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दक्षिणेश्वर काली मंदिर- जहां स्वप्न से हुई शुरुआत, रामकृष्ण को मिला आत्मज्ञान और गूंजती हैं चमत्कारों की कहानियां

Dakshineshwar Kali Temple: चमत्कारों, रहस्यों और गहन भक्ति का केंद्र है दक्षिणेश्वर काली मंदिर जो स्थित है गंगा के पवित्र तट पर आइये जानते हैं इस मंदिर से जुड़े कई रोचक तथ्य।

Jyotsna Singh
Published on: 30 Jun 2025 8:29 PM IST
Dakshineshwar Kali Temple
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Dakshineshwar Kali Temple (Image Credit-Social Media)

Dakshineshwar Kali Temple: गंगा के पवित्र तट पर स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि चमत्कारों, रहस्यों और गहन भक्ति का केंद्र है। रानी रश्मोनी के दिव्य स्वप्न से शुरू हुआ यह मंदिर, रामकृष्ण परमहंस की साधना और काली मां की कृपा कथाओं से गूंजता है। आइए इस भव्य मंदिर के 7 रोचक तथ्यों के साथ इससे जुड़ी रहस्यमयी मान्यताओं के बारे में जानकारी हासिल करते हैं -

मंदिर से जुड़ी रहस्यपूर्ण मान्यताएं और कहानियां

स्वप्न में मिला आदेश- मंदिर निर्माण की रहस्यमयी शुरुआत


इस मंदिर की स्थापना की प्रेरणा रानी रश्मोनी को एक स्वप्न में मिली थी। देवी काली ने उन्हें गंगा तट पर एक मंदिर बनवाने का आदेश दिया। रानी रश्मोनी, जो उस समय बंगाल की एक धनी और प्रभावशाली विधवा थीं। इन्होंने लगभग 20 एकड़ ज़मीन खरीदी और 1855 में इस मंदिर का निर्माण पूरा कराया।

काली मां की मूर्ति से आती है ऊर्जा की अनुभूति

भक्तों का मानना है कि जब वे भवतारिणी काली की मूर्ति के सामने ध्यान करते हैं तो उनके शरीर में एक विशेष ऊर्जा का संचार होता है। कई साधकों और श्रद्धालुओं ने यहां ध्यान करते समय 'जैसे कोई अदृश्य शक्ति स्पर्श कर रही हो' ऐसा अनुभव बताया है।

रामकृष्ण परमहंस की समाधि अवस्था और मां काली का सजीव दर्शन

रामकृष्ण परमहंस ने इसी मंदिर में साधना करते हुए मां काली का साक्षात् अनुभव किया था। उनके अनुसार, मां काली ने उन्हें अपनी सजीव उपस्थिति का आभास करवाया था। वे घंटों तक काम समाधि की अवस्था में रहते और कहते, मां सिर्फ मूर्ति नहीं, वे यहीं हैं जीवित' यह अनुभव उन्हें बार-बार होता था।

काली मां का क्रोधित रूप एक पौराणिक घटना


कहा जाता है कि एक बार एक पुजारी ने मंदिर की मर्यादा का उल्लंघन किया। उसी रात, उसे सपने में काली मां ने क्रोधित होकर दर्शन दिए और अगले दिन वह पुजारी गंभीर रूप से बीमार हो गया। लोगों का मानना है कि मंदिर के नियमों और पवित्रता की रक्षा स्वयं देवी करती हैं।

भवतारिणी मां करती हैं कष्टों से मुक्त

यह भी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से काली मां के सामने अपनी समस्या रखते हैं, उन्हें एक प्रकार का मानसिक समाधान प्राप्त होता है। कई भक्तों ने दावा किया है कि उन्हें असाध्य रोगों, मानसिक परेशानियों और पारिवारिक संकटों से आश्चर्यजनक रूप से राहत मिली।

गंगा जल में स्नान से मिलता विशेष फल


भक्तों का विश्वास है कि मंदिर के पास बहती हुगली (गंगा) नदी में स्नान करने से पाप कटते हैं और शरीर ही नहीं, आत्मा भी शुद्ध होती है। यह स्थान ‘तीर्थ’ की श्रेणी में आता है और विशेष अवसरों पर लाखों श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं।

रानी रश्मोनी की आत्मा की उपस्थिति का विश्वास

कुछ स्थानीय लोग और साधक आज भी मानते हैं कि रानी रश्मोनी की आत्मा मंदिर परिसर में सकारात्मक ऊर्जा के रूप में विद्यमान है। उनका जीवन, सेवा और साहस आज भी यहां महसूस किया जा सकता है। विशेष रूप से मंदिर की सुबह की आरती के समय।

दक्षिणेश्वर काली मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक जीवंत रहस्य है, जिसमें आस्था, चमत्कार, प्रेम और अध्यात्म की गूंज सुनाई देती है। यह मंदिर उन लाखों लोगों का आध्यात्मिक आधार है जो मां भवतारिणी की शरण में शांति, शक्ति और समाधान की खोज में आते हैं। यदि आप भी इस मंदिर की यात्रा करें, तो यहां की रहस्यमयी ऊर्जा को आप स्वयं अनुभव करेंगे।

नवरत्न शैली का अद्भुत वास्तुशिल्प

दक्षिणेश्वर काली मंदिर बंगाल की पारंपरिक नवरत्न वास्तुकला में बना है। इसका मुख्य मंदिर नौ शिखरों (छोटे गुंबदों) वाला है। परिसर में 12 शिव मंदिर और एक राधा-कृष्ण मंदिर भी स्थित है, जो इसकी सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं।

देवी भवतारिणी का निवास

इस मंदिर की मुख्य देवी भवतारिणी काली हैं। जो देवी काली का एक शांत और करुणामयी रूप हैं। ऐसा माना जाता है कि भवतारिणी अपने भक्तों को संसार के जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति दिलाती हैं। यहां की मूर्ति काले पत्थर से बनी है और भव्य वस्त्रों व आभूषणों से सजी रहती है।

रामकृष्ण परमहंस का आध्यात्मिक केंद्र

महान संत रामकृष्ण परमहंस ने इस मंदिर में वर्षों तक पुजारी के रूप में सेवा की। यहीं उन्होंने आत्मानुभूति की चरम अवस्था प्राप्त की और धर्मों की एकता की बात की। उनका कक्ष आज भी मंदिर परिसर में स्थित है और भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

गंगा का आध्यात्मिक संगम


मंदिर हुगली नदी (गंगा की एक शाखा) के किनारे स्थित है, जो इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा को और बढ़ाता है। भक्त यहां पूजा के बाद गंगा स्नान भी करते हैं। जिसे शुद्धिकरण का प्रतीक माना जाता है।

रानी रश्मोनी का राष्ट्रप्रेम

रानी रश्मोनी केवल धार्मिक प्रवृत्ति की नहीं थीं, बल्कि ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अपने दृढ़ रुख के लिए भी जानी जाती थीं। दक्षिणेश्वर मंदिर का निर्माण उस दौर में एक साहसिक कदम था। जब भारतीय समाज अंग्रेजी दमन के अधीन था। मंदिर उनके साहस, सेवा और देशप्रेम का प्रतीक बन गया।

पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए लोकप्रिय केंद्र

दक्षिणेश्वर काली मंदिर आज न केवल बंगाल या भारत के श्रद्धालुओं का केंद्र है। बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। मंदिर परिसर की शांति, स्थापत्य कला और आध्यात्मिक वातावरण हर किसी को आकर्षित करता है। यहां रोज़ हजारों लोग दर्शन करने आते हैं।

कैसे पहुंचें

स्थान - कोलकाता से लगभग 15 किलोमीटर दूर, बैरकपुर ट्रंक रोड पर स्थित।

लोकल ट्रेन, टैक्सी या मेट्रो के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन दक्षिणेश्वर स्टेशन है।

मंदिर का समय प्रातः 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक (विशेष पर्वों पर समय में परिवर्तन संभव)। मंदिर में आयोजित होने वाले विशेष पर्व काली पूजा, अमावस्या, दुर्गा अष्टमी जैसे अवसरों पर खास आयोजन होते हैं।

दक्षिणेश्वर काली मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आस्था, इतिहास, वास्तुकला और देशभक्ति का अद्भुत संगम है। यहां मौजूद देवी काली की दिव्यता इस स्थान को एक अनुपम पहचान देती है। यदि आप कोलकाता जा रहे हैं, तो इस मंदिर की यात्रा आपके अनुभव को आध्यात्मिक रूप से और अधिक समृद्ध बना देगी।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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