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यह देश बाकी देश से इतना अलग कैसे हैं, क्या है खास जो भारतीयों को लुभाता है, क्यों हर भारतीय यहाँ आना चाहता है
Country Which is Different From Others: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की नींव 1971 में रखी गई थी, जब छह अमीरातों ने मिलकर UAE बनाया और 1972 में रास अल खैमा भी इसमें शामिल हो गया।
Country Which is Different From Others (Image Credit-Social Media)
Country Which is Different From Others: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) एक ऐसा देश है जो अपनी अनूठी शासन व्यवस्था, आधुनिकता और परंपराओं के मिश्रण के लिए जाना जाता है। सात अमीरातों - अबू धाबी, दुबई, शारजाह, अजमान, उम्म अल क्वैन, रास अल खैमा और फुजैराह - से मिलकर बना यह देश एक फेडरल सिस्टम के तहत काम करता है, जो न केवल इसकी राजनीतिक संरचना को खास बनाता है, बल्कि इसे बाकी खाड़ी देशों और विश्व के अन्य देशों से भी अलग करता है।
UAE की सरकार का ढांचा
UAE की सरकार एक फेडरल प्रेसिडेंशियल इलेक्टिव कॉन्स्टिट्यूशनल मोनार्की है। इसे आसान भाषा में समझें तो यह सात अमीरातों का एक संघ है, जहां प्रत्येक अमीरात का अपना शासक (Emir) होता है, लेकिन ये सभी एक फेडरल ढांचे के तहत एकजुट होकर देश को चलाते हैं। इसकी नींव 1971 में रखी गई थी, जब छह अमीरातों ने मिलकर UAE बनाया और 1972 में रास अल खैमा भी इसमें शामिल हो गया। इसकी खासियत यह है कि यह एक संवैधानिक राजतंत्र है, जहां शासक चुनकर राष्ट्रपति बनते हैं, लेकिन यह सामान्य गणतंत्र की तरह नहीं है।
संविधान का आधार: UAE का संविधान 1971 में बनाया गया और 1996 में इसे स्थायी रूप दिया गया। इसमें 152 लेख हैं, जो देश के लक्ष्यों, नागरिकों के अधिकारों, फेडरल और स्थानीय शक्तियों के बंटवारे को परिभाषित करते हैं। यह संविधान देश को एकजुट रखने और सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का आधार है।
फेडरल सुप्रीम काउंसिल: यह UAE की सबसे बड़ी निर्णय लेने वाली संस्था है। इसमें सातों अमीरातों के शासक शामिल हैं। यह काउंसिल राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव करती है। साथ ही, यह फेडरल कानूनों को मंजूरी देती है और विदेश नीति जैसे बड़े मुद्दों पर फैसले लेती है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री: वर्तमान में अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान UAE के राष्ट्रपति हैं, जो मई 2022 से इस पद पर हैं। दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हैं। ये दोनों पद परंपरागत रूप से अबू धाबी और दुबई के शासकों को दिए जाते हैं, क्योंकि ये दो सबसे बड़े और आर्थिक रूप से शक्तिशाली अमीरात हैं।
कैबिनेट और मंत्रालय: UAE की कैबिनेट में 37 मंत्री हैं, जिनमें 9 महिलाएं शामिल हैं। यह कैबिनेट देश की नीतियों को लागू करने और विभिन्न क्षेत्रों जैसे विदेशी मामले, वित्त, शिक्षा और स्वास्थ्य को संभालने का काम करती है। यह फेडरल सरकार का कार्यकारी अंग है।
स्थानीय और फेडरल शक्तियों का संतुलन
UAE की सरकार की सबसे बड़ी खासियत है इसका फेडरल और स्थानीय शक्तियों का संतुलन। प्रत्येक अमीरात को अपने आंतरिक मामलों में काफी स्वायत्तता मिली हुई है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता बनाए रखने के लिए कुछ क्षेत्र फेडरल सरकार के नियंत्रण में हैं।
स्थानीय स्वायत्तता: प्रत्येक अमीरात का अपना शासक होता है, जो अपने क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक नीतियों को नियंत्रित करता है। उदाहरण के लिए, अबू धाबी तेल संसाधनों पर केंद्रित है, जबकि दुबई व्यापार और पर्यटन का केंद्र है। शारजाह सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
फेडरल अधिकार: विदेश नीति, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और मुद्रा जैसे बड़े मुद्दे फेडरल सरकार के पास हैं। यह सुनिश्चित करता है कि देश एकजुट होकर वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाए रखे।
नगर पालिकाएं और स्थानीय परिषदें: अबू धाबी और दुबई जैसे बड़े अमीरातों में नगर पालिकाएं और कार्यकारी परिषदें हैं, जो स्थानीय प्रशासन को और मजबूत करती हैं। ये परिषदें अपने अमीरात के विकास और बुनियादी ढांचे पर काम करती हैं।
फेडरल नेशनल काउंसिल (FNC)
UAE में फेडरल नेशनल काउंसिल (FNC) एक सलाहकार संसद है, जिसमें 40 सदस्य होते हैं। इनमें से 20 सदस्यों का चुनाव होता है, और 20 को अमीरातों के शासक नियुक्त करते हैं। यह UAE की शासन व्यवस्था में जनता की भागीदारी को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।2006 में पहली बार FNC के लिए चुनाव शुरू हुए। शुरुआत में केवल कुछ हजार लोग ही वोट डाल सकते थे, लेकिन 2019 तक यह संख्या बढ़कर 3 लाख 30 हजार से अधिक हो गई। 2023 के चुनाव में 41% उम्मीदवार महिलाएं थीं, जो लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
UAE की शासन व्यवस्था की विशेषताएं
UAE की शासन व्यवस्था को खास बनाने वाली कई विशेषताएं हैं, जो इसे अन्य देशों से अलग करती हैं।
परंपरा और आधुनिकता का मिश्रण: UAE का शासन पुरानी परंपराओं जैसे मजलिस (जहां शासक जनता की समस्याएं सुनते हैं) को आधुनिक प्रशासनिक ढांचे के साथ जोड़ता है। यह मिश्रण इसे अनूठा बनाता है।
आर्थिक विविधता: अबू धाबी तेल पर निर्भर है, तो दुबई पर्यटन और व्यापार पर। यह विविधता देश को आर्थिक स्थिरता देती है और शासन को लचीला बनाती है।
महिलाओं का सशक्तिकरण: UAE ने महिलाओं को शासन में महत्वपूर्ण भूमिका दी है। कैबिनेट और FNC में उनकी हिस्सेदारी अन्य खाड़ी देशों की तुलना में कहीं अधिक है।
पारदर्शिता और तकनीक: UAE ने 2023 में UAE लेजिस्लेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जिससे कानूनों तक पहुंच आसान हुई। यह पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाता है।
सामाजिक समावेश: UAE में 96% आबादी मुस्लिम है, लेकिन हिंदू, ईसाई, सिख और अन्य धर्मों के लिए भी जगह है। अब्राहमिक फैमिली हाउस जैसे प्रोजेक्ट धार्मिक सहिष्णुता को दर्शाते हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य: शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं नागरिकों के लिए मुफ्त हैं। यह सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है।
UAE की सरकार एक अनूठा मॉडल है, जो परंपरा और आधुनिकता को एक साथ जोड़ता है। इसका फेडरल ढांचा, स्थानीय स्वायत्तता और प्रगतिशील नीतियां इसे खाड़ी क्षेत्र में अलग बनाती हैं। यह न केवल आर्थिक विकास में आगे है, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देकर वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाता है। हालांकि, राजनीतिक स्वतंत्रता और प्रवासी अधिकारों जैसे क्षेत्रों में सुधार की गुंजाइश है। फिर भी, UAE का शासन मॉडल एक ऐसी कहानी है, जो दुनिया भर के देशों को प्रेरित करती है कि कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद तेजी से प्रगति की जा सकती है।
शिक्षा की विशेषताएं
UAE की शिक्षा व्यवस्था की कई खासियतें हैं, जो इसे वैश्विक स्तर पर अलग बनाती हैं।
दोहरी भाषा प्रणाली: सरकारी स्कूलों में अरबी और अंग्रेजी दोनों में पढ़ाई होती है। यह बच्चों को स्थानीय संस्कृति के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाता है। निजी स्कूलों में हिंदी, फ्रेंच, और उर्दू जैसे विकल्प भी हैं।
स्मार्ट लर्निंग: UAE ने तकनीक को शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाया है। 'Smart Education Initiative' के तहत स्कूलों में टैबलेट, इंटरैक्टिव बोर्ड और AI-आधारित लर्निंग टूल्स का उपयोग होता है। 2023 तक 90% सरकारी स्कूल डिजिटल लर्निंग से लैस हो चुके हैं।
समावेशी शिक्षा: UAE में विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए समावेशी स्कूल और प्रोग्राम हैं। 'People of Determination' पहल के तहत ऑटिज्म और डिस्लेक्सिया जैसे बच्चों के लिए विशेष शिक्षक और सुविधाएं उपलब्ध हैं।
महिलाओं की हिस्सेदारी: UAE में शिक्षा में लैंगिक समानता पर जोर है। 2023 के आंकड़ों के अनुसार, 70% से अधिक विश्वविद्यालय स्नातक महिलाएं हैं। यह खाड़ी देशों में सबसे ज्यादा है।
बुजुर्गों के लिए शिक्षा: कम्युनिटी सेंटर और विश्वविद्यालय बुजुर्गों के लिए मुफ्त या रियायती कोर्स ऑफर करते हैं, जैसे डिजिटल स्किल्स, सुलेख, और इतिहास। Mohammed Bin Rashid Library और शारजाह के कम्युनिटी कॉलेज इसके उदाहरण हैं।
वोकेशनल ट्रेनिंग: तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया जाता है। 'Tawteen' और 'Emirates Skills' जैसे प्रोग्राम युवाओं और वयस्कों को नौकरी के लिए तैयार करते हैं।
UAE में स्वास्थ्य सेवाएं
मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं नागरिकों के लिए: UAE के नागरिकों, खासकर बुजुर्गों, को सरकारी अस्पतालों और क्लीनिकों में मुफ्त इलाज मिलता है। यह सुविधा 'Thiqa' कार्ड के जरिए दी जाती है, जो अबू धाबी में 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए विशेष है।
विशेष बुजुर्ग देखभाल केंद्र: UAE में बुजुर्गों के लिए कई डे-केयर सेंटर और होम केयर सेवाएं हैं। उदाहरण के लिए, दुबई में 'Senior Healthcare Centers' हैं, जहां बुजुर्गों को फिजियोथेरेपी, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और सामाजिक गतिविधियां उपलब्ध कराई जाती हैं।
होम हेल्थकेयर: बुजुर्गों के लिए घर पर ही डॉक्टर, नर्स और फिजियोथेरेपिस्ट की सेवाएं उपलब्ध हैं। यह उन लोगों के लिए खास है जो अस्पताल जाने में असमर्थ हैं। SEHA (Abu Dhabi Health Services Company) ऐसी सेवाएं प्रदान करती है।
टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ: UAE ने टेलीमेडिसिन को बढ़ावा दिया है, जिससे बुजुर्ग अपने घर से ही डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। 'DHA' (Dubai Health Authority) اپلیکیشن के जरिए वीडियो कॉल पर अपॉइंटमेंट बुक किए जा सकते हैं। 2020-23 के बीच में कोविड के दौरान इसकी मांग में 300% की वृद्धि हुई।
विशिष्ट अस्पताल: शेख शखबूत मेडिकल सिटी और क्लीवलैंड क्लिनिक अबू धाबी जैसे अस्पताल बुजुर्गों के लिए विशेष वार्ड और सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे कार्डियोलॉजी, डायबिटीज मैनेजमेंट और ऑर्थोपेडिक्स।
प्रिवेंटिव हेल्थ प्रोग्राम: UAE सरकार बुजुर्गों के लिए मुफ्त स्क्रीनिंग प्रोग्राम चलाती है, जैसे कैंसर, डायबिटीज और हृदय रोगों की जांच। 'Weqaya' प्रोग्राम इसका उदाहरण है, जो रोगों को रोकथाम करने पर जोर देता है।
मानसिक स्वास्थ्य: बुजुर्गों में डिप्रेशन और डिमेंशिया जैसी समस्याओं के लिए विशेष काउंसलिंग और थेरेपी सेंटर हैं। रास अल खैमाह और शारजाह में 'Elderly Happiness Programs' चलाए जाते हैं, जहां सामाजिक गतिविधियों के जरिए मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जाता है।
अन्य देशों से क्यों अलग?
UAE की स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं, खासकर बुजुर्गों के लिए, कई कारणों से अन्य देशों से अलग हैं:
विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा: UAE के अस्पताल और विश्वविद्यालय वैश्विक मानकों के हैं, जो इसे सऊदी अरब या कतर जैसे पड़ोसी देशों से आगे रखता है।
सांस्कृतिक समावेश: UAE में 200 से अधिक राष्ट्रीयताओं के लोग रहते हैं, और सरकार ने सभी के लिए सेवाएं डिज़ाइन की हैं। यह यूरोपीय देशों से भी अलग है, जहां प्रवासियों को अक्सर ऐसी सुविधाएं नहीं मिलतीं।
तेजी से डिजिटलकरण: UAE ने स्वास्थ्य और शिक्षा में डिजिटल तकनीक को तेजी से अपनाया है। टेलीमेडिसिन और ऑनलाइन लर्निंग में इसकी प्रगति भारत जैसे देशों से कहीं आगे है।
सरकारी निवेश: UAE सरकार GDP का 20% से अधिक स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च करती है, जो इसे खाड़ी क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश करने वाला देश बनाता है।
सामाजिक कल्याण: UAE में बुजुर्गों को केवल मरीज या छात्र के रूप में नहीं, बल्कि समाज के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखा जाता है। यह दृष्टिकोण इसे रूढ़िवादी समाजों से अलग करता है।
UAE की शिक्षा व्यवस्था एक ऐसी कहानी है, जो परंपरा, आधुनिकता और समावेशिता का शानदार मिश्रण पेश करती है। यह न केवल बच्चों और युवाओं, बल्कि बुजुर्गों के लिए भी सीखने के अवसर प्रदान करती है। स्मार्ट लर्निंग, वैश्विक पाठ्यक्रम, और भारी सरकारी निवेश इसे खाड़ी क्षेत्र और दुनिया में अलग बनाते हैं। हालांकि, निजी शिक्षा की लागत और जागरूकता जैसे क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है। फिर भी, UAE का यह मॉडल दिखाता है कि कैसे एक छोटा सा देश शिक्षा के जरिए वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत पहचान बना सकता है।
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