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सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही ‘दूसरे चांद’ के जन्म होने की कहानी - असल में क्या है 2025 PN7?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ‘दूसरे चांद’ की खबर सच नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार 2025 PN7 धरती का दूसरा चांद नहीं, बल्कि एक क्वाज़ी-मून है जो सूर्य की परिक्रमा करता है और लगभग 50 साल तक पृथ्वी के साथ तालमेल में रहेगा।
2025 PN7 (Image Credit-Social Media)
Second Moon: अभी तक रात के वक्त धरती से आकाश की ओर देखने और हमें असंख्य तारों के बीच एक ही चांद नजर आता रहा है वहीं सोशल मीडिया पर हाल ही में यह दावा वायरल हुआ कि धरती को उसका दूसरा चांद मिल गया येहै। हजारों यूजर्स ने इस रहस्यमयी खगोलीय पिंड की तस्वीरें और खबरें शेयर कीं। लेकिन वैज्ञानिकों ने इन खबरों को गलतफहमी बताया है। दरअसल, जिसे 'दूसरा चांद' कहा जा रहा है, वह एक क्वाज़ी-मून (Quasi-Moon) है यानि एक ऐसा छोटा क्षुद्रग्रह (Asteroid) जो धरती की तरह सूर्य की परिक्रमा करता है, लेकिन धरती के बहुत करीब रहकर उसके साथ तालमेल में चलता है। इसे 2025 PN7 नाम दिया गया है और फिलहाल यह धरती की कक्षा के साथ लगभग 50 वर्षों तक तालमेल बनाए रखेगा।आइए जानते हैं इस पर विस्तार से -
कैसे हुई इस रहस्यमयी पिंड 2025 PN7 की पहचान
2025 PN7 की खोज अगस्त 2025 में हवाई स्थित Pan-STARRS ऑब्ज़र्वेटरी ने की। यह खोज तब संभव हुई जब आधुनिक टेलिस्कोपिक सिस्टम ने धरती के पास एक अत्यंत मंद रोशनी वाले पिंड को रिकॉर्ड किया। अमेरिकी Astronomical Society के अनुसार, यह पिंड बहुत छोटे आकार (करीब 19 मीटर या 62 फीट) का है और दशकों से धरती की कक्षा के पास मौजूद था।
खोज से जुड़े खगोलविद ' कार्लोस और राउल डे ला फुएंते मार्कोस' का कहना है कि यह इतना धुंधला और छोटा है कि इसे सामान्य टेलीस्कोप से नहीं देखा जा सकता। यह अब तक पृथ्वी के साथ गुपचुप तरीके से अपनी कक्षीय यात्रा कर रहा था और आधुनिक तकनीक ने आखिरकार इसकी मौजूदगी उजागर की।
2025 PN7 को क्यों मिला 'क्वाज़ी-मून' नाम
2025 PN7 को 'क्वाज़ी-मून' इसलिए कहा ट्रिम जाता है क्योंकि यह धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से स्थायी रूप से बंधा नहीं है। यह सूर्य की परिक्रमा करता है, लेकिन इसकी कक्षा धरती की कक्षा से इतनी मेल खाती है कि यह हर समय पृथ्वी के आसपास दिखाई देने वाली स्थिति में रहता है। आसान शब्दों में समझें तो यह सूर्य का उपग्रह है, न कि पृथ्वी का। जब यह अपनी परिक्रमा पूरी करता है तो ऐसा लगता है जैसे यह धरती के साथ-साथ चल रहा हो, जबकि वास्तव में यह सूर्य के चारों ओर घूम रहा होता है। इसी वजह से वैज्ञानिक दृष्टि से इसे दूसरा चांद कहना गलत है।
क्या हैं धरती के चांद और क्वाज़ी-मून के बीच का अंतर
धरती से नजर आने वाला वास्तविक चांद पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से बंधा हुआ स्थायी उपग्रह है। जो लगभग 27 दिन में एक परिक्रमा पूरी भी करता है। जबकि क्वाज़ी-मून पृथ्वी के साथ केवल तालमेल में घूमता है, लेकिन गुरुत्वाकर्षण से बंधा नहीं होता। असली चांद हर समय पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जबकि 2025 PN7 सूर्य की परिक्रमा करते हुए धरती के मार्ग के पास से गुजरता है। दोनों की गति और दिशा में तालमेल होने के कारण यह देखने में पृथ्वी का उपग्रह प्रतीत होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि 2025 PN7 की कक्षा धरती की कक्षा से थोड़ी बड़ी है और यह हर बार सूर्य के चारों ओर घूमते हुए पृथ्वी से कुछ आगे या पीछे रहता है।
कितना बड़ा और कितना पुराना है 2025 PN7 पिंड
खगोलविदों के अनुमान के अनुसार, यह पिंड लगभग 19 मीटर चौड़ा है, जो किसी बड़े घर या छोटे बस जितना आकार रखता है। इसका सतही प्रतिबिंब बहुत कमजोर है (magnitude 26), इसलिए इसे अब तक कोई टेलीस्कोप नहीं पकड़ पाया था। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह 1950 के दशक से धरती की कक्षा के करीब घूम रहा है और कम से कम 2083 तक ऐसा करता रहेगा। उसके बाद यह धीरे-धीरे पृथ्वी की कक्षा से दूर चला जाएगा और अपनी स्वतंत्र राह पर लौट आएगा।
अब से पहले भी मिल चुके हैं ऐसे क्वाज़ी-मून
यह पहली बार नहीं है जब वैज्ञानिकों ने ऐसा पिंड खोजा है। इससे पहले Kamoʻoalewa और 2023 FW13 जैसे क्वाज़ी-मून भी पाए जा चुके हैं, जो धरती की कक्षा के पास वर्षों तक घूमते रहे। खास बात यह है कि 2023 FW13 लगभग 1500 ईसा पूर्व से धरती के साथ तालमेल में है और अगले सैकड़ों वर्षों तक रहेगा।
इन पिंडों की खोज से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलती है कि सूर्य के चारों ओर घूमने वाले छोटे पिंड धरती के गुरुत्वाकर्षण और सौर प्रभाव के बीच कैसे संतुलन बनाते हैं। यह जानकारी भविष्य में अंतरिक्ष यात्राओं, उपग्रह बीवी बीवी बीवीvvमिशनों और ग्रह सुरक्षा (Planetary Defense) योजनाओं के लिए भी उपयोगी साबित हो सकती है।
क्या 2025 PN7 धरती के लिए खतरा है?
विशेषज्ञों के अनुसार 2025 PN7 धरती के लिए किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है। इसका मार्ग अपनी जगह पर स्थिर है, जिसपर ये निरंतर यात्रा करता हैं। इससे यह कभी भी धरती से टकराने की स्थिति में नहीं आएगा। इसका अध्ययन केवल वैज्ञानिक और शैक्षणिक दृष्टि से किया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसे पिंडों की गतिविधियों पर बेहतर नजर रखी जा सके। इस प्रकार यह धरती के लिए दूसरा चांद नहीं, बल्कि सौर प्रणाली का एक नन्हा यात्री है। जो धरती पास से गुजरते हुए अपनी एक झलक दिखा गया है।
डिस्क्लेमर:
यह लेख वैज्ञानिक रिपोर्ट्स और खगोल विशेषज्ञों की जानकारी पर आधारित है। 2025 PN7 धरती का दूसरा चांद नहीं, बल्कि एक क्वाज़ी-मून है जो सूर्य की परिक्रमा करता है। इसका उद्देश्य केवल तथ्यात्मक जानकारी देना है, न कि किसी वायरल दावे का समर्थन करना।
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