Happy Teachers Day 2025: वह तीन सितारे जिन्होंने भौतिकी को नई ऊँचाई दी

Happy Teachers Day 2025: तीनों शिक्षकों की पृष्ठभूमि और कार्यक्षेत्र भले ही अलग हों—कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री, IIT की प्रयोगशालाएँ या किसी ट्रस्ट की कक्षा लेकिन इनका साझा उद्देश्य एक ही है।

Newstrack          -         Network
Published on: 5 Sept 2025 10:35 AM IST
Happy Teachers Day 2025: वह तीन सितारे जिन्होंने भौतिकी को नई ऊँचाई दी
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Teachers Day 2025: शिक्षा की दुनिया में कुछ शिक्षक अपनी अलग शैली, दृष्टि और योगदान के कारण लंबे समय तक याद किए जाते हैं। भौतिकी जैसे कठिन माने जाने वाले विषय को सरल और रोचक बनाने में कई शिक्षकों ने अहम भूमिका निभाई है। शिक्षक दिवस के अवसर पर तीन नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं—नितिन विजय (NV सर), प्रोफेसर एच.सी. वर्मा, और विवेक मद्धेशिया।

NV सर: कोटा से उभरा एक नया अध्याय


कोटा को शिक्षा नगरी बनाने में योगदान देने वाले शिक्षकों में NV SIR का नाम प्रमुख है। IIT BHU से स्नातक एन.वी. सर ने Motion Educational Pvt. Ltd. की स्थापना की। उनकी शिक्षण पद्धति को छात्र इसलिए सराहते हैं क्योंकि वे कठिन से कठिन अवधारणाओं को भी उदाहरणों और कहानियों के ज़रिए सरल बना देते हैं। उनकी शैली ने JEE और NEET जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हज़ारों छात्रों को प्रभावित किया है।

प्रो. एच.सी. वर्मा (HC Verma) : अवधारणाओं के शिल्पकार


एच.सी. वर्मा, जो IIT कानपुर के भौतिकी विभाग से प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त हुए, लंबे समय तक छात्रों के बीच “Concepts of Physics” पुस्तक के लिए पहचाने जाते रहे हैं। पटना साइंस कॉलेज और बाद में IIT कानपुर से पढ़ाई करने वाले वर्मा सर ने अपने अध्यापन और पुस्तकों के ज़रिए भारतीय छात्रों की एक पूरी पीढ़ी को भौतिकी की बुनियादी समझ दी। उनकी लिखी किताब आज भी JEE की तैयारी करने वाले अधिकांश छात्रों की पहली पसंद मानी जाती है।

विवेक मद्धेशिया : संघर्ष से शिक्षण तक


उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले से आने वाले विवेक मद्धेशिया की कहानी अलग तरह की है। आर्थिक रूप से बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले विवेक ने अपने अध्ययन काल में सड़क किनारे चना बेचकर पढ़ाई का खर्च पूरा किया। बाद में उन्होंने IIT मद्रास से physics मे पोस्टग्रैजूइट किया और वर्तमान में पटना स्थित एक ट्रस्ट में पढ़ा रहे हैं। यहाँ वे उन छात्रों को मार्गदर्शन दे रहे हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं और JEE व NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। अब तक उनके मार्गदर्शन में 100 से अधिक छात्र IIT और NIT में प्रवेश पा चुके हैं। विवेक सर का मानना है—“ज्ञान बाँटने से बढ़ता है, और शिक्षक की असली कमाई उसके छात्रों की सफलता है।”। अक्सर NEET के छात्र - छात्रों की सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उन्हें भौतिकी के गणितीय आधार जैसे Trigonometry, vector, calculus, Graphical Analysis etc कठिन लगते हैं, और उसी कारण जटिल भौतिकी प्रश्नों को हल करने में कठिनाई होती है इस समस्या के समाधान के लिए आजकल विवेक सर छात्रों की सुविधा के लिए मैथमैटिकल फिज़िक्स पर एक बुक भी लिख रहे हैं ।

साझा धरोहर

तीनों शिक्षकों की पृष्ठभूमि और कार्यक्षेत्र भले ही अलग हों—कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री, IIT की प्रयोगशालाएँ या किसी ट्रस्ट की कक्षा लेकिन इनका साझा उद्देश्य एक ही है: भौतिकी को सरल बनाना और विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का अवसर देना।

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