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National Insurance Awareness Day: राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस: बीमा की ताकत को समझने का दिन

National Insurance Awareness Day: 28 जून को भारत में राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस मनाया जाता है आइये जानते हैं इसका इतिहास और महत्त्व।

Akshita Pidiha
Published on: 26 Jun 2025 2:21 PM IST
National Insurance Awareness Day 2025 History in Hindi
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National Insurance Awareness Day 2025 History in Hindi (Image Credit-Social Media)

National Insurance Awareness Day: हर साल 28 जून को भारत में राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस मनाया जाता है। ये दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक मौका है, जब हम बीमा के महत्व को समझते हैं और अपनी ज़िंदगी को और सुरक्षित बनाने की सोचते हैं। बीमा, जो कभी सिर्फ एक कागज़ी दस्तावेज़ लगता था, आज हमारी ज़िंदगी का एक ज़रूरी हिस्सा बन चुका है। ये हमें अनहोनी से बचाने का ढाल देता है, चाहे वो स्वास्थ्य हो, संपत्ति हो या फिर भविष्य की अनिश्चितताएँ। लेकिन क्या हम सचमुच बीमा की ताकत को समझते हैं।

बीमा: ज़िंदगी का सेफ्टी नेट

बीमा को समझने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि ये है क्या। आसान शब्दों में, बीमा एक ऐसा समझौता है, जिसमें आप बीमा कंपनी को नियमित तौर पर थोड़ा-थोड़ा पैसा देते हैं, और बदले में कंपनी वादा करती है कि अगर आपके साथ कुछ अनहोनी हो, तो वो आपका नुकसान पूरा करेगी। ये एक तरह का सेफ्टी नेट है, जो आपको और आपके परिवार को मुश्किल वक्त में संभालता है।


बीमा कई तरह का होता है: जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, वाहन बीमा, घर का बीमा, फसल बीमा और यात्रा बीमा। हर तरह का बीमा आपकी ज़िंदगी के अलग-अलग हिस्सों को सुरक्षा देता है।

भारत में बीमा की शुरुआत 1818 में हुई, जब कोलकाता में ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी शुरू हुई। ये देश में जीवन बीमा का पहला कदम था।

1956 में जीवन बीमा निगम (LIC) का गठन हुआ, जिसने बीमा को आम लोगों तक पहुँचाया। आज LIC देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है।

बीमा सिर्फ नुकसान की भरपाई नहीं करता, बल्कि ये आपको टैक्स बचाने, भविष्य के लिए पैसे जोड़ने और रिटायरमेंट की प्लानिंग में भी मदद करता है।

लेकिन सच कहें, तो भारत में आज भी बहुत से लोग बीमा को ज़रूरी नहीं मानते। यही वजह है कि राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस जैसे दिन की ज़रूरत पड़ती है।

राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस: क्यों और कैसे शुरू हुआ

राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस हर साल 28 जून को मनाया जाता है। इसका मकसद है लोगों को बीमा के फायदों के बारे में बताना और उन्हें अपनी पॉलिसी की समीक्षा करने के लिए प्रेरित करना। लेकिन इस दिन की शुरुआत कैसे हुई, इसके पीछे कोई आधिकारिक कहानी तो नहीं है, मगर माना जाता है कि बीमा कंपनियों और सरकार ने मिलकर इसे शुरू किया, ताकि बीमा की पहुंच को बढ़ाया जा सके।

ये दिन लोगों को याद दिलाता है कि बीमा सिर्फ अमीरों के लिए नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए है, जो अपनी ज़िंदगी को सुरक्षित करना चाहता है।

भारत में बीमा की पहुंच (पेनेट्रेशन) अभी भी कम है। 2022 के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, जीवन बीमा की पहुंच 3.2% है, जो वैश्विक औसत के बराबर है, मगर गैर-जीवन बीमा सिर्फ 1% है।

इस दिन बीमा कंपनियाँ, बैंक और एनजीओ मिलकर जागरूकता अभियान चलाते हैं। स्कूल, कॉलेज और गाँवों में सेमिनार, क्विज़ और कैंप लगाए जाते हैं।

सोशल मीडिया पर भी इस दिन हैशटैग जैसे #InsuranceAwarenessDay ट्रेंड करते हैं, जिससे युवा पीढ़ी तक बीमा की बात पहुँचती है।

ये दिन हमें ये सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमने अपनी ज़िंदगी के लिए सही बीमा चुना है। क्या हमारी पॉलिसी अप-टू-डेट है।

बीमा का इतिहास: भारत में कैसे बनी ये ज़रूरत


भारत में बीमा की कहानी 200 साल से भी पुरानी है। ये सिर्फ एक वित्तीय प्रोडक्ट नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा का एक ज़रिया बन चुका है।

1818 में ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की शुरुआत हुई, जो भारत में पहली बीमा कंपनी थी। उस वक्त बीमा सिर्फ अंग्रेज़ों और अमीर भारतीयों तक सीमित था।

1912 में इंडियन लाइफ एश्योरेंस कंपनीज़ एक्ट आया, जिसने बीमा को और व्यवस्थित किया।

1956 में जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण हुआ और LIC की स्थापना हुई। इसके बाद 1972 में सामान्य बीमा (जैसे स्वास्थ्य, वाहन) का भी राष्ट्रीयकरण हुआ।

2000 में IRDAI (बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) की स्थापना हुई, जिसने बीमा क्षेत्र को और पारदर्शी बनाया।

आज भारत में 24 जीवन बीमा और 34 गैर-जीवन बीमा कंपनियाँ हैं। लेकिन फिर भी, ग्रामीण इलाकों में बीमा की जागरूकता कम है। यही वजह है कि राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस का महत्व और बढ़ जाता है।

बीमा के फायदे: क्यों है ये ज़रूरी

बीमा को समझना उतना मुश्किल नहीं, जितना लोग सोचते हैं। ये आपकी ज़िंदगी को कई तरह से आसान और सुरक्षित बनाता है।

अनहोनी से सुरक्षा: चाहे अचानक बीमारी हो, दुर्घटना हो या प्राकृतिक आपदा, बीमा आपको वित्तीय तौर पर संभालता है।

परिवार की देखभाल: अगर आपके साथ कुछ हो जाए, तो जीवन बीमा आपके परिवार को आर्थिक सहारा देता है।

भविष्य की प्लानिंग: बीमा योजनाएँ आपको रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए पैसे जोड़ने में मदद करती हैं।

टैक्स बचत: इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C और 80D के तहत बीमा प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है।

मानसिक सुकून: ये जानकर कि आपका भविष्य सुरक्षित है, आप ज़िंदगी को और खुलकर जी सकते हैं।

लेकिन बीमा लेते वक्त सावधानी बरतनी ज़रूरी है। सही पॉलिसी चुनें, शर्तें अच्छे से पढ़ें और अपने ज़रूरतों के हिसाब से प्लान लें।

राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस: क्या होता है इस दिन

28 जून को देश भर में बीमा जागरूकता से जुड़े कई कार्यक्रम होते हैं। ये दिन सिर्फ बीमा कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए है, जो अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाना चाहता है।

बीमा कंपनियाँ अपने ग्राहकों को मुफ्त सलाह देती हैं। कई बार वो पुरानी पॉलिसी की समीक्षा करने में भी मदद करती हैं।

स्कूल-कॉलेजों में क्विज़ और निबंध प्रतियोगिताएँ होती हैं, ताकि बच्चे बीमा के बारे में कम उम्र से ही समझें।

गाँवों में कैंप लगाए जाते हैं, जहाँ किसानों को फसल बीमा और मज़दूरों को स्वास्थ्य बीमा की जानकारी दी जाती है।

टीवी, रेडियो और अखबारों में बीमा से जुड़े विज्ञापन और लेख छपते हैं, जो लोगों को प्रेरित करते हैं।

IRDAI इस दिन खास अभियान चलाता है, जैसे 2016 में हुए पैन इंडिया क्विज़, जिसमें 44 बीमा कंपनियों ने हिस्सा लिया था।

ये दिन हमें याद दिलाता है कि बीमा सिर्फ एक ज़रूरत नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी है।

भारत में बीमा की चुनौतियाँ


हालांकि बीमा क्षेत्र में भारत ने बहुत तरक्की की है, मगर अभी भी कई चुनौतियाँ हैं, जिन्हें दूर करना ज़रूरी है।

कम जागरूकता: खासकर गाँवों में लोग बीमा को समझते ही नहीं। उन्हें लगता है कि ये सिर्फ पैसा बर्बाद करने का तरीका है।

महँगी पॉलिसी: कुछ लोगों को लगता है कि बीमा प्रीमियम देना उनके बजट से बाहर है।

जटिल शर्तें: बीमा पॉलिसी की भाषा इतनी पेचीदा होती है कि आम आदमी उसे समझ ही नहीं पाता।

भरोसे की कमी: कुछ लोग बीमा कंपनियों पर भरोसा नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि क्लेम मिलना मुश्किल है।

कम पहुंच: ग्रामीण इलाकों में बीमा एजेंट्स की कमी है, जिससे लोग बीमा लेने से हिचकते हैं।

राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस इन चुनौतियों से निपटने का एक ज़रिया है। इस दिन बीमा को आसान और भरोसेमंद बनाने की कोशिश की जाती है।

सरकार की बीमा योजनाएँ: हर किसी के लिए कुछ न कुछ

भारत सरकार ने बीमा को आम लोगों तक पहुँचाने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। ये योजनाएँ कम प्रीमियम पर ज़्यादा कवरेज देती हैं।

  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): 436 रुपये सालाना प्रीमियम पर 2 लाख का जीवन बीमा।
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): 20 रुपये सालाना प्रीमियम पर 2 लाख का दुर्घटना बीमा।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): किसानों के लिए फसल नुकसान की भरपाई।
  • आयुष्मान भारत: गरीब परिवारों के लिए 5 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा।
  • वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना: बुज़ुर्गों के लिए रिटायरमेंट प्लान।

इन योजनाओं ने बीमा को गरीब और मध्यम वर्ग तक पहुँचाया है। राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस पर इन योजनाओं का प्रचार भी खूब होता है।

बीमा कैसे चुनें: कुछ आसान टिप्स


बीमा लेना आसान है, बशर्ते आप सही तरीके से फैसला लें। यहाँ कुछ टिप्स हैं, जो आपको सही पॉलिसी चुनने में मदद करेंगे।

अपनी ज़रूरत समझें: क्या आपको जीवन बीमा चाहिए, स्वास्थ्य बीमा या दोनों। ये तय करें।

प्रीमियम की तुलना करें: अलग-अलग कंपनियों की पॉलिसी चेक करें और देखें कि कौन सस्ता और बेहतर है।

शर्तें पढ़ें: पॉलिसी की बारीकियों को समझें, ताकि क्लेम के वक्त दिक्कत न हो।

कंपनी का रिकॉर्ड चेक करें: ऐसी कंपनी चुनें, जिसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो अच्छा हो।

एजेंट से सलाह लें: अगर कुछ समझ न आए, तो किसी भरोसेमंद एजेंट से बात करें।

राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस पर कई कंपनियाँ मुफ्त सलाह देती हैं, तो इस मौके का फायदा ज़रूर उठाएँ।

बीमा का भविष्य भारत में बहुत उज्ज्वल है। टेक्नोलॉजी और सरकार की कोशिशों से बीमा और आसान और सुलभ हो रहा है।

डिजिटल बीमा: अब आप ऑनलाइन पॉलिसी खरीद सकते हैं। पेपरलेस प्रोसेस ने बीमा को तेज़ बनाया है।

माइक्रो-इंश्योरेंस: छोटे प्रीमियम वाली पॉलिसी, जो गरीबों के लिए खास हैं।

AI और डेटा एनालिटिक्स: ये टेक्नोलॉजी बीमा कंपनियों को बेहतर प्रोडक्ट डिज़ाइन करने में मदद कर रही हैं।

हेल्थकेयर बीमा की माँग: कोविड के बाद लोग स्वास्थ्य बीमा को ज़्यादा गंभीरता से ले रहे हैं।

राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस इन नए बदलावों को लोगों तक पहुँचाने का एक ज़रिया है।

राष्ट्रीय बीमा जागरूकता दिवस सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि एक मौका है, जब हम अपनी ज़िंदगी को और सुरक्षित बनाने की सोच सकते हैं। बीमा वो दोस्त है, जो मुश्किल वक्त में आपका साथ देता है। ये न सिर्फ आपके नुकसान की भरपाई करता है, बल्कि आपके सपनों को भी हकीकत में बदलने में मदद करता है। तो इस 28 जून को एक प्रण लें कि आप अपनी बीमा पॉलिसी को चेक करेंगे, अपने परिवार के लिए सही प्लान चुनेंगे और बीमा की ताकत को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाएँगे।क्योंकि बीमा सिर्फ एक पॉलिसी नहीं, बल्कि एक भरोसा हैऔर भरोसे से बढ़कर ज़िंदगी में और क्या चाहिए।

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