Consequences of Earth not rotating:धरती के रुकने पर क्या होगा? जानें भयानक नतीजे

What if Earth stops spinning:धरती का घूमना केवल भौतिक क्रिया नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। अगर यह बंद हो जाए, तो वह दिन धरती पर जीवन की अंतिम घड़ी होगी।

Shivani Jawanjal
Published on: 29 Oct 2025 6:12 PM IST
Consequences of Earth not rotating:धरती के रुकने पर क्या होगा? जानें भयानक नतीजे
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Pic Credit - Social Media

Earth rotation stops effects:कल्पना कीजिए कि एक दिन अचानक हमारी धरती अपनी धुरी पर घूमना बंद कर दे। यह विचार जितना असंभव लगता है, उतना ही भयावह भी है। धरती का घूमना हमारी दैनिक ज़िंदगी, जलवायु, मौसम और यहाँ तक कि हमारे अस्तित्व के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि अगर धरती का घुमाव अचानक या धीरे-धीरे रुक जाए तो क्या-क्या परिणाम सामने आएंगे।

धरती का घूमना क्यों ज़रूरी है

धरती अपने अक्ष (axis) पर लगभग 1670 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से विषुवत रेखा (equator) पर घूमती है। यही घूर्णन दिन और रात का कारण है। इसके साथ-साथ यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा भी करती है, जिससे ऋतुओं का निर्माण होता है। अगर धरती घूमना बंद कर दे, तो न सिर्फ दिन-रात का क्रम समाप्त हो जाएगा, बल्कि ग्रह की भौतिक और वायुमंडलीय संतुलन भी पूरी तरह बिगड़ जाएगा।

पहला प्रभाव - भीषण विनाश

अगर धरती अचानक रुक जाए, तो इसका असर बेहद भयानक होगा। धरती की सतह पर मौजूद हर चीज़, जैसे इमारतें, पेड़-पौधे, वाहन, जानवर और इंसान, अपनी गति के कारण अचानक आगे की ओर फेंक दी जाएगी। समुद्र की लहरें विशाल सुनामी में बदल जाएँगी, जो हज़ारों मीटर ऊँची हो सकती हैं। पहाड़ तक उखड़ सकते हैं और इमारतें ढह जाएँगी। इस तरह सिर्फ कुछ ही सेकंड में धरती पर मौजूद लगभग हर चीज़ तबाह हो सकती है।

अगर धीरे-धीरे घूमना रुके

अगर धरती का घूमना धीरे-धीरे रुकने लगे, तो असर तुरंत नहीं दिखेगा, लेकिन परिणाम उतने ही खतरनाक होंगे। दिन और रात की लंबाई बढ़ जाएगी, एक दिन महीनों या सालों जैसा हो सकता है। लंबे दिन में सूर्य की गर्मी लगातार पड़ने से वह हिस्सा जल जाएगा, जबकि लंबे रात वाले हिस्से में बहुत ठंड पड़ने से बर्फ और ठंडी मरुस्थलीय हालत बन जाएगी। इस तरह, धरती का अधिकांश भाग जीवन के लिए असहनीय हो जाएगा।

वायुमंडल और हवाओं का संकट

धरती के अचानक रुक जाने पर वायुमंडल यानी वातावरण अपनी जड़ता (inertia) के कारण घूमता रहेगा। इससे धरती की सतह पर हज़ारों किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएँ चलेंगी, जो किसी भी चीज़ को नष्ट कर देंगी। इन अति तीव्र हवाओं से न केवल धरती की सतह उजड़ जाएगी, बल्कि महासागर और रेगिस्तान का विभाजन भी समाप्त हो जाएगा।

चुंबकीय क्षेत्र का अंत

धरती अगर अचानक रुक जाए, तो वायुमंडल अपनी गति के कारण घूमता रहेगा। इससे धरती की सतह पर हज़ारों किलोमीटर प्रति घंटे की तेज़ हवाएँ चलेंगी, जो सब कुछ नष्ट कर देंगी। इन भयानक हवाओं से न केवल शहर और पेड़-पौधे तबाह होंगे, बल्कि महासागर और रेगिस्तान के बीच का फर्क भी मिट जाएगा।

गुरुत्वाकर्षण और स्थल परिवर्तन

धरती का घूमना उसे थोड़ा चपटा आकार देता है, लेकिन अगर यह रुक जाए तो धीरे-धीरे धरती पूरी तरह गोल होने लगेगी। इससे समुद्र का पानी धीरे-धीरे ध्रुवों की ओर खिसक जाएगा। विषुवत के पास के इलाके सूखकर मरुस्थल में बदल सकते हैं और महाद्वीपों का आकार भी काफी बदल जाएगा।

समय और जीवन का अर्थ समाप्त

अगर धरती का घुमाव रुक जाए, तो दिन और रात का फर्क खत्म हो जाएगा और समय की गणना का कोई मतलब नहीं रहेगा। पौधे सही मात्रा में रोशनी न मिलने से मरने लगेंगे, जिससे भोजन श्रृंखला भी टूट जाएगी। तापमान, ऑक्सीजन और रोशनी का प्राकृतिक चक्र नष्ट होने के कारण मनुष्य के लिए जीवन असंभव हो जाएगा।

वैज्ञानिक दृष्टि से संभावना

विज्ञान के अनुसार, धरती का घूमना एकदम से रुक नहीं सकता क्योंकि इसके लिए असीम ऊर्जा की आवश्यकता होगी। हालाँकि, वैज्ञानिक मानते हैं कि अरबों वर्षों में यदि ज्वारीय बल (tidal forces) धीरे-धीरे पृथ्वी की गति कम करें, तो एक दिन यह संभव हो सकता है कि पृथ्वी चंद्रमा की तरह एक ही चेहरे से सूर्य की ओर मुड़ी रहे। उस समय भी जीवन का अस्तित्व असंभव होगा।

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