VIDEO: भारत के 5 ऐसे अनोखे मंदिर, जहां भगवान को चढ़ता है मटन, मछली और बिरयानी, प्रसाद में मिलता है नॉनवेज!

Non Vegetarian Temple Rituals: इन मंदिरों में मिलने वाला नॉनवेज प्रसाद न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि लोगों की गहरी श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक भी है।

Ragini Sinha
Published on: 1 Aug 2025 11:40 AM IST (Updated on: 1 Aug 2025 11:46 AM IST)
Top 5 indian temple
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Top 5 indian temple where nonveg offered to God and served as prasad (social media)

Non Vegetarian Temple Rituals: हिंदू धर्म और भारत को अक्सर शाकाहार से जोड़कर देखा जाता है, और यही कारण है कि अधिकतर मंदिरों में प्रसाद के रूप में केवल शुद्ध शाकाहारी भोजन ही वितरित किया जाता है। लेकिन भारत जैसे विविधता वाले देश में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं, जहां मांस, मछली और शराब जैसे नॉनवेज प्रसाद भी देवी-देवताओं को चढ़ाए जाते हैं और भक्तों में बांटे जाते हैं। यह हिंदू संस्कृति की विशालता और विविधता को दर्शाता है।

कामाख्या मंदिर, असम

असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित यह मंदिर देवी शक्ति के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यहां देवी को बकरी की बलि दी जाती है और मांस को पकाकर प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है। खासकर अम्बुबाची मेले के समय ‘खासी’ नामक विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है। यहां मछली की चटनी भी देवी को अर्पित की जाती है। मान्यता है कि यह देवी की मासिक धर्म की अवधि होती है और इस दौरान ‘अंगधक’ नामक कपड़ा, जो देवी के रक्त से रंजित माना जाता है, भक्तों को पवित्र प्रसाद के रूप में दिया जाता है।


काल भैरव मंदिर, उज्जैन

मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित यह मंदिर भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव को समर्पित है। यहां भगवान को शराब और मांस अर्पित किया जाता है। भक्तों को भी शराब और मांस प्रसाद के रूप में मिलता है।

मुनीयंडी स्वामी मंदिर, तमिलनाडु

मदुरै जिले के वडक्कमपट्टी गांव में स्थित इस मंदिर में हर साल तीन दिन का विशेष उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान भक्तों को चिकन और मटन बिरयानी प्रसाद के रूप में दी जाती है।

विमला मंदिर, ओडिशा

पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर परिसर में मौजूद विमला देवी के मंदिर में दुर्गा पूजा के अवसर पर मांस और मछली का भोग लगाया जाता है। बलि के बाद मांस को पकाकर ‘बिमला परुषा’ नामक प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है।

तारकुलहा देवी मंदिर, उत्तर प्रदेश

गोरखपुर जिले में स्थित इस मंदिर में चैत्र नवरात्रि के दौरान खिचड़ी मेला लगता है। इस दौरान देवी को बकरी की बलि दी जाती है और उसका मांस पकाकर भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।


परस्सिनीकड़वु मंदिर, केरल

भगवान मुथप्पन को समर्पित इस मंदिर में मछली और ताड़ी चढ़ाई जाती है। इसे पकाकर प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है।

कालिघाट मंदिर, पश्चिम बंगाल

कोलकाता में स्थित यह 200 साल पुराना मंदिर शक्ति पीठों में से एक है। यहां देवी काली को बकरी की बलि दी जाती है और मांस प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

तारापीठ मंदिर, पश्चिम बंगाल

बीरभूम जिले में स्थित इस मंदिर में भी मांस और शराब का भोग चढ़ाया जाता है, जिसे बाद में भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।भारत के ये मंदिर यह दिखाते हैं कि हिंदू धर्म में केवल एक ही तरह की आस्था नहीं है, बल्कि विविध मान्यताएं और परंपराएं हैं।

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