यह संदेश मिलता है कि हमें नैतिकता और धर्म को सर्वोपरि रखते हुए अपने जीवन को दिशा देना चाहिए। यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि आत्म-सम्मान, मातृभूमि और कर्तव्य की भावना के साथ हमें जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए।

सुंदरकांड महा अभियान, राष्ट्रीय और वैश्विक जागरूकता का प्रतीक

सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने कहा कि इस दीपावली विशेष अवसर पर हम एक और महत्वपूर्ण संदेश देने का कार्य कर रहे हैं, "सुंदरकांड महा अभियान" जिसका उद्देश्य देशभर में सुंदरकांड के पाठ को फैलाना और समाज में जागरूकता का संचार करना है। यह अभियान अब केवल देश में नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक आंदोलन बन चुका है। यह न केवल आत्मिक और मानसिक शांति का संदेश देता है, बल्कि समाज के हर वर्ग को स्वदेशी संस्कृति की ओर भी मार्गदर्शन करता है।

स्वदेशी संस्कृति को पुनः स्थापित करने का आह्वान

सपना गोयल ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल समाज के हर व्यक्ति के जीवन को सुंदर बनाना नहीं है, बल्कि एक उन्नत और सशक्त राष्ट्र की स्थापना करना है। सुंदरकांड का पाठ न केवल घर-परिवार को प्रकाशित करता है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक नई दिशा और सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक है। इसलिए, इस दीपावली पर हम सभी से आह्वान करते हैं कि हर घर में सुंदरकांड हो और हर परिवार मंगलमय हो। यही मार्गदर्शन हमें एक समृद्ध राष्ट्र की ओर ले जाएगा।

संतों के अनुसार, "जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन"यह जीवन की एक सच्चाई है, जो हमें अपने आहार और जीवनशैली पर दोबारा विचार करने का आह्वान करती है। इसके तहत, राष्ट्रीय स्तर पर दूध, दही मट्ठा थाली में पेप्सी, कोकोकोला नाली में जैसे अभियानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि हम स्वदेशी उत्पादों की ओर रुख करें और अपने समाज को एक स्वस्थ जीवनशैली प्रदान करें।

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