प्रेम, भय, आस्था और चमत्कार

Love Fear Faith and Miracles : बबिया ने दशकों तक मंदिर परिसर में शांति और सौहार्द से जीवन व्यतीत किया और अक्टूबर 2022 में लगभग 75 वर्ष की उम्र में इस दुनिया से विदा हुआ।

Shashi Bhushan Dubey
Published on: 16 July 2025 6:45 PM IST
Love Fear Faith and Miracles
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Love Fear Faith and Miracles (Image Credit-Social Media)

Love Fear Faith and Miracles: केरल के प्रसिद्ध अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर की पवित्र झील में एक विलक्षण जीव निवास करता था — बबिया, एक पौराणिक और शाकाहारी मगरमच्छ। ऐसा माना जाता है कि बबिया ने 1945 में उस झील में प्रकट होकर सभी को चकित कर दिया था, जब एक ब्रिटिश सैनिक ने मंदिर के पिछले मगरमच्छ को गोली मार दी थी। कुछ ही दिनों बाद, यह शांतिप्रिय रक्षक रहस्यमयी रूप से उस जलाशय में दिखाई दिया।

बबिया ने दशकों तक मंदिर परिसर में शांति और सौहार्द से जीवन व्यतीत किया और अक्टूबर 2022 में लगभग 75 वर्ष की उम्र में इस दुनिया से विदा हुआ। भक्तों का विश्वास था कि वह कोई सामान्य मगरमच्छ नहीं, बल्कि एक दैवी रक्षक था जो केवल मंदिर का प्रसाद—पका हुआ चावल और गुड़—ही ग्रहण करता था।


इन सात दशकों में बबिया ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया। श्रद्धालु उसी जल में स्नान करते थे, जहाँ वह तैरता था। स्थानीय जन उसे एक पशु नहीं, बल्कि श्रद्धा, शांति और दिव्य व्यवस्था का जीवित प्रतीक मानते थे।

मंदिर स्वयं — जो एक झील के मध्य स्थित है — तिरुवनंतपुरम के प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर का मूल स्थान (मूलस्थान) माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार, यही वह पवित्र स्थल है जहाँ भगवान कृष्ण एक गुफा में अंतर्धान हो गए थे, और तब से यह झील एक दैवी मगरमच्छ रक्षक द्वारा सुरक्षित मानी जाती है।

पुजारियों के अनुसार, झील में एक समय में केवल एक ही मगरमच्छ रहता है। जैसे ही एक मगरमच्छ का निधन होता है, रहस्यमयी ढंग से एक नया मगरमच्छ प्रकट हो जाता है — न कोई जानता है कि वह कहाँ से आता है, न यह कि उसे कौन नाम देता है। यह चक्र आज तक एक रहस्य बना हुआ है — एक जाता है तो दूसरा अवश्य आता है।



बबिया की आक्रामकता से रहित प्रकृति उसके विशेष स्वभाव या मंदिर के वातावरण में अनुकूलन का परिणाम हो सकती है। महाविष्णु मंदिर की झील में उसका शांत निवास हमें भागवत पुराण की गजेन्द्र मोक्ष की कथा की याद दिलाता है।

सनातन संस्कृति में ऐसे विलक्षण जीवों को अक्सर अवतार या रक्षक माना जाता है, जो सामान्य जीव विज्ञान से परे होते हैं। विशेषतः बबिया को दैवी ऊर्जा की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति माना गया। इस मंदिर का चमत्कार यही है — कि प्रकृति में सब कुछ संभव है, यदि आस्था हो।

यदि आप ईश्वर के चमत्कारों का अनुभव करना चाहते हैं, तो एक बार केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित श्री अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर अवश्य जाएँ — जहाँ आप एक ही स्थान पर भय और प्रेम, दोनों को महसूस कर सकते हैं।

( लेखक लाइफ़ एंड डिवाइन मेंटर व द इंडियन स्कूल ऑफ नेचुरल स्पिरिचुअल साइंसेज़ के संस्थापक हैं।)

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Shweta Srivastava

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मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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